Aadhaar Card Update: आधार कार्ड इन दिनों हमारे और आपके जीवन का आधार बन चुका है. आप अपने मोबाइल फोन के लिए सिम खरीदते हैं या अपने लिए घर-गाड़ी. बैंक में खाता खुलवाना हो या होटल में रूम बुक करना हो, बिना आधार कार्ड आप कुछ नहीं कर सकते. कभी-कभी लगता है आधार कार्ड के बिना हमारे जीवन का कोई आधार ही नहीं बचा है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस आधार कार्ड के जरिए आप आपने ही हाथों अपनी सारी जानकारी लोगों तक पहुंचा रहे हैं.
आधार कार्ड को लेकर शुरुआत से ही चर्चा चलती रही है कि इससे लोगों की निजता भंग होने का ख़तरा है. 2009 में जब नंदन नीलेकणी के नेतृत्व में UIDAI नाम की संस्था बनाई गई, तब यह संकल्प लिया गया था कि आधार कार्ड से हर भारतीय नागरिक को उनकी यूनिक पहचान का डेटा देने और उनके डेटा का उचित इस्तेमाल करने को लेकर योजना भी बनाई जाएगी.
तब ज्यादातर बड़े देशों में लोगों ने इसका विरोध किया. यही वजह रही कि ब्रिटेन, चीन, ऑस्ट्रेलिया, फ़्रांस, फिलिपिंस जैसे कई देशों में आधार जैसी परियोजनाएं रोक दी गईं. जबकि अमेरिका में इस तरह के पहचान पत्र ही नहीं हैं.
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जब आधार परियोजना का प्रस्ताव हुआ था, तब ब्रिटेन का उदाहरण दिया गया. लेकिन भारत सरकार ने इसे अनदेखा किया और आधार योजना को जारी रखा.
आधार कार्ड एक बार फिर से चर्चा में है. दरअसल शुक्रवार को UIDAI की ओर चेतावनी दी गई थी कि वो किसी भी ऑर्गेनाइजेशन के साथ आधार की फोटोकॉपी शेयर न करें, क्योंकि इससे आपके आधार कार्ड का दुरुपयोग हो सकता है. सरकार ने इसके बजाए मास्क आधार कार्ड (Mask Aadhar Card) का उपयोग करने की बात कही है, जिसमें आपके आधार नंबर के केवल आखिरी 4 डिजिट ही दिखते हैं. यह मास्क आधार कार्य भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है. हालांकि अब सरकार ने इस एडवाइजरी को वापस ले लिया है.
वापस क्यों लिया है इसपर चर्चा हम करेंगे. लेकिन उससे पहले जान लेते हैं कि आधार कार्ड की फोटोकॉपी शेयर ना करने की चेतावनी जारी करते हुए UIDAI ने क्या तर्क दिए थे.
UIDAI ने कहा था, 'कृपया ई-आधार डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट कैफे/कियोस्क में पब्लिक कंप्यूटर का इस्तेमाल करने से बचें. फिर भी आप ऐसा करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप ई-आधार की सभी डाउनलोड की गई कॉपियों को उस कंप्यूटर से हटा रहे हैं. केवल वे संगठन जिन्होंने UIDAI से यूजर लाइसेंस लिया है, वे ही आइडेंटिफिकेशन के लिए आधार का इस्तेमाल कर सकते हैं.
होटल या फिल्म हॉल जैसी बिना लाइसेंस वाली निजी संस्थाओं को आधार कार्ड की कॉपी जमा करने या रखने की अनुमति नहीं है. यह आधार अधिनियम 2016 के तहत एक अपराध है. यदि कोई निजी संस्था आधार कार्ड देखने की मांग करती है या आधार कार्ड की फोटोकॉपी मांगती है, तो वैरिफाई करें कि उनके पास UIDAI से वैलिड यूजर लाइसेंस है या नहीं.
UIDAI वेबसाइट से डाउनलोड ई-आधार भी उतना ही वैलिड है जितना ओरिजिनल आधार. कोई भी एजेंसी इसे लेने से इनकार नहीं कर सकती. यदि कोई ऐसा करता है तो इसकी शिकायत की जा सकती है.)
हालांकि बाद में सरकार की तरफ से सफाई दी गई कि UIDAI ने जो एडवाइजरी जारी की थी, वह फोटोशॉप के जरिए आधार कार्ड का दुरुपयोग से बचने के लिए था. एडवाइजरी की गलत व्याख्या की संभावना को देखते हुए इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जा रहा है. आधार कार्ड धारकों को केवल सलाह दी जाती है कि वे अपने आधार नंबर को शेयर करने में अपनी समझ का प्रयोग करें....