Agnipath Scheme Protest: अग्निपथ योजना पर भड़के 'अग्निवीर', मोदी सरकार की 'तपस्या' में कहां रह गई कमी?

Updated