वर्क फ्रॉम होम vs वर्क फ्रॉम ऑफिस, इस टॉपिक पर कई डिबेट्स होती रहती हैं और पक्ष और विपक्ष में कई तरह के तर्क सामने रखे जाते हैं. हाल ही में हुई माइक्रोसॉफ्ट की एक रिसर्च ने इस मुद्दे हो एक बार फिर हवा दे दी है. आप भले ही घर से काम करना एन्जॉय कर रहे हों लेकिन माइक्रोसॉफ्ट की इस रिसर्च में ये सामने आया है कि रिमोट वर्क कल्चर ने टीम्स के बीच में कम्यूनिकेशन और कोऑर्डिनेशन को कम किया है.
माइक्रोसॉफ्ट ने कोविड 19 के शुरूआती दौर में घर से काम कर रहे अपने 61,100 एम्प्लॉईज़ पर ये स्टडी की और पाया कि इस दौरान लोगों का इंटरेक्शन दूसरी टीम के मेंबर्स से बहुत कम रहा.
माइक्रोसॉफ्ट और यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया के बर्केली हास बिज़नेस स्कूल के रिसर्चर्स ने इंस्टेंट मेसेजिंग सर्विसेस, ई मेल्स, कॉल्स, और मीटिंग्स का डेटा इकठ्ठा किया और एम्प्लॉईज़ के वर्किंग आवर्स पर नज़र रखी. एम्लॉईज़ ने हफ्ते में कितना समय मीटिंस को दिया इस से जुड़ा डेटा भी रिसर्चर्स ने इकठ्ठा किया.
ये रिसर्च नेचर ह्यूमन बिहेवियर नाम के जर्नल में प्रकाशित की गई.
रिसर्च के अनुसार, लोगों ने पेंडेमिक के दौरान ज़्यादा घंटों तक काम किया लेकिन ज़रूरी नहीं है कि इसका मतलब ये निकाला जाए कि लोग इस दौरान ज़्यादा काम कर रहे थे. इसका मतलब ये भी हो सकता है लोग इस दौरान ब्रेक्स और अपने निजी कामों में ज़्यादा समय बिता रहे थे जिसकी वजह से वर्किंग हावर्स लम्बे हो रहे थे.
स्टडी में ये भी पाया गया कि इस दौरान कंपनी के फॉर्मल बिज़नेस ग्रुप्स और नॉन फॉर्मल कम्यूनिटीज़ के बीच कम्यूनिकेशन काफी कम रहा.
ये रिसर्च दिसंबर 2019 से जून 2020 के बीच की गई थी इसलिए कई लोगों का ये भी मानना है कि (YEH) दौर महामारी का शुरूआती दौर था. दुनिया में उथल पुथल मची हुई थी और लोग डरे हुए थे ऐसे में उस दौरान एक दूसरे के साथ कोलेबोरेट करना लोगों की प्राथमिकताओं में शामिल नहीं था. इस दौरान बाहर से लोगों ने ज़ूम जैसे वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग टूल्स का इस्तेमाल करना भी शुरू नहीं किया था.
पिछले साल से वर्क कल्चर में काफी बदलाव आये हैं. कई कंपनियों में अब रिमोट वर्क और कम्यूनिकेशन काफी सिस्टेमेटिक हो गया है.
इसलिए इस रिसर्च को आज के वक़्त में जोड़ने से पहले ज़रूरी है इसका कॉन्टेक्स्ट समझना.