कोरोना का देश की अर्थव्यवस्था (Country's economy) पर भी खासा असर पड़ा है. देश के सबसे बड़े बैंक RBI की मौद्रिक नीति (Monetary policy) ऐसा ही इशारा करती है. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने बताया कि वित्तवर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी ग्रोथ का असल अनुमान (GDP growth forecast) 9.5% रखा गया है जबकि ये पहले 10.5% था. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना की पहली लहर के मुकाबले इस बार आर्थिक गतिविधियां उतनी प्रभावित नहीं हुई हैं. वैक्सीनेशन की गति बढ़ने पर अर्थव्यवस्था में भी तेजी देखने को मिलेगी.
इसके अलावा रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4% पर और रिवर्स रेपो दर 3.35% पर ही बरकरार रखा है. इसका मतलब है कि आपकी ईएमआई में कोई बदलाव नहीं (No change in EMI) होगा.
दरअसल रेपो रेट घटाने पर लोन (Loan) सस्ता हो जाता है ठीक इसके उलट रेपो रेट (repo rate) बढ़ने पर लोन महंगा हो जाता है. हालांकि अच्छी बात ये है कि केंद्रीय बैंक ने महंगाई के अपने अनुमान में हल्की कमी की है. जिसके मुताबिक पहली तिमाही में महंगाई दर 5.20 फीसदी रह सकती है, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.7 और चौथी तिमाही में यह 5.3 फीसदी हो सकती है.