30th April History: धुंडिराज गोविन्द फाल्के (Dhundiraj Govind Phalke) जिन्हे आज के दौर में हम सभी दादा साहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) के नाम से जानते हैं. आज यानी 30 अप्रैल को उनकी जयंती है. दादा साहेब फाल्के को 'भारतीय सिनेमा के जनक' ('Father of Indian cinema') के रूप में जाना जाता है. वो दादा साहेब ही थे जिन्होंने देश को पहली फिल्म दी थी. इस फिल्म का नाम था 'राजा हरिश्चंद्र' ('King Harishchandra') जो साल 1913 में बन कर तैयार हुई थी. लेकिन दादा साहेब के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं था. आइये जानते हैं धुंडिराज गोविन्द से दादा साहब फाल्के बनने का सफर कैसा था.
साल था 1910 मई के महीने में बॉम्बे के अमेरिका-इंडिया पिक्चर पैलेस में फिल्म दिखाई जा रही थी. फिल्म का नाम था ‘द लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ (‘The Life of Christ’). जैसे ही फिल्म खत्म हुई दर्शकों में बैठा एक व्यक्ति जोर-जोर से तालियां बजाने लगा. उस व्यक्ति ने वहीं ये फैसला किया कि वो भी भारतीय पौराणिक किरदारों पर फिल्म बनाएगा. ये और कोई नहीं बल्कि दादा साहेब ही थे.
ऐसा कहा जाता है कि दादा साहेब ने अपनी पहली फिल्म बनाने के लिए अपनी पत्नी के गहने तक गिरवी रख दिए थे. इतना ही नहीं फिल्म में महिला किरदार को निभाने के लिए कोई राजी नहीं हो रहा था तो महिला का किरदार भी एक पुरुष ने ही निभाया था. तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए 3 मई साल 1913 में आखिरकार 7 महीने की कड़ी मेहनत से ये फिल्म बनकर तैयार हुई.
19 साल के करियर में उन्होंने 95 फीचर फिल्मों और 27 शॉर्ट फिल्मों में काम किया. उनकी आखिरी फिल्म, गंगावतरण (1937) दादासाहेब द्वारा बनाई गई एकमात्र फिल्म थी जिसमें साउंड और डायलॉग्स थे. साल 1944 में उनकी मृत्यु के बाद, भारत सरकार ने 1969 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार नाम से उनके नाम पर एक पुरस्कार शुरू किया.
इतिहास के दूसरे अंश में बात जर्मन तानाशाह 'एडॉल्फ हिटलर' ('Adolf Hitler') की होगी. कई दावों के मुताबिक हिटलर ने आज ही केदिन यानी 30 अप्रैल साल 1945 में अपनी प्रेमिका और कई सैनिकों के साथ आत्महत्या कर ली थी. कहा जाता है कि जर्मन तानाशाह को सोवियत सेनाओं ने बर्लिन में हर तरफ से घेर लिया था. पूरी दुनिया में मौत का तांडव कर चुका हिटलर अपनी हार को सामने आता देख टूट चुका था. वह बर्लिन में एक खुफिया बंकर में अपनी प्रेमिका ईवा ब्राउन (eva brown) के साथ रह रहा था जो जमीन से 50 फीट नीचे बना था. जब सोवियत सेना उसके काफी नजदीक पहुंच गईं तो हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को सोवियत सेनाओं से घिरने के बाद बर्लिन में जमीन से 50 फुट नीचे एक बंकर में खुद को गोली मारकर अपनी पत्नी इवा ब्राउन के साथ आत्महत्या कर ली थी.
इतिहास के तीसरे अंश में बात 'रंगमंच' की करेंगे. 30 अप्रैल साल 1598 ये वो दिन था जब अमेरिका में पहली बार थिएटर का (beginning of theater in USA) आयोजन किया गया. ये थिएटर संयुक्त राज्य अमेरिका की सीमाओं के भीतर पहला ज्ञात नाटकीय प्रदर्शन था जो आज के एल पासो, टेक्सास के पास रियो ग्रांडे के ठीक उत्तर में किया गया था. 'कॉमेडिया डेल रिसिबिमिएंटो क्यू हिजो ला नुएवा एस्पाना ए ला इग्लेसिया' (न्यू स्पेन में चर्च के स्वागत के बारे में खेल) शीर्षक से नाटक 'कैप्टन मार्कोस ' द्वारा लिखा गया था और प्यूब्लो भारतीयों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था.
1030 : भारत में कई मंदिरों को लूटने वाले महमूद गजनवी का निधन.
1598: अमेरिका में पहली बार थियेटर का आयोजन.
1789: जॉर्ज वॉशिंगटन सर्वसम्मति से अमेरिका के पहले राष्ट्रपति चुने गए.
1896 : आनंदमयी मां का जन्म.
1908 : खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चाकी ने मुजफ्फरपुर में किंग्सफोर्ड के मजिस्ट्रेट की हत्या करने के लिए बम फेंका, लेकिन दो बेगुनाह बम की चपेट में आकर मारे गए.
1936 : महात्मा गांधी ने अपना आवास बदला और वर्धा में सेवाग्राम आश्रम रहने लगे.
1945 : जर्मन तानाशाह हिटलर एवं उसकी पत्नी इवा ब्राउन ने आत्महत्या की.