देश में मंहगाई अपने चरम पर है, और अर्थव्यवस्था भी अपने बुरे दौर से गुजर रही है. लेकिन इन हालातों में गरीब और गरीब (Gap between rich and poor) होता जा रहा है, जबकि अमीर की तिजोरी और भरती जा रही है. सरकार ने एक सर्वे किया. जिसके मुताबिक, देश के टॉप 10 फीसदी शहरी परिवारों के पास औसतन 1.5 करोड़ रुपये (Rich has 1.5 crore) की संपत्ति है, जबकि भारत के शहरों में निचले वर्ग के परिवारों के पास औसतन सिर्फ 2,000 रुपये की संपत्ति (poor only ₹2000) है.
हालांकि देश के ग्रामीण इलाकों में ये अंतर काफी हद तक कम है. सर्वे के मुताबिक, गांवों में टॉप 10% लोगों के पास औसतन 81.17 लाख रुपये की संपत्ति है. वही निचले वर्ग के पास औसत के तौर पर केवल 41 हजार रुपये की संपत्ति है. इस सर्वें में गरीब और अमीर के बीच माली हैसियत का ये अंतर बेहद चौंकाने वाला है. जो लगातार बढ़ता जा रहा है.
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) के 77वें दौर के तहत अखिल भारतीय ऋण और निवेश ने ये सर्वे किया है. जो ग्रामीण क्षेत्र के 5,940 गांवों में 69,455 परिवारों और शहरी क्षेत्र के 3,995 ब्लॉकों में 47,006 परिवारों पर जनवरी से दिसंबर, 2019 के बीच किया गया था. इसका मकसद 30 जून, 2018 तक परिवारों की संपत्ति और देनदारियों को लेकर बुनियादी जानकारी इक्ट्ठा करना था.