बच्चे को ऑटिज़्म के खतरे से बचाने के लिए प्रेगनेंसी में रखें खास ख्याल

Updated : Feb 18, 2021 13:34
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Editorji News Desk

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनियाभर में हर 160 में से एक बच्चे को ऑटिज्म होता है. ऑटिज़्म एक मेंटल डिसऑर्डर है जो बच्‍चे के सोशल, कम्‍युनिकेशन और बिहेवरियल स्किल्‍स को प्रभावित करता है. अक्‍सर दो या तीन साल की उम्र से बच्‍चे में ऑटिज्‍म के संकेत मिलने शुरू हो जाते हैं. किसी भी तरीके से प्रेगनेंसी के दौरान इसका पता लगाने का कोई तरीका नहीं है इसीलिए ऑटिज़्म के खतरे से बच्चे को बचाने के लिए पहले से ही सावधान रहने की जरूरत है. महिलाएं प्रेगनेंसी और ऑटिज्म के खतरे को कम करने के लिए कुछ कदम उठा सकती हैं. आइये जानते हैं.
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, ध्यान रहे कि आप और आपका परिवार संतुलित आहार लेता हो और अपनी सेहत का ठीक तरह से ख्याल रखता हो.
गर्भवती महिलाएं समय समय पर अपना चेकअप कराते रहे. प्रेगनेंसी में खुद का और बच्चे का नियमित चेकअप जरूरी
प्रेग्नेंट महिलाओं को अल्कोहल यानी शराब से बिल्कुल दूर रहना चाहिए, प्रेगनेंसी में अल्कोहल और धू्म्रपान शिशु के लिए कई सारी मुश्किलें ला सकता है.
प्रेग्नेंसी के दौरान वायु प्रदूषण ऑटिज्म का खतरा बढ़ा सकता है, ट्रैफिक के समय में घर से बाहर निकलने से बचें
प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह के टॉक्सिक कैमिकल्स से संपर्क भी बच्चे को ऑटिज्म का शिकार बना सकता है, एक्सपर्ट्स पैक्ड फूड, प्लास्टिक और एल्युमिनियम में पैक्ड खाना खाने से बचने की सलाह देते हैं

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