इस्लाम धर्म दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है. दुनिया भर में इस धर्म को मानने वालों की संख्या करीब 170 करोड़ है. इस्लाम का मतलब होता है समर्पण. भगवान के आगे शांतिपूर्ण तरीके से पूरा समर्पण और त्याग. इस्लाम धर्म के पांच बेसिक सिद्धान्त हैं जिन्हें धर्म के पांच पिलर्स के तौर पर जाना जाता है. आइए आपको बताते हैं कि क्या हैं ये 5 पिलर्स.
शहादा - यानि अल्लाह को मानना उसे स्वीकारना. हर मुसलमान को अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार इस बात की शहादत यानि गवाही देनी होती है कि वो अल्लाह को मानता है जो पाक और बेऐब है.
नमाज़ - अल्लाह की इबादत है, उसे राजी और उनसे माफी मांगने का जरिया है नमाज़. दिन में 5 बार नमाज पढ़ने को कहा गया है.
ज़कात - अपनी कमाई का 2.5 फीसदी हिस्सा दान करना हर मुसलमान के लिए फर्ज है. जरूरतमंदों की मदद के लिए ऐसा करना इस्लाम धर्म में अनिवार्य है.
रोज़ा - इस्लामिक कैलेंडर का 9वां महीना रमज़ान का होता है. ये महीना धार्मिक लिहाज से बहुत अहम माना गया है, इसमें हर बालिग़ मुसलमान के लिए अल्लाह की इबादत में रोज़ा यानि व्रत रखना फर्ज बताया गया है.
हज - जो मुसलमान मक्का जाकर हज करने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम हैं, उन्हें जीवन में कम से कम एक बार हज करने को कहा गया है. पर जो मुसलमान आर्थिक तौर से सक्षम हैं लेकिन शारीरिक रूप से नहीं, वो इसके बदले गरीबों में दान दे सकते हैं, या किसी गरीब को हज के लिए भेज सकते हैं.