ग्लूटन फ्री डाइट के बारे में तो आपने कई जगहों पर सुना और पढ़ा होगा. इसके बारे में ज़्यादा बात करने से पहले ये समझना ज़रूरी है कि ग्लूटेन है क्या? ग्लूटन एक तरह का प्रोटीन है जो गेहूं, राई और जौ जैसे अनाजों में पाया जाता है. ये खाने में मॉइश्चर और इलास्टिसिटी को बनाये रखने में मदद करता है. ग्लूटन फ्री का मतलब है ग्लूटन युक्त अनाज से दूर रहना. इस तरह की डाइट उन लोगों के लिए रेकमेंड की जाती है जो ग्लूटन सेंसिटिव होते हैं यानी उन्हें ग्लूटन हज़म नहीं होता.
इस डाइट को फॉलो करने में सबसे मुश्किल कदम है रोटी या ब्रेड को अपने डेली मील से हटाना. लेकिन चिंता मत कीजिये बहुत से ग्रॉसरी स्टोर और सुपरमार्केट्स में अब आपको ग्लूटन फ्री प्रोडक्ट्स मिल जाएंगे. इन्हें बनाने के लिए अक्सर चावल और आलू के आटे का इस्तेमाल किया जाता है. इन्हें खरीदने से पहले एक बार लेबल ज़रूर चेक कर लें ताकि आप सुनिश्चित कर सकें कि ये 100% ग्लूटन फ्री है.
अगर आप ग्लूटन फ्री डाइट शुरू करने जा रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कुछ हेल्दी फ़ूड ऑप्शंस.
कॉर्न और राईस सीरियल्स
ग्लूटन सेंसिटिव लोगों के लिए बाजार में मिलने वाले प्रचलित ब्रेकफ़ास्ट सीरियल्स नुकसानदायक हो सकते हैं लेकिन आप उनकी जगह कॉर्न या राईस से बने ब्रेकफास्ट फ़ूड का इस्तेमाल कर सकते हैं. इन्हें खरीदने से पहले आप इनका लेबल ज़रूर चेक कर लें क्योंकि इनमें से कुछ में माल्ट का इस्तेमाल हो सकता है जो ग्लूटन सेंसिटिव लोगों के लिए खतरनाक है.
पास्ता में ड़ालें नया ट्विस्ट
ये सच बात है कि चाहे किसी भी शेप या नाम का हो, ज़्यादातर पास्ता गेहूं से बना होता है. इसलिए अगर आप ग्लूटन फ्री डाइट पर हैं तो स्पेगेटी, मैक्रोनी और शेल्स को तो एकदम ना कह दीजिये. इसकी जगह आप चावल, कॉर्न या किनुआ से बने पास्ता का मज़ा ले सकते हैं.
हमेशा लीन मीट का करें इस्तेमाल
लीन मीट में फैट तो कम होता ही है और अगर आप ग्लूटन फ्री डाइट पर हैं तब भी ये आपके लिए बहुत अच्छा ऑप्शन है. चिकन, फिश या बीफ को ब्रेड के साथ खाने की बजाय आप लीन मीट का इस्तेमाल करना शुरू कर दें. इससे आपकी डाइट भी ग्लूटन फ्री बनी रहेगी और आप मीट का मज़ा भी ले सकेंगे. याद रखिये हॉट डॉग्स और डेली मीट को प्रोसेस किया जाता है इसलिए इंग्रेडिएंट्स चेक कर के ही इन्हें अपने कार्ट में ऐड करें.
कुकीज़ और केक से रहें दूर
लगभग हर किसी को केक्स और कुकीज़ पसंद होते हैं. कोई भी सेलिब्रेशन इनके बिना अधूरा है, लेकिन अगर आप ग्लूटन सेंसिटिव हैं तो आपको इनसे दूर रहना होगा.ज़्यादातर केक्स और कुकीज़ बनाने में गेहूं का इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप ये सब नहीं खा सकते तो क्या हुआ आप मार्शमैलौ, गमड्रॉप्स या प्लेन कैंडिज़ खाकर अपने मीठे की क्रेविंग्स को शांत कर सकते हैं या फिर आप ऐसी बेकरी ढूंढ सकते हैं जो ग्लूटन फ्री प्रोडक्ट्स बनाती हो.
सीलिएक बीमारी से जूझ रहे लोगों में थोड़ा सा ग्लूटन भी गैस और ब्लोटिंग, वेट लॉस, थकान और कमज़ोरी जैसी परेशानी पैदा कर सकता है. इसलिए ग्लूटन फ्री डाइट आपकी मदद कर सकती है.