हवाई अड्डे और कई भीड़-भाड़ वाली जगहों पर स्निफर डॉग्स यानी सूंघ कर चीजों के पता लगाने वाले कुत्तों को देखा होगा. ये कुत्ते सुरक्षाकर्मियों को विस्फोटक, ड्रग्स, इलेक्ट्रॉनिक्स या आक्रामक चीजों के बारे में पता लगाने में मदद करते हैं. हालिया रिसर्च में विशेषज्ञों ने दावा किया है कि कुत्ते, इंसानों को सूंघ कर उनमें कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगा सकते हैं. जिससे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. रिसर्च के अनुसार ये कुत्ते खतरनाक वायरस का सूंघ कर पता लगाने में 88 प्रतिशत सही साबित हुए. ये RT-PCR के मुकाबले कहीं गुना ज़्यादा तेज़ी से इस वायरस का पता लगा सकते हैं.
लंदन स्कूल ऑफ़ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसन और डरहम यूनिवर्सिटी में ये शोध किया गया. रिसर्चर्स ने पाया कि डॉग स्क्रीन और स्वॉब टेस्टिंग के ज़रिये वो 91 प्रतिशत तक इंफेक्शन का पता लगाने में सफल रहे. कोरोना संक्रमण की जांच में Antigen टेस्ट में कम से कम 30 मिनट और RT-PCR टेस्ट में 24 से 36 घंटे लग जाते हैं जबकि Sniffer Dogs ने तुरंत ही सूंघ कर संक्रमण की पहचान कर ली.
इस अध्ययन के दौरान इन कुत्तों को कई लोगों के पहने हुए मोज़े, फेस मास्क और टी शर्ट्स सूंघने के लिए दी गईं. जिनके ज़रिये स्निफर डॉग्स ने सूंघ कर वायरस का पता लगा लिया. जिन लोगों में सिम्पटम्स नहीं थे या जिनके शरीर में वायरस का लेवल बहुत कम था उन लोगों का पता भी इस टेस्ट के ज़रिये लगा लिया गया.
रिसर्च टीम का मानना है कि स्निफर डॉग्स को एयरपोर्ट्स और भीड़ भाड़ वाले रेलवे स्टेशंस पर मास स्क्रीनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन साथ ही उन्होने ये भी कहा कि अकेले डॉग्स के सूंघने पर भरोसा ना करके स्क्रीनिंग के दूसरे तरीकों का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए.