22 May History: इतिहास के पन्नों में 22 मई का दिन भारत के लिए विशेष महत्व रखता है. यही वो दिन है, जब पहली बार किसी भारतीय महिला ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर पर देश का तिरंगा लहराया था. बछेन्द्री पाल ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर पहुंच कर साल 1984 में इतिहास रचा और ऐसा करने वाली पहली महिला बन गईं. पर्वतारोहण और साहसिक खेलों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए बछेन्द्री पाल (Bachendri Pal) को पद्म भूषण (Padma Bhusan) से सम्मानित किया गया.
आसान नहीं था एवरेस्ट फतह करना
एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान उन्हें एक एवलॉन्च (बर्फीले तूफान) का सामना करना पड़ा था. इस तूफान के कारण सात हजार मीटर की ऊंचाई पर एक कैंप दब गया था. ऐसे में दल के कुछ साथियों ने चोटिल और थकान के कारण वापस लौटने का फैसला लिया। मगर बछेंद्री ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ीं. 22 मई को आंग दोरजी( शेरपा सरदार) के नेतृत्व में दल ने एवरेस्ट को फतह कर लिया। वे इस दल में अकेली महिला थीं. इस उपलब्धि के बाद बछेंद्री पाल का नाम भारत के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया.
1960: चिली में आए भूकंप में करीब 6 हजार लोगों की गई थी जान
1960- चिली के दक्षिणी तट पर आए सबसे बड़े भूकंपों में से एक में करीब 6 हजार लोगों की मौत हो गई थी. चिली के वाल्डिविया में 9.5 की तीव्रता के भूकंप ने धरती हिलाई थी. ये दुनिया का सबसे भयानक भूकंप था. करीब 20 लाख लोग विस्थापित हुए थे. 550 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था.
1936: भारत के पहले स्टेडियम की बंबई में रखी गई आधारशिला
इस तारीख का महत्व भारत के क्रिकेट मैदानों से भी है. दरअसल 22 मई, 1936 में भारत के पहले क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला मुंबई में रखी गई थी. ब्रेबोर्न स्टेडियम पर क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया का स्वामित्व है. ये दक्षिण मुंबई में मरीन ड्राइव के पास है. इसका नाम ब्रेबोर्न इसलिए है, क्योंकि इसकी आधारशिला मुंबई के तत्कालीन गवर्नर लॉर्ड ब्रेबोर्न ने रखी थी. यहां आधिकारिक तौर पर पहला उद्घाटन मैच सात दिसंबर, 1937 को सीसीआई इलेवन और लॉर्ड टेनीसन इलेवन के बीच खेला गया था.
वानखेडे के बाद कम हुआ महत्व
क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया के साथ लगातार टिकट संबंधी विवादों के कारण बॉम्बे क्रिकेट एसोसिएशन ने ब्रेबोर्न स्टेडियम से लगभग 700 मीटर की दूरी पर प्रसिद्ध वानखेड़े स्टेडियम का निर्माण किया. इसके बाद इस स्टेडियम की महत्व कम होता चला गया और इसका उपयोग केवल प्रथम श्रेणी के मैचों के लिए होने लगा.
22 मई का इतिहास
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