India @75: ओलंपिक में भारत के 7 गौरवशाली क्षण

Updated : Aug 12, 2021 17:29
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Editorji News Desk

ओलंपिक में सुपर पावर (super power in olympics) न होने के बावजूद भारत के पास भी ऐसे कई गौरवशाली क्षण (Glorious Moment) है जिसे दुनिया याद करती है...ओलंपिक इतिहास की बात करें, तो भारत के नाम अब तक कुल 35 पदक हैं. इनमें 10 स्वर्ण, नौ रजत और 16 कांस्य पदक शामिल हैं. सबसे ज्यादा आठ स्वर्ण पदक (Gold Medals) भारत की हॉकी टीम ने जीते हैं.....हॉकी पर हम आगे बात करेंगे लेकिन सबसे पहले बात करते हैं ट्रैक एंड फील्ड एथलेटिक्स में भारत के पहले मेडल की...

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नीरज चोपड़ा
भारत ने ओलंपिक खेलों में 10 गोल्ड मेडल जीते हैं लेकिन नीरज (Neeraj Chopra) का गोल्ड इसमें बेहद खास है. ये ओलंपिक के इतिहास में ट्रैक एंड फील्ड एथलेटिक्स में भारत का पहला गोल्ड मेडल है. टोक्यो में हरियाणा के पानीपत के इस 23 साल के लड़के ने ऐसा भाला फेंका कि दुनिया के दिग्गज उसके पास तक भी फटक न पाए.
Header- नीरज का गोल्ड क्यों है खास?
टोक्यों में नीरज ने 87.58 मीटर दूरी तक भाला फेंका
कोई दूसरा एथलीट 87 मीटर का आंकड़ा भी नहीं छू सका
ट्रैक एंड फील्ड एथलेटिक्स में भारत का पहला गोल्ड मेडल

सिल्वर गर्ल मीरा बाई चानू
टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में चानू का मेडल इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि वेटलिफ्टिंग में उन्होंने 21 साल का सूखा खत्म किया है. 8 अगस्त 1994 को मणिपुर के इंफाल के नजदीक एक गांव में जन्मी मीराबाई क्लीन एंड जर्क केटेगरी में वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना चुकी हैं.

Header- चानू का कमाल
49 किलोग्राम की कैटिगरी में दुनिया की नंबर दो खिलाड़ी
कुंजरानी देवी और कर्णम मल्लेश्वरी का रिकॉर्ड तोड़ा
वेटलिफ्टिंग में ओलंपिक मेडल जीतने वाली भारत की दूसरी वेटलिफ्टर

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अब बात करते हैं अपने मुल्क के राष्ट्रीय खेल हॉकी की... वैसे तो ओलंपिक के इतिहास में 28 सालों तक भारतीय टीम अपराजेय रही...लगातार छह गोल्ड जीते...लेकिन बात यदि आजादी के बाद की करें तो देश ने 1948 लंदन, 1952 हेलसिंकी, 1956 मेलबर्न, 1964 टोक्यो और 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता. गौर करने वाली बात ये है ये वो दौर था जब हॉकी के जादूगर ध्यानचंद और रूप सिंह टीम में नहीं थे. 1956 के मेलबर्न ओलंपिक का एक दिलचस्प किस्सा बेहद चर्चा में रहा है. तब टीम के कप्तान बलबीर सिंह की उंगली में फ्रैक्चर आ गया था लेकिन इस खबर को गुप्त रखा गया और बलबीर केवल सेमीफाइनल और फाइनल में ही मैदान में उतरे.

