कृषि कानूनों की मुखालफ़त कर रहे किसान पिछले पांच दिन से दिल्ली के बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए हैं. इन पांच दिनों में किसानों के तेवर देख सरकार के रुख में भी बदलाव आया है. सरकार फिलहाल बिना शर्त बातचीत के संकेत दे रही है, लेकिन किसान अपनी मांगों पर डटे हैं, वो कह रहे हैं कि वो महीनों लंबे आंदोलन की तैयारी से आए हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर कहा है कि कृषि बिलों पर किसानों को बरगलाया जा रहा है. सवाल यही है कि किसानों और सरकार के बीच कोई सुलह का रास्ता कैसे निकलेगा?