कोविड 19 के मेन्टल हेल्थ पर असर के अलावा, कई रिपोर्ट्स ने पेंडेमिक के दौरान लगे रेस्ट्रिक्शन्स और लोगों के एक दूसरे से ना मिल पाने के प्रतिकूल असर का भी ज़िक्र किया गया. लेकिन UK में हुई एक नई रिसर्च ये दावा किया है कि अकेले में बिताये गए वक़्त के उतने नुकसान भी नहीं हैं.
एक नई स्टडी में पता चला है पेंडेमिक के दौरान अकेले बिताये गए टाइम का हर एज ग्रुप के लोगों की सेहत पर पॉज़िटिव असर देखने को मिला. फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी में पब्लिश्ड ये रिसर्च लगभग 2,000 लोगों के इंटरव्यू पर आधारित है. ये इंटरव्यू UK में 2020 में लॉकडाउन के दौरान किये गए थे.
स्टडी में बताया गया कि इस रिसर्च में भाग लेने वाले ज़्यादातर लोगों ने पेंडेमिक के दौरान एकांत में बिताये गए वक़्त को अपनी क्षमता बढ़ाने और अपने हिसाब से बिताया गया समय बताया.
इस दौरान लोगों ने स्किल डेवेलपमेंट और नई गतिविधियों पर समय खर्च किया जिस वजह से उन्हें क्षमता विकास का एहसास हुआ और क्यूंकि इस एकाकीपन के दौरान लोगों ने खुद के साथ समय बिताया और खुद को जानने में समय लगाया जिस वजह से उन्हें स्वतंत्रता का एहसास हुआ. अकेले में बिताये गए इस समय का सबसे खराब एक्सपीरियंस उन वयस्कों को हुआ जो घर से काम कर रहे थे. 35.6 परसेंट लोगों ने इस दौरान खराब सेहत की शिकायत की. टीम का मानना है कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्यूंकि इस एज ग्रुप के लोगों को ट्रेवलिंग और काम के बीच में ब्रेक के दौरान जो मी टाइम मिलता था वो उन्हें नहीं मिल पाया.
कुल मिलाकर स्टडी में बताया गया है कि आपकी ओवरऑल हेल्थ के लिए अकेले में शांतिपूर्वक वक़्त बिताना बेहद ज़रूरी है.