Food Safety and Standards authority of India (FSSAI) प्लांट बेस्ड फूड प्रोडक्ट की पहचान को आसान बनाने के लिए उसकी लेबलिंग पर गंभीरता से विचार कर रहा है. इसी को लेकर FSSAI ने प्लांट बेस्ड फूड प्रोडक्ट्स की लेबलिंग के लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया है जिसमें वीगन फूड के लिए खास रेगुलेशन और लोगो तैयार किया गया है. तो अगर आप प्लांट बेस्ड डायट फॉलो करते हैं तो जल्द ही आपके लिए बाज़ार से वीगन फूड खरीदना आसान होने जा रहा है.
बता दें कि वीगन फूड वो होते हैं जिसमें किसी भी जानवर या उनके ज़रिए तैयार किए गए किसी प्रोडक्ट को शामिल नहीं किया जाता है. वीगन फूड में डेयरी प्रोडक्ट, दूध, शहद, पनीर, मक्खन, अंडे और मांस जैसी चीजों के इंग्रेडिएंट्स भी नहीं होते हैं. ये फूड पूरी तरह से प्लांट बेस्ड होते हैं. FSSAI कहता है कि ऐसे प्रोडक्ट्स में रेशम, डाई की चीजें भी शामिल नहीं होती हैं
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FSSAI की ओर से तैयार ड्राफ्ट के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति वीगन फूड के नाम पर किसी भी फूड को बनाने, पैकिंग, बिक्री, डिस्ट्रीब्यूशन, इंपोर्ट और एक्सपोर्ट नहीं करेगा जबतक कि वे नियमों के तहत निर्धारित ज़रूरतों का पालन नहीं करते हैं. वीगन कहे जाने वाले फूड प्रोडक्ट या इंग्रेडिएंट्स में ना ही जानवरों के ज़रिये तैयार तत्व होगा और ना ही उसे तैयार करने में जानवर से जुड़ा कोई भी GMO कॉम्पोनेंट होना चाहिए. वीगन कहे जाने वाले फूड प्रोडक्ट्स की ट्रेसिबिलिटी को मैनुफैक्चरर लेवल तक तैयार किया जाएगा और ज़रूरत पड़ने पर इसकी समय समय पर जांच की जाएगी
तैयार मसौदे में आगे ये भी बताया गया है कि अगर कोई कंपनी या फूड बिजनेस वीगन फूड बनाना चाहता है तो उसे फूड सेफ्टी रेगुलेटर को सभी ज़रूरी जानकारियों के साथ एक आवेदन देना होगा. साथ ही प्लांट, मशीनरी, परिसर की जानकारी देनी होगी. ज़रूरत पड़ने पर संबंधित फूड सेफ्टी ऑफिसर या नामित अधिकारी दावे की जांच कर सकेगा. वीगन फूड का लाइसेंस से देने पहले फाइनल प्रोडक्ट की जांच मॉलीक्यूलर और रासायनिक या दोनों तरीकों से की जा सकेगी ताकि ये पता लगाया जा सके कि कहीं इन खाने की चीज़ों में जानवर से आया कोई तत्व तो नहीं है.