बॉलीवुड में कदम रखने वाली कई युवा एक्ट्रेस शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के साथ डेब्यू करने का ख्वाब देखती हैं. लेकिन बहुत कम लोगों के पास ऐसा मौका होता है. आइये देखते हैं किन एक्ट्रेस ने इन किंग खान के साथ डेब्यू किया.
दीपिका पादुकोण ने फराह खान की 'ओम शांति ओम' के जरिए शाहरुख के साथ सिल्वर स्क्रीन पर कदम रखा. फिल्म ब्लॉकबस्टर रही और इसके बाद दीपिका ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. दोनों ने 'हैप्पी न्यू ईयर' और 'चेन्नई एक्सप्रेस' जैसी कई फिल्मों में साथ काम किया.
दिल्ली की रहने वालीं अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) ने भी शाहरुख के साथ अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की, 'रब ने बना दी जोड़ी' में उन्होंने तानी की भूमिका निभाई. चुलबुली तानी की शादी एक अधेड़ उम्र के शख्स सुरेंदर यानी शाहरुख खान से हो जाती है. सुरेंदर तानी को इंप्रेस करने के लिए खुद को पूरी तरह से बदल देता है.
'रब ने बना दी जोड़ी' के साथ, "होले होले" की जोड़ी ने हमारे दिलों में जगह बनाई. दोनों चार साल बाद 2012 में यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित 'जब तक है जान' के लिए फिर से साथ आए.
2017 में, उन्होंने इम्तियाज अली की फिल्म 'जब हैरी मेट सेजल' से बड़े पर्दे पर वापसी की. हालांकि फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा सफलता नहीं मिली, लेकिन प्रशंसकों को दोनों की जोड़ी और उनकी केमिस्ट्री को फिर से देखने को मिली.
जब शाहरुख ने हिंदी फिल्म उद्योग में अपनी किस्मत आजमाना चाहा, तो 80 के दशक के अंत और 90 के दशक की शुरुआत में कई प्रमुख अभिनेत्रियों ने उनके साथ काम करने से इनकार कर दिया, उनके लुक लिए उन्हें खारिज कर दिया.
एक्ट्रेस जूही चावला ने एक इंटरव्यू के दौरान ये किस्सा भी सुनाया था, कि पहली बार उन्हें देख कर वो शाहरुख के साथ काम करने के को लेकर सोच में पड़ गईं थीं. उस वक्त "चॉकलेट बॉय" लुक आमिर खान के साथ उनकी फिल्म 'कयामत से कयामत तक' ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी. जिसके बाद बेदिली से वो शाहरुख के साथ काम करने को राजी हुईं थी और इस जोड़ी को पहली बार 1992 में "राजू बन गया जेंटलमैन" में देखा गया था.
1993 में यश चोपड़ा की फिल्म 'डर' से शाहरुख और जूही की हिट जोड़ी बनी. 1997 में 'यस बॉस' और 1998 में 'डुप्लिकेट' ने बॉलीवुड में क्राउन प्रिंस और प्रिंसेस के रूप में अपनी जगह पक्की कर ली. लेकिन, यशराज स्टूडियोज की शाहरुख के लिए अलग योजना थी.
राज और सिमरन ने 1995 की फिल्म "दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे" के साथ बॉलीवुड रोमांस की परिभाषा बदल दी. शाहरुख और काजोल एकमात्र ऐसी जोड़ी बन गई, जिसे हर प्रमुख निर्देशक कास्ट करना चाहता था, बॉक्स ऑफिस पर कमाई करने का एक निश्चित मौका था.
फिल्म निर्माता करण जौहर ने दोनों के साथ 'कुछ कुछ होता है', 'कभी खुशी कभी गम' और 'माई नेम इज खान' जैसी कई हिट फिल्में दीं. दर्शकों ने शाहरुख-काजोल की केमिस्ट्री को सालों तक पसंद किया.
करण जौहर की फिल्मोग्राफी के जरिए एक और सफल जोड़ी उभरी - शाहरुख खान और रानी मुखर्जी. 'कुछ कुछ होता है' के बाद, शाहरुख और रानी ने कई हिट फिल्में दीं. 2003 में अजीज मिर्जा द्वारा निर्देशित फिल्म "चलते चलते" में दर्शकों ने उन्हें पसंद किया.
प्रशंसकों ने 'कभी खुशी कभी गम' में दोनों की जोड़ी को पसंद किया, भले ही रानी की सहायक भूमिका थी. 2006 की फिल्म 'कभी अलविदा ना कहना' में, शाहरुख और रानी ने एक अलग मुद्दे को उठाया. फिल्म एक बड़ी हिट साबित हुई.
2013 में, बॉलीवुड के बादशाह ने एक बेहतरीन और कबिल ए तारीफ कदम उठाया, जब उन्होंने कहा कि उनकी हर फिल्म में उनकी महिला को स्टार का नाम क्रेडिट रोल में उनके पहले दिखाई देगा. वह अब भी अपनी उसी बात पर कायम है.
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट (doctorate by Edinburgh University) की उपाधि से सम्मानित किए जाने के बाद शाहरुख ने अपने भाषण में बॉलीवुड में वेतन अंतर के मामले को उठाया.
उन्होंने कहा "हम वेतन के बराबर होने के साथ शुरुआत कर सकते हैं. हमारी कंपनी में, हम पुरुष सितारों के नाम से पहले एक्ट्रेस के नाम रखने में विश्वास करते हैं. जो करना चाहिए ये उसकी तुलना में कम है. उन्होंने कहा कि, जब मैं महिलाओं को देखता हूं बॉलीवुड, या दूसरे उद्योगों में काम करते हुए, तो मुझे लगता है कि समानता निश्चित ही एक आंदोलन है.
शाहरुख खान को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!