A Minor Girl Gangraped in UP: आज जो मैं खबर दिखाने जा रहा हूं उसके लिए आप सभी दर्शक अपने दिल और दिमाग़ की नसें बांध लें... क्योंकि दिल नहीं बंधा तो कलेजा फटने लगेगा और दिमाग़ की पेटी खुले रहने पर आपको इतनी शर्मिंदगी होगी कि चुल्लू भर पानी में डूब मरने का दिल करेगा. अपना दिल बहलाइए कि आप उत्तर प्रदेश में हैं, जहां अब 16 साल की लड़की भी, गहने लादकर रात 12 बजे सड़क पर स्कूटी से चल सकती है.
उत्तर प्रदेश (UP) के मुरादाबाद (Moradabad) में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप (Minor Gangraped) का मामला सामने आया है. आरोप है कि 5 युवकों ने पहले उस नाबालिग़ बच्ची के साथ रेप किया और बाद में उसे सड़क पर निर्वस्त्र कर यानी कि नंगा कर दौड़ाया. अगर किसी पुरुष को भी सड़क पर नंगा कर दौड़ाया जाए तो सोचिए, उसकी क्या मन:स्थिति होगी?
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क्या यह इतनी बड़ी घटना नहीं है जिसे तमाम मीडिया संस्थान दिखाए? क्या योगी सरकार के लिए रेप का मामला विरोध प्रदर्शन जैसा नहीं है कि अपराधियों के घर पर बुल्डोजर चलवा दिए जाएं? हालांकि किसी भी अपराधी के घर बुल्डोजर चलाना क़ानूनी तौर पर ग़लत है. लेकिन पीएम मोदी के आधुनिक भारत में बुल्डोजर से न्याय का इतिहास काफी रोमांचक रहा है और तमाम टीवी एंकरान ने इसे अपने चैनलों पर बिना सवाल किए प्रमुखता से जगह दी है. इसलिए मेरा सवाल है कि रेपिस्टों पर सीएम योगी कब चलाएंगे बुल्डोजर? इन्हीं तमाम मुद्दों पर आज होगी बात, आपके अपने कार्यक्रम मसला क्या है में?
क्या है मामला?
आपके स्क्रीन पर एक सीसीटीवी फुटेज दिख रहा है. इसमें एक नाबालिग़ लड़की सड़क पर बिना कपड़ों के चलती नज़र आ रही है. उसके आसपास से कई बाइक सवार गुज़र रहे हैं. तभी एक बाइक सवार रुक जाता है. वह पहले लड़की को देखता है. उसके बाद लड़की के पीछे आ रहे कुछ लोगों को देखता है.
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कौन हैं आरोपी?
हालांकि विजुअल में पीछे आ रहा कोई व्यक्ति नहीं दिख रहा. लेकिन एक बार गौर से उस बाइक सवार को देखिए. वह जिस तरह से पीछे देख रहा है ऐसा लगता है उसके पीछे कोई है, जो उसे निर्वस्त्र सड़क पर चलने को मजबूर कर रहा है. इस वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल पर दिल्ली गैंगरेप पीड़िता निर्भया को न्याय दिलाने में ख़ास भूमिका निभाने वाली योगिता भयाना ने सवाल पूछते हुए पोस्ट किया है.
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में पीड़िता के साथ हुई घटना की पूरी जानकारी दी है. इसके मुताबिक 15 वर्षीय लड़की गांव से मेला देख कर लौट रही थी. तभी 2 बाइक सवार और 5 लड़कों ने उसे अगवा कर लिया. आरोपियों के नाम नितिन, कपिल, अजय, नौशे अली और इमरान बताया गया है.
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पुलिस ने दर्ज़ किया मामला
मुरादाबाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए योगिता भयाना के ट्वीट पर अपना जवाब भी दिया है. मुरादाबाद की पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा 7 सितंबर 2022 को थाना भोजपुर थाने में एक लड़की के फूफाजी द्वारा तहरीर दी गई कि उसकी भतीजी के साथ रेप की घटना हुई है. तहरीर मिलने के बाद तुरंत मुकदमा दर्ज़ कर लिया गया. एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है,अन्य विधिक कार्यवाही जारी है. बयान के साथ ही पुलिस अधीक्षक ग्रामीण का बयान भी जारी किया गया है. एक बार आप भी सुन लें....
राजनीतिक बयानबाजी तेज
इस पूरे मामले को लेकर अब राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है. बिहार में मौजूदा नीतीश सरकार की साझीदार राष्ट्रीय जनता दल यानी कि RJD ने सवाल करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, ऐसी जघन्य राक्षसी घटना यूपी में हुई है और वहां एक भगवाधारी ढोंगी बाबा मुख्यमंत्री है इसलिए जंगलराज नहीं है. कल्पना कीजिए,अगर यही दुर्भाग्यपूर्ण घटना बिहार में होती तो गोदी मीडिया के दलाल चैनलों में भूकंप आ गया होता. दलालों का वर्ग चरित्र रिपोर्टिंग के माध्यम से उजागर हो रहा होता. अव्वल तो RJD पहले अपना प्रदेश ठीक कर ले, यही बिहार पर उपकार होगा. लेकिन क्या उनका सवाल जायज़ नहीं है?
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बिहार-झारखंड के मामलों में कैसे हुई रिपोर्ट
अभी कुछ दिनों पहले बेगूसराय में कुछ अज्ञात हमलावरों ने सड़क पर खुलेआम गोलीबारी की. जिसमें 11 लोगों को गोली लगने की ख़बर आई थी. जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. याद कीजिए इस ख़बर की रिपोर्टिंग के दौरान सभी चैनलों के प्रमुख एंकर और प्रदेश ब्यूरो पूरे दिन उसी रास्ते पर दोबारा गाड़ी चलाते हुए रिपोर्टिंग करते नज़र आए. वह डेमो दे रहे थे कि किस तरह अपराधी इधर-उधर लोगों पर गोली चलाते रहे. लेकिन इस जंगलराज की क़ानून व्यवस्था सुस्त पड़ी रही.
बिहार छोड़ दीजिए, झारखंड का ध्यान कर लेते हैं. वहां दुमका की अंकिता सिंह को एकतरफा प्यार में पड़ा आरोपी शाहरूख़ ने अपना प्रस्ताव स्वीकार नहीं करने की वजह से पेट्रोल डालकर ज़िंदा जला दिया. ख़बर में यह तक दिखाया गया कि अंकिता ने मरने से पहले क्या कहा था और आरोपी शाहरूख़ के लिए पीड़िता की मांग थी कि जैसे वह मर रही, वैसी ही मौत उसे दी जाये. ये दोनों ख़बरें बेहद संवेदनशील थी. मीडिया ने इसको उठाया भी. लेकिन क्या यूपी के मुरादाबाद का यह मामला बिहार और झारखंड के मामलों की तरह गंभीर नहीं है? अगर हां तो फिर इस ख़बर के साथ मीडिया का रवैया सौतेला क्यों है?
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यूपी में रेप के अनगिनत मामले
हाल के दिनों में यूपी में रेप के कई मामले देखने को मिले हैं. कुछ गंभीर मामलों पर आपका भी ध्यान दिलाना चाहूंगा.
तारीख- 22 सितंबर
लखनऊ में एक दुष्कर्म पीड़िता तीन दिन से अस्पताल में एडमिट है. पीड़िता का आरोप है कि डॉक्टर ने उनकी सभी रिपोर्ट गायब कर दी.
तारीख- 20 सितंबर
लखनऊ में 24 साल के युवक ने 8 साल की बच्ची के साथ रेप किया. मासूम बच्ची ज़िंदगी और मौत से जंग लड़ रही है.
तारीख- 20 सितंबर
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में गर्भवती महिला के साथ गैंगरेप की वारदात के बाद हुआ गर्भपात.
तारीख- 20 सितंबर
पीलीभीत के सुनगढ़ी थाना इलाके में दलित लड़की से तीन युवकों ने की गैंगरेप की वारदात.
तारीख 15 सितंबर
लखीमपुर खीरी गैंगरेप और हत्या मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप और गला दबाकर हत्या की पुष्टि
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रेपिस्टों में क़ानून का ख़ौफ़ कम क्यों?
सोचिए ये महज़ 8 दिन के आंकड़े हैं. अगर एक महीने के आंकड़े भी निकालूं तो दो-चार दिन इसी मुद्दे पर कार्यक्रम हो जाएगा. ऐसा नहीं है कि ऐसे मामले सिर्फ यूपी में ही होते हैं. भारत का कोई भी राज्य अछूता नहीं है. सभी राज्यों में क़ानून का डर अपराधियों से ज़्यादा पीड़ित परिवारों में है. लेकिन अगर देश के केंद्रीय मंत्री किसी राजनीतिक रैली में यह कहें कि अमुख राज्य में अब लड़कियां रात 12 बजे सड़क पर घूम सकती है तो फिर सवाल तो बनता है. मंत्री से भी और इसे प्रमुखता से दिखाने वाले चैनलों से भी....
आख़िर इन अपराधियों के मन में योगी सरकार का ख़ौफ क्यों नहीं है. क्या इन रेपिस्टों का अपराध उन प्रदर्शनकारियों से कम हैं जिनके घर पर बुल्डोजर चलवा दिए गए थे?