सीरीज की शुरुआत से पहले फॉर्म को लेकर पूछे गए सवाल पर पुजारा-रहाणे ने कहा था कि टेंशन की कोई बात नहीं है, लेकिन कानपुर में जिस तरह से यह दोनों बल्लेबाज फ्लॉप हुए हैं उसको देखते हुए अब चिंता करना बनता है. लगातार रनों के लिए तरस रहे पुजारा-रहाणे से हर किसी को उम्मीद थी कि वह कम से कम घरेलू पिच पर तो रनों का सूखा खत्म कर ही देंगे, पर फ्लॉप शो घर में भी जारी रहा.
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पुजारा के टेस्ट करियर की बात करें तो वह 90 टेस्ट मैचों की 152 पारियों में अबतक 45.41 की औसत से 6494 रन बना चुके हैं और इस दौरान दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 18 शतक और 31 अर्धशतक जमाए हैं. अब किस तरह से पुजारा के बल्ले में जंग लगा है वो समझ लीजिए.साल 2020 में पुजारा ने खेली 8 पारियों में महज 28.37 की औसत से 163 रन बनाए. वहीं, इस साल दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने खेली 22 पारियों में 30.42 के औसत से 639 रन जड़े हैं. टीम इंडिया की दूसरी दीवार कहे जाने वाले पुजारा ने अपना आखिरी शतक साल 2019 में जड़ा था.
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रहाणे की टेस्ट करियर की बात करें तो इस भारतीय बल्लेबाज ने 78 टेस्ट मैचों की 132 पारियों में 39.63 के औसत से 4756 रन बनाए हैं. इस दौरान रहाणे ने 12 शतक और 24 फिफ्टी जड़ी है.कानपुर टेस्ट में टीम की कप्तानी कर रहे रहाणे का बल्ला भी पिछले काफी समय से खामोश है. साल 2020 में खेली 8 पारियों में भारतीय बल्लेबाज ने 38.85 की औसत से 272 रन बनाए. लेकिन, रहाणे की कहानी इस साल बुरी तरह से बिगड़ी है और वह 21 पारियों में 19.57 की मामूली औसत से सिर्फ 411 रन ही बना सके हैं. शतक की तो छोड़िए टेस्ट टीम के उपकप्तान ने महज दो ही फिफ्टी जड़ी है. अब ब्रेक के बाद जब रोहित-विराट और पंत टीम में लौटेंगे तो इस फॉर्म के साथ पुजारा-रहाणे को प्लेइंग इलेवन से बाहर बैठना पड़े तो कई हैरत की बात नहीं होगी.