यह फाल्गुन मास चल रहा है. इस मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी होली से कुछ दिन पहले आती है ऐसे में इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. हर एकादशी की तरह इस दिन भी श्री विष्णु की खास पूजा-अर्चना की जाती है.
मान्यता है कि जो व्यक्ति आमलकी एकादशी का व्रत पूरे विधि-विधान के साथ रखता है उसे श्री विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है. आमलकी का अर्थ होता है आंवला. ऐसा कहा जाता है कि श्री विष्णु ने आंवले को आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया था. आंवले के पेड़ के हर अंग में ईश्वर का स्थान माना गया है.
इस वर्ष आमलकी एकादशी का व्रत 25 मार्च 2021 को रखा जाएगा. एकादशी तिथि 24 मार्च, बुधवार को सुबह 10 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 25 मार्च, गुरुवार को 09 सुबह 47 मिनट तक रहेगी. एकादशी व्रत पारण का समय 26 मार्च, शुक्रवार को सुबह 06:18 बजे से 08:21 बजे तक होगा