UP News: यूपी के लड़कों को नहीं मिल सकेंगी दुल्हन! दुनिया में आने से पहले ही भ्रूण हत्या

Updated : Oct 10, 2022 20:41
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Editorji News Desk

UP News: भारत में बेटों के लिए बेटियों की हत्या (female foeticide) कोई नई बात तो नहीं है. लेकिन उत्तर प्रदेश में सेक्स रेशियो को लेकर जो खबर सामने आई है, वो चौंकाने वाली है. IIT दिल्ली की प्रोफेसर और एंथ्रोपोलॉजिस्ट रविंदर कौर (IIT Delhi Professor and Anthropologist Ravinder Kaur) ने एक रिसर्च की पुष्टि की है. उनके मुताबिक आने वाले समय में भारत की 30 से 40 फीसदी कन्या भ्रूण हत्याएं सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही देखनो को मिल सकती हैं. यानी सिर्फ UP में ही 2017 से 2030 के बीच 20 लाख बेटियों को बेटे की चाह में गर्भ में ही मार दिया जाएगा.

बिगड़ती जा रही है UP की हालत

प्रोफेसर रविंदर कौर के मुताबिक हरियाणा और पंजाब (Punjab and Haryana) में तो हालात सुधर रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश की हालत बिगड़ती जा रही है. बेटियों की संख्या कम होने की वजह से बड़ी संख्या में लड़कों को जीवनसाथी नहीं मिल सकेंगी. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2012 में UP में 10 फीसदी लड़कों की शादियां नहीं हुई और 2050 तक यह आंकड़ा 17 फीसदी तक हो सकता है, जिनकी शादी के लिए लड़की न मिले.

सऊदी अरब ने की चौंकाने वाली रिसर्च

दैनिक भास्कर ने सऊदी अरब की किंग अब्दुल्ला यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (King Abdullah University of Science and Technology) में प्रोफेसर फेंग्किंग चाओ की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि 2017 से 2030 के बीच भारत में 68 लाख बेटियां जन्म लेने से पहले ही मार दी जाएंगी. 2017 से 2025 के बीच हर साल 4.69 लाख बच्चियों की गर्भ में हत्या की आशंका है. वहीं 2026 से 2030 के बीच हर साल 5.19 लाख बेटियों को जन्म नहीं लेने दिया जाएगा.

द स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2020 के मुताबिक 1970 से 2020 के बीच दुनियाभर में 14.26 करोड़ बच्चियों को जन्म से पहले ही मार दिया गया. अकेले भारत में 4 करोड़ 60 लाख बेटियों को जन्म से पहले मार दिया गया.

सरकारी आंकड़े सुखद!

हालांकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार हुआ है. sex ratio at birth यानी SRB आंकड़ों से पता चलता है कि 1000 पुरुषों पर 903 महिलाएं थी, जो अब बढ़कर 941 हो गया है. 

आशा वर्कर की करतूत!

भारत में अल्ट्रासाउंड मशीन के जरिए गर्भ में लिंग की जांच को एक अपराध तो बताया गया है, लेकिन प्रतिबंध के बावजूद कन्या भ्रूण हत्या जारी है. रिपोर्ट के मुताबिक इसमें खुद स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं. आशा वर्कर की मदद से भ्रूण के लिंग की जांच होती है और लड़की के पता होने पर किसी प्राइवेट अस्पताल में अबॉर्शन करा दिया जाता है. आशा वर्कर को इसके लिए पैसे भी मिल जाते हैं.

UP NewsCensus

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