Header- हॉकी में रहा है भारत का दबदबा
दुनिया के खेल मानचित्र पर हॉकी ने ही सबसे पहले भारत को पहचान दिलाई
आजादी के बाद से 1956 तक हॉकी का गोल्ड लगातार भारत को मिला
1947 के बाद से अब तक 5 ओलंपिक गोल्ड जीत चुका है भारत
ध्यानचंद के बाद बलबीर सिंह सीनियर जैसा हॉकी का नया नायक मिला
1952 ओलंपिक के फाइनल में बलबीर ने नीदरलैंड के खिलाफ 5 गोल दागे, जो अब भी रिकॉर्ड है

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अब बात करते हैं ओलंपिक खेलों में आजाद भारत के पहले व्यक्तिगत मेडल के बारे में. 1952 के हेल्सिंकी ओलंपिक खेलों में ये करिश्मा किया रेसलर केडी जाधव ने....उन्होंने देश के लिए पहला ब्रॉन्ज मेडल जीता था. जाधव के बाद भारत को रेसलिंग में मेडल जीतने में 56 साल लग गए. जब सुशील कुमार ने कांस्य पदक के साथ इस सूखे को खत्म किया.

Header- जाधव की कहानी है सबसे जुदा
अपना घर गिरवी रख कर और कई लोगों से उधार लेकर ओलंपिक खेलने पहुंचे जाधव
जाधव ने शुरुआती सभी पांच मुकाबले जीत लिए, छठे मुकाबले में हार गए
जाधव को अंग्रेजी नहीं आती थी नतीजन वे अपना पक्ष नहीं रख पाए
थकान के बावजूद उन्हें छठे मुकाबले में तुरंत उतरना पड़ा और वे ब्रॉन्ज ही जीत सके

जाधव ने ओलंपिक में भारत को पहला व्यक्तिगत पदक दिलाया लेकिन भारत को ओलंपिक के इतिहास का पहला व्यक्तिगत गोल्ड मेडल दिलाया अभिनव बिंद्रा ने...28 सितंबर 1982 को देहरादून में जन्मे अभिनव ने ये कमाल किया बीजिंग ओलंपिक में

Header- गोल्ड की 'अभिनव' क्रांति
2004 के एथेंस ओलंपिक में पदक से चूके, 2008 के बीजिंग में निकाली कसर
एथेंस ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता झू किनन को हराकर जीता था गोल्ड
तब अभिनव ने कहा था- वो 10 शॉट्स, वाकई जादुई थे, मेरे जीवन के सर्वश्रेष्ठ

अब बात ओलंपिक में भारत की ओर से पदक जीतने वाली पहली महिला की और वो थी कर्णम मल्लेश्वरी . उन्होंने साल 2000 के सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था

Header- कर्णम ने किया कमाल
ओलंपिक के 100 सालों के इतिहास में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला
सिडनी ओलंपिक में कुल 240 किलोग्राम का वजन उठाया कर्णम ने
लोगों ने उन्हें ’द आयरन लेडी’ के नाम से बुलाना शुरू कर दिया

अंत में बात भारत की उन बेटियों की जिन्होंने ओलंपिक में पदक तो नहीं जीता लेकिन देश का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया. आप समझ गए होंगे हम बात कर रहे हैं भारतीय महिला हॉकी टीम की.

Header- बेटियों का कमाल, झूम उठा देश
टोक्यो ओलंपिक के शुरुआती तीन मैचों में मिली हार
इसके बाद दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंची
क्वार्टर फाइनल में दुनिया की नंबर 3 टीम ऑस्ट्रेलिया को हराया
ब्रॉन्ज मेडल के कड़े मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन से 4-3 से मिली हार

हालांकि एक कड़वी सच्चाई ये भी है कि ओलंपिक गेम्स में हमें अभी लंबी दूरी तय करनी है. भारत ने अब तक 24 ओलंपिक गेम्स में हिस्सा लिया है लेकिन छह में एक भी मेडल नहीं जीत सका. दुनिया में अमेरिका, सोवियत संघ, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान जैसे देशों को ओलंपिक सुपर पावर के तौर पर देखा जाता है. ऐसे हालात में आजादी की 75 वीं वर्षगांठ एक सुनहरा मौका हो सकता है जब देश ओलंपिक के मैदान पर भी महाशक्ति बनने की सौगंध उठाए.

Mirabai ChanuOlympic GamesIndependence Day 2021Neeraj ChopraIndia @ 75hockey india

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