एक ऐसी चीज़ जो हर किचन में पाई जाती है वो है नमक.. कितनी भी मेहनत कर लीजिये लेकिन अगर नमक सही ना डालें तो आपकी डिश का स्वाद खराब हो जाता है. लेकिन सभी नमक एक जैसे नहीं होते. आजकल सी सॉल्ट अपने टेक्सचर और स्वाद के कारण शेफ्स का पसंदीदा नमक बन गया है.
कुछ लोगों का ये भी मानना है कि सी सॉल्ट सादे नमक का एक बेहतर विकल्प है. ये बात कितनी सच है आइये जानते हैं .
सी सॉल्ट और रेगुलर सॉल्ट में जो सबसे मुख्य अंतर है वो है इसका स्वाद, टेक्सचर और प्रोसेसिंग का तरीका.
टेबल सॉल्ट को ज़मीन के अंदर से निकाला जाता है और उसमें से इम्प्योरिटी और दूसरे मिनरल के कणों को दूर करने के लिए उसे काफी प्रोसेस किया जाता है. उसके बाद उसमें कुछ ऐसे एजेंट्स मिलाये जाते हैं जो नमक को एक जगह इकठ्ठा होने से रोकते हैं. इन्हें एंटी केकिंग एजेंट कहा जाता है. इसके अलावा भारत समेत बाहर के कई देशों में नमक में आयोडीन भी मिलाया जाता है जो थायरॉइड को संतुलित रखने के लिए ज़रूरी है.
वहीं समुद्री नमक यानी सी सॉल्ट वो नमक होता है जो समुद्र या नमकीन झीलों के पानी के इवेपोरेशन यानी भाप से इकठ्ठा किया जाता है.
ये टेबल सॉल्ट की तुलना में कम प्रोसेस्ड होता है और इसमें कुछ मात्रा में आयरन, पोटेशियम और ज़िंक जैसे मिनरल्स की मौजूदगी हो सकती है. नेचुरल मिनरल्स, इमप्योरिटीज़ और पानी कहां से इकठ्ठा किया गया है ये तीन चीज़ें नमक के स्वाद और टेक्सचर को तय करती हैं. साइंटिफिक रिपोर्ट्स की एक रिसर्च में बताया गया है कि कई बार सी सॉल्ट में माइक्रोप्लास्टिक भी मौजूद हो सकता है.
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का कहना है कि न्यूट्रिशन के लिहाज (LIHAAZ) से दोनों ही नमक में कोई खास अंतर नहीं पाया गया है. AHA का कहना है कि सी सॉल्ट इस्तेमाल करने का स्वास्थ्य के लिए कोई साफ फायदा नज़र नहीं आया है. जहां तक मिनरल्स की बात है तो वो तो आपको दूसरे हेल्दी फ़ूड आइटम्स को अपनी डाइट में शामिल करने से भी मिल सकते हैं. सी सॉल्ट में आपको ज़रूरी आयोडीन भी नहीं मिलेगा.
ये आप अपनी चॉइस और टेस्ट बड्स के हिसाब से तय कर सकते हैं. हां ये ध्यान रखिये कि आप जिस भी नमक का इस्तेमाल करें वो ज़रूरत से ज़्यादा ना हो.