23 May History: देश में हो रहे लोकसभा चुनाव के बीच आज का दिन BJP के इतिहास से जुड़ा है. दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे आज ही के दिन यानी 23 मई को आए थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने दम पर 303 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था. वहीं भाजपा नेतृत्व एनडीए ने भी रिकॉर्ड तोड़ 353 सीटें जीतीं थीं.
देश के इतिहास में यह पहला मौका था, जब किसी गैर कांग्रेसी पार्टी ने अपने दम पर तीन सौ से ज्यादा सीटें जीती. वहीं जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी तीसरे शख्स बने, जो लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र की सत्ता में पहुंचे। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 37.36 प्रतिशत तो एनडीए को 45 प्रतिशत शेयर मिला. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को सिर्फ 52 सीटों से संतोष करना पड़ा.
2019 के लोकसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि जनता ने इस फकीर की झोली तो भर दी, आशा और आकांक्षाओं के साथ भरी है मैं जानता हूं.
1951: तिब्बत पर हुआ था चीन का कब्जा
आज ही के दिन दुनिया की छत पर चीन का कब्जा हो गया था. 23 मई, 1951 का दिन जिसे तिब्बती लोग काला दिन मानते हैं, वहीं चीनी लोग इसे शांति के प्रयासों वाला दिन बताते हैं. इसी दिन तिब्बत ने चीन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और इस समझौते के साथ ही तिब्बत पर चीन का कब्जा हो गया था.
दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो चीन और तिब्बत के बीच विवाद बरसों पुराना है. चीन कहता है कि तिब्बत तेरहवीं शताब्दी में चीन का हिस्सा रहा है इसलिए तिब्बत पर उसका हक है. तिब्बत चीन के इस दावे को खारिज करता है. 1912 में तिब्बत के 13वें धर्मगुरु दलाई लामा ने तिब्बत को स्वतंत्र घोषित कर दिया. उस समय चीन ने कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन करीब 40 सालों बाद चीन में कम्युनिस्ट सरकार आ गई. इस सरकार की विस्तारवादी नीतियों के चलते 1950 में चीन ने हजारों सैनिकों के साथ तिब्बत पर हमला कर दिया. करीब 8 महीनों तक तिब्बत पर चीन का कब्जा चलता रहा.
आखिरकार तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने 17 बिंदुओं वाले एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के बाद तिब्बत आधिकारिक तौर पर चीन का हिस्सा बन गया. हालांकि दलाई लामा इस संधि को नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि ये संधि जबरदस्ती दबाव बनाकर करवाई गई थी.
संधि के बाद भी चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों से बाज नहीं आया और तिब्बत पर उसका कब्जा जारी रहा. इस दौरान तिब्बती लोगों में चीन के खिलाफ गुस्सा बढ़ने लगा. 1955 के बाद पूरे तिब्बत में चीन के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन होने लगे. इसी दौरान पहला विद्रोह हुआ जिसमें हजारों लोगों की जान गई.
छुपकर भारत आ गए थे दलाई लामा
मार्च 1959 में खबर फैली कि चीन दलाई लामा को बंधक बनाने वाला है. इसके बाद हजारों की संख्या में लोग दलाई लामा के महल के बाहर जमा हो गए. आखिरकार एक सैनिक के वेश में दलाई लामा तिब्बत की राजधानी ल्हासा से भागकर भारत पहुंचे. भारत सरकार ने उन्हें शरण दी. चीन को ये बात पसंद नहीं आई. कहा जाता है कि 1962 के भारत-चीन युद्ध की एक बड़ी वजह ये भी था. दलाई लामा आज भी भारत में रहते हैं. हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से तिब्बत की निर्वासित सरकार चलती है.
2008: पृथ्वी २ मिसाइल का हुआ था सफल परीक्षण
भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल पृथ्वी-2 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. पृथ्वी-II एक स्वदेशी रूप से विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है. 8.56 मीटर लंबी ये मिसाइल 1000 किलो विस्फोक ले जाने का दम रखती है. DRDO की तरफ से विकसित इस मिसाइल को भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया है. इस मिसाइल का परीक्षण DRDO और सेना की तरफ से गठित स्पेशल मिसाइल रेजिमेंट की तरफ से संयुक्त रूप से किया गया था.
इतिहास में 23 मई की यादें-
2019: आम चुनावों में भाजपा ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की. नरेन्द्र मोदी लगातार दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने
2015: एक कार दुर्घटना में अमेरिकी गणितज्ञ जॉन नैश का निधन
2010: मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की 3 सदस्यीय खंडपीठ ने बिना विवाह किए महिला और पुरुष का एक साथ रहना अपराध नहीं माना
2008: भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल पृथ्वी-2 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया
2004: बांग्लादेश में तूफान के कारण मेघना नदी में नाव डूबने से करीब 250 लोगों की डूबकर मौत
1995: प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जावा को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया
1994: सऊदी अरब में हज के दौरान भगदड़ मचने से 270 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी
1942: भारतीय फिल्म निर्देशक, निर्माता, पटकथा लेखक और कोरियोग्राफर के. राघवेंद्र राव का जन्म हुआ
1788: साउथ कैरोलिना 8वें राज्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में शामिल हुआ था
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