अगले वित्त वर्ष (financial year) से पैक्ड सामान (packed goods) पर एमआरपी (MRP) के साथ साथ कंपनियां उसकी प्रति इकाई कीमत की भी जानकारी देगी. कंज्यूमर डिपार्टमेंट (consumer department) ने ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए ये बड़ा फैसला लिया है. इस नए नियम के आधार पर ये जाना जा सकेगा कि किस कंपनी का प्रोडक्ट महंगा और सस्ता है. दरअसल, अभी चावल, आटा, बिस्कुट जैसे पैकड प्रोडक्ट खरीदने पर प्रति इकाई कीमत का पता नहीं चलता है.
भारत सरकार पैकड प्रोडक्ट के नियम 2011 में बदलाव करने की तैयारी में है. इसके फर्स्ट फेज़ में 19 तरह की कमोडिटी को शामिल किए जाने पर सहमति बनी है. इसके तहत किसी पैकेट का भार 1 किलो से ज्यादा होने पर उसकी प्रति किलो कीमत बतानी होगी. जबकि, 1 किलों से कम के प्रोडक्ट पर प्रति ग्राम कीमत बताना जरूरी होगा. कंपनियों को प्रोडक्ट पर xx.xx फॉर्मेट में ही कीमत बतानी जरूरी होगी.
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