Delhi Crime: 48 घंटे, 300 सीसीटीवी फुटेज, एक मेट्रो कार्ड और आरोपी गिरफ्तार. यह कहानी किसी दूसरे देश की नहीं बल्कि राजधानी दिल्ली की है. जहां 77 साल के बिल्डर की हत्या के मामले में पुलिस ने महज 48 घंटे में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. खास बात यह है कि पुलिस को इस हत्या के मामले में मौके से कोई सबूत नहीं मिले थे. लेकिन टेक्नोलॉजी की मदद से मौत की इस गुत्थी को सुलझा लिया गया.
राजधानी दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में रविवार को 77 वर्षीय रामकिशोर अग्रवाल नाम के एक बिल्डर की गला काटकर हत्या कर दी गई. पुलिस ने जब लाश को अपने कब्जे में लिया तो बॉडी पर चाकू के भी निशान पाए गए थे.
शरीर पर चाकू से किए गए थे कई वार
अंदाजा लगाया गया कि बिल्डर की हत्या से पहले उसके शरीर पर चाकू से कई वार किए गए थे. इसके अलावा पुलिस को घटनास्थल पर कार्डबोड बॉक्स नहीं मिला था. जिसमें काफी कैश रखे गए थे. साक्ष्य बता रहे थे कि किसी ने घर में डकैती की है, लेकिन जिस तरीके से बिल्डर की हत्या की गई, उससे पुलिस को मोटिव नजर आया.
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि आरोपी मिस्टर अग्रवाल की हत्या से एक दिन पहले शनिवार रात 10 बजे उनके घर पहुंचा था. वह वहां अपाचे बाइक से पहुंचा, जिसपर फेक नंबर प्लेट लगा था. उसे आरोपी ने पार्किंग में लगा दी.
मेट्रो से घर पहुंचा आरोपी
बाद में वह आरोपी पैदल चलकर सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पहुंचा और नई दिल्ली के लिए मेट्रो टेन ली. वहां से फिर मेट्रो लेकर वह समयपुर बादली स्टेशन पहुंचा. स्टेशन से बाहर निकलने के बाद आरोपी शख्स ने ऑटो लिया और अपने घर को रवाना हो गया.
अगले दिन यानी कि घटना वाले दिन दोनों आरोपी ऑटो रिक्शा लेकर सिविल लाइंस पहुंचे और वारदात को अंजाम देने के बाद पार्किंग में खड़ी बाइक पर बैठकर फरार हो गए.
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जांच के दौरान पुलिस ने लगभग 300 सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिससे कि आरोपियों की पहचान हो सके. दोनों आरोपी पूरी यात्रा के दौरान मास्क पहने हुए थे. इसके बाद पुलिस ने मेट्रो ट्रेन में आरोपियों के मूवमेंट को ट्रैक किया, जिससे पता चल सके कि वह कहां-कहां जा रहा है.
मेट्रो कार्ड से किया ट्रैक
इसके लिए दिल्ली पुलिस ने वहां मौजूद सभी सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों को अलर्ट किया. मेट्रो कार्ड के जरिए सुरक्षाकर्मियों को पता चल गया कि वह कहां-कहां जा रहा है. जिसके बाद मंगलवार सुबह-सुबह जैसे ही संदिग्ध ने मेट्रो कार्ड से एंट्री ली, पुलिस को अलर्ट मिल गया और उसे पकड़ लिया गया.
पुलिस ने 77 साल के बिल्डर की हत्या के मामले में दो नाबालिगों को गिरफ्तार किया है. जिनकी उम्र 16-17 साल बताई गई है. स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक के मुताबिक हमले का मुख्य आरोपी स्कूल ड्रॉपआउट था यानी कि स्कूल छोड़ चुका था. उनमें से एक आरोपी मृतक बिल्डर के घर में काम करता था. उसे पता था कि बिल्डर कब सोता है, खाना खाता है, कब पानी पीता है. उसे यह भी पता था कि घर में कौन-कौन से सामान थे और महंगे सामान कहां रखे गए हैं.
डेढ़ सालों से बिल्डर के घर में कर रहा था काम
मिस्टर पाठक ने बताया कि आरोपी के पास से चोरी की हुई मोटरसाइकिल, 10.37 लाख कैश, सोने के गहने और फॉरेन करेंसी यानी कि विदेशी मुद्रा प्राप्त हुए हैं. आरोपी को घर की हर छोटी-बड़ी चीजों की जानकारी थी, इसलिए उसने एक फूलप्रूफ प्लान तैयार कर वारदात को अंजाम दिया था.
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जानकारी यह भी मिली है कि एक आरोपी बिहार का रहने वाला है और नाबालिग है. पुलिस के मुताबिक आरोपी पिछले डेढ़ सालों से मिस्टर अग्रवाल के घर पर काम कर रहा था. इतना ही नहीं उसपर पहले से भी कुछ मामले दर्ज हैं.