दुनियाभर में ब्रेन ट्यूमर के मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है. इसलिए लोगों को इस घातक बीमारी के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2000 में जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन द्वारा की गई थी.
ब्रेन ट्यूमर में दिमाग की कोशिकाएं जरूरत से ज्यादा तेजी से बढ़ने और फैलने लगती हैं. इससे आस-पास मौजूद टीश्यूज और ऑर्गन डैमेज हो जाते हैं. ये कोशिकाएं वक़्त के साथ बढ़ती जाती हैं और धीरे धीरे कैंसर का रूप ले लेती हैं. ये सेल्स कितनी तेज़ी से बढ़ रहे हैं और आसपास के ऑर्गन्स को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं, इस आधार पर ब्रेन ट्यूमर को चार स्टेजेस में बांटा जाता है.
हर व्यक्ति में ब्रेन ट्यूमर के लक्षण अलग हो सकते हैं. एक व्यक्ति के शरीर में दिखने वाले लक्षण ट्यूमर के प्रकार और उसकी लोकेशन पर निर्भर करते हैं. बार बार सरदर्द होना, चक्कर या उल्टी महसूस होना, बोलने और सुनने में परेशानी होना, दौरे पड़ना, याददाश्त कमज़ोर होना, व्यवहार में बदलाव ब्रेन ट्यूमर के लक्षण हो सकते हैं. इन्हें नज़रअंदाज़ ना करें.
आंकड़ों की मानें तो, भारत में हर 100,000 में 5 से 10 प्रतिशत लोग ब्रेन ट्यूमर की समस्या से जूझ रहे हैं और ये संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. इसलिए ज़रूरी है कि इस जानलेवा बीमारी के प्रति सचेत रहें और कोई भी लक्षण नज़र आते ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें.