विटमिन K (Vitamin K) विटामिन्स के उस ग्रुप से आता है, जिन्हें फैट-साल्यूबल विटमिन्स कहा जाता है. यानी ये विटामिन हमारे शरीर में मौजूद फैट में घुलनशील होते हैं. विटामिन-के चोट लगने पर बहते खून को जमने में मदद करता है, जिससे अधिक खून नही बहता और किसी अनहोनी से बचा जा सकता है.
हरी पत्तीदार सब्जियां जैसे पालक, केल, स्ट्रॉबेरीज, दलहन, अंडे, मीट और पनीर के जरिये इस विटामिन को पाया जा सकता है. इन सभी को एक निश्चित मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है जिससे शरीर को ये विटामिन मिल सके.
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आइये जानते हैं कि आखिर डायट में विटामिन K (Vitamin K) को शामिल करना क्यों जरूरी है और ये हमारे शरीर को और किस तरह से फायदा पहुंचाता है.
विटामिन K हड्डियों के मैकेनिज़म को ठीक रखने का काम करता है. जिससे ना तो हड्डियां बहुत सॉफ्ट होती हैं और ना ही कमजोर. ऐसे में फ्रैक्चर होने का डर काफी कम हो जाता है. खासकर मेनोपॉज के बाद महिलाओं के लिए ये बेहद फायदेमंद है.
जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है उनकी याददाश्त फीकी पड़ने लगती है. हालांकि अपने डायट में विटामिन K की सही मात्रा को शामिल करने से अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी भूलने की बीमारी जैसे खतरों को कम करने में मदद मिल सकती है.
दिल से जुड़ी बीमारी दुनियाभर में हो रही मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है. सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा वर्ग भी इसकी चपेट में हैं. ऐसे में विटामिन K को डायट में शामिल करने से ब्लड प्रेशर लेवल को कंट्रोल कर हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है.
खून को थक्का बनाने में मदद के लिए विटामिन के अलग अलग तरह के प्रोटीन को बनाता है. प्रोथ्रोम्बिन भी एक ऐसा ही विटामिन-K का प्रोटीन है जो सीधे-सीधे ब्लड क्लॉटिंग से जुड़ा है. इसके अलावा ओस्टियोकैल्सिन एक और प्रोटीन भी होता है जिसे हेल्दी बोन टिशूज़ को बनाने के लिए विटामिन K की जरूरत होती है.
लेकिन ध्यान रहे कि जो लोग खून को पतला करने की दवाइयां खा रहे हैं, उन्हें अपनी डायट में विटामिन-K से रिच फूड और फ्रूट्स जोड़ने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए. उन्हें जानना चाहिए कि वो खाने में क्या-क्या चीजें खा सकते हैं और क्या नहीं.
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