सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप (Facebook-Whatsapp) डाउन होने से इसके को-फाउंडर और CEO मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) को काफी नुकसान हुआ. सोमवार रात करीब 10 बजे दुनिया भर में फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम की सर्विस घंटों तक ठप पड़ी रहीं. जिससे अमेरिकी शेयर बाजारों में फेसबुक के शेयरों में बिकवाली शुरू हो गई और एक दिन में ही इसकी कीमत में 5 फीसदी की गिरावट आ गई.
उनके नेटवर्थ में 6 घंटों में ही करीब 7 अरब डॉलर की गिरावट आई और वह दुनियाभर के अमीरों की लिस्ट में एक पायदान नीचे फिसल कर पांचवें नंबर पर आ गए हैं. हालांकि जुकरबर्ग को हुए इस भारी नुकसान के पीछे सिर्फ सर्विस डाउन नहीं बल्कि व्हिसलब्लोअर बनी फेसबुक की एक पूर्व अधिकारी के दावों को भी बताया जा रहा है. जिन्होंने दावा किया है कि फेसबुक लगातार नफरत फैलाने का जरिया बना हुआ है और कंपनी की इसे रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
फ्रांसिस हाउगेन नाम की इस व्हिसलब्लोअर का कहना है कि अपने दावों को सही साबित करने के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत भी हैं, इससे पहले उन्होंने अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल को कई दस्तावेज सौंपे भी हैं. एक टीवी कार्यक्रम में भी हाउगेन ने कहा कि मैं इस बात से परेशान हो गई थी कि ये बड़ी टेक कंपनी जन सुरक्षा के ऊपर अपने मुनाफे को तरजीह देती है, इसलिए मैंने अपना मुंह खोलने का फैसला लिया.