दादी-नानी के ज़माने से ही रात में गर्म-गुनगुना दूध पीकर हमें सोने की सलाह दी जाती है. ऐसा माना जाता है कि इससे दिन भर की थकान दूर होती है और नींद अच्छी आती है. लेकिन अब रिसर्चर्स ने भी इसे मान लिया है और इसके पीछे के साइंस का पता लगा लिया है.
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रिसर्चर्स ने अपनी एक स्टडी में बताया है कि वैसे तो दूध में तत्व ट्रिप्टोफेन (Tryptophan) होता है, जो नींद को बढ़ाता है. इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने स्टडी में पाया है कि दूध में मौजूद पेप्टाइड्स का मिश्रण जो कैसिइन ट्राइप्टिक हाइड्रोलाइज़ेट (CTH) कहलाता है वो तनाव से राहत दिलाता है और नींद में सुधार करता है
अमेरिकन केमिकल सोसाइटी (ACS) के जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड केमेस्ट्री में छपी स्टडी के लिए रिसर्चर्स की टीम ने इन बायोएक्टिव पेप्टाइड्स का चूहों पर सबसे बेहतरीन परीक्षण किया और देखा कि उनमें से 25 फीसदी चूहे बहुत जल्दी सो गए, और उनमें से अधिकतर चूहों की नींद में सुधार देखा गया.
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निष्कर्ष के बाद रिसर्चर्स की टीम को उम्मीद है कि इससे भविष्य में स्वाभाविक नींद के लिए नए इलाज तलाशने में मदद मिल सकेगी.