प्रोसेस्ड फ़ूड खाने में भले ही कितना टेस्टी लगता हो लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज़ से इसे बहुत अच्छा नहीं माना जाता है. कई स्टडीज़ में भी पता चला है कि प्रोसेस्ड फ़ूड मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी जैसे कई खतरों का कारण बन सकते हैं .
अगर इसको परिभाषित करें तो कोई भी फ़ूड आइटम जिन्हें बना कर कैन और पैकेट्स में पैक कर दिया जाता है और उन्हें लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए उनमें प्रिज़र्वेटिव्स मिलाये जाते हैं या उनके न्यूट्रिशनल कम्पोज़िशन को बढ़ाने के लिए उनको फ़ोर्टिफाय किया जाता है, प्रोसेस्ड फ़ूड कहलाते हैं.
डब्बाबंद खाना, आलू के चिप्स, सोडा ये सब प्रोसेस्ड फ़ूड की कैटेगरी में आते हैं. यहां तक कि होल व्हीट ब्रेड या कटी हुई सब्ज़ियों का पैकेट भी प्रोसेस्ड फ़ूड ही कहलायेगा.
अच्छी बात ये है कि सभी प्रोसेस्ड फ़ूड आइटम्स नुकसानदायक नहीं होते हैं. जिन फ़ूड आइटम्स को कम प्रोसेस किया जाता है जैसे रोस्टेड नट्स, कटी और पैक की हुई सब्ज़ियां या पाश्चराइज़्ड मिल्क आपकी बैलेंस्ड डाइट का हिस्सा बन सकते हैं. तो वहीं फोर्टिफाइड फूड्स जैसे दूध और आयोडाइज़्ड नमक आपके शरीर को न्यूट्रिशन दे सकते हैं.
शरीर के लिए नुकसानदायक वो प्रोसेस्ड फ़ूड आइटम्स होते हैं जो नमक, चीनी और फ्लेवर्स जैसी चीज़ों से भरे हुए होते हैं. ये खाने मेंआसान होते हैं और आप इन्हें चलते फिरते कहीं भी मंच कर सकते हैं साथ ही इनकी मार्केटिंग इस तरह से की जाती है कि इन प्रोसेस्ड फ़ूड आइटम्स को अवॉयड कर पाना कई बार मुश्किल हो जाता है.
शॉपिंग के तरीके में करें बदलाव
प्रोसेस्ड फ़ूड के इस्तेमाल को कम करने का सबसे आसान तरीका ये है कि आप उन्हें खरीदें ही नहीं. जब भी खरीददारी करने जाएं तो फल, सब्ज़ियां, दालें और अनाज जैसी कम प्रोसेस की हुई चीज़ों को ही खरीदें. जितना हो सके कलरफुल रैक्स में रखे हुए अट्रैक्टिव पैकेजिंग में मौजूद फ़ूड आइटम्स को खरीदने से बचें.
ड्रिंक्स में करें बदलाव
हर बार खाने के साथ एक फैंसी सा ड्रिंक लें ऐसा बिलकुल ज़रूरी नहीं है. चीनी से भरे हुए ड्रिंक्स जैसे सोडा, फ्रूट जूस या एनर्जी ड्रिंक की जगह पानी पिएं. अगर आपको फ्लेवर ऐड करना ही है तो पानी में कोई फ्रूट, नीम्बू या हर्ब मिलाकर भी आप पी सकते हैं.
इन प्रोसेस्ड 'सफ़ेद' चीज़ों को कहें ना
अपने कार्ट में रखते वक़्त सफ़ेद चीज़ों को ब्राउन में बदल दें. नहीं समझे? हम बताते हैं... वाइट राइस, पास्ता या ब्रेड की जगह ब्राउन राईस, वीट पास्ता या वीट ब्रेड लेना शुरू कर दें. होल ग्रेन्स टेस्टी होने के साथ साथ फाइबर से भरपूर भी होते हैं जो आपके पेट को ज़्यादा देर तक भरा हुआ रहने में मदद करते हैं.
धीरे धीरे और आराम से करें शुरुआत
आज ही जोश में हमने निर्णय लिया कि अब सिर्फ घर का बना खाना खाएंगे और प्रोसेस्ड फ़ूड आइटम्स से दूर रहेंगे और रातों रात किचन की चीज़ों को रिप्लेस करना शुरू कर दिया. ऐसे आप ज़्यादा दिनों तक इस रूटीन को फॉलो नहीं कर पाएंगे. धीरे धीरे आदतों में बदलाव लाना होगा. शरीर और टेस्ट बड्स को वक़्त देना होगा कि वो इन बदलावों को एक्सेप्ट कर सकें .