फाउंडेशन फॉर एनवायरमेंट एजुकेशन (FEE), डेनमार्क ने भारत के 2 और समुद्र तटों को इस साल ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट (Blue Flag Certificate) से सम्मानित किया है. जिसके बाद भारत में ब्लू फ्लैग सर्टिफाइड बीचेज़ की संख्या अब 10 हो गई है। पिछले साल भारत के आठ बीचेज़ शिवराजपुर- गुजरात, घोघला- दीव, कासरकोड़ और पदुबिद्री-कर्नाटक, कप्पड़-केरल, रुशिकोंडा-आंध्रप्रदेश, गोल्डन- ओडिशा, राधानगर- अंडमान और निकोबार को ये सर्टिफिकेट दिया गया था जो इस साल भी बरकरार रखा गया है. इसके अलावा इस साल दो और नाम इस लिस्ट में शामिल हो गए हैं और वो हैं - तमिलनाडु का केवलन बीच और पुडुचेरी का ईडन बीच.
- ब्लू फ्लैग दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित और मान्यता प्राप्त इको लेबल अवॉर्ड है, जो समुद्र तटों, मरीना बीच और सस्टेनेबल बोटिंग टूरिज्म (TOURISM) ऑपरेटर्स को दिया जाता है.
- ये सर्टिफिकेट एक अन्तराष्ट्रीय गैर सरकारी संस्थान FFE यानी फाउंडेशन फॉर एनवायर्नमेंटल एजुकेशन द्वारा दिया जाता है.
- FFE की स्थापना साल 1985 में फ्रांस में की गई इसके दो साल बाद यानी 1987 से इसने अपना काम शुरू किया और 2001 से ये यूरोप के बाहर भी लागू किया गया.
- ये सर्टिफिकेट एक साल तक वैलिड होता है.
- किसी भी देश के समुद्री तटों को ये सर्टिफिकेट देने के लिए कई क्राइटेरियाज़ तय किये गए हैं. जिस भी देश के समुद्री तट इन पर खरे उतरते हैं उन्हें ये सर्टिफिकेट दिया जाता है.
- ऐसे लगभग 33 स्टैंडर्ड्स हैं जिन्हें इस सर्टिफिकेट के लिए पूरा किया जाना ज़रूरी है.
- इन स्टैंडर्ड्स को पूरा करने के बाद ही बाकी स्टैंडर्ड्स को ध्यान में रखा जाता है.
- इनमें एन्वॉयरन्मेंटल एजुकेशन एंड सेफ्टी, वॉटर क्वालिटी, और एन्वॉयरन्मेंटल मैनेजमेंट मुख्य रुप से शामिल हैं.
- ब्लू फ्लैग दर्जा पाने के लिए नामों की सिफारिश एक इंडिपेंडेंट नेशनल जूरी द्वारा की जाती है जिसमें पर्यावरण के जानकार और वैज्ञानिक शामिल होते हैं.
- ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट पाने वाले बीचेज़ को दुनिया के सबसे क्लीन बीचेज़ में से एक माना जाता है.
- भारत दुनिया के उन 50 देशों में शामिल हो गया है जिनके पास ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट वाले समुद्री तट हैं.