कर्नाटक के पूर्व मंत्री और BJP विधायक श्रीमंत पाटिल (Shrimant Patil) ने बड़ा खुलासा किया है. पाटिल ने पत्रकारों को बताया कि साल 2019 में BJP में शामिल होने के लिए मुझे पैसे की पेशकश की गई थी...लेकिन मैंने पैसे लेने से इनकार कर दिया. मैंने सिर्फ यही कहा था कि मुझे मंत्री पद दिया जाए ताकि मैं जनता की अच्छे से सेवा कर सकूं. बता दें कि श्रीमंत पाटिल उन 16 विधायकों में शामिल हैं जिन्होंने साल 2019 में कथित 'ऑपरेशन लोटस' ('Operation Lotus') के दौरान कांग्रेस-JDS की सरकार गिराई थी और BJP में शामिल हुए थे.
जिसके तुरंत बाद कागवाड़ से बीजेपी विधायक श्रीमंत पाटिल को येदियुरप्पा सरकार (Yeddyurappa government) में मंत्री भी बनाया गया था. पाटिल ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी, लेकिन बीजेपी में जाने के बाद उन्हें उप चुनाव लड़ना पड़ा था. उप चुनाव जीतने के बाद उन्हें येदियुरप्पा सरकार में मंत्री बनाया गया था. लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) के सत्ता संभालने के बाद उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया.
ये भी पढ़ें: Gujarat: डिप्टी CM नितिन पटेल 'नाराज', कहा- मैं अकेला नहीं कई दूसरों की बस भी छूटी
बता दें कि BJP शुरू से ही कांग्रेस और जेडीएस (Congress-JDS) की ओर से अपने विधायकों को खरीदने के आरोपों से इनकार करती रही है. अब पाटिल के ताजा बयान ने न सिर्फ BJP की पोल खोल दी है बल्कि ये भी बता दिया है कि सत्तारुढ़ दल में अंदर ही अंदर असंतोष भी है. बोम्मई के मंत्रिमंडल में जगह नहीं पाने वाले कुछ और नेता भी नाराज बताए जाते हैं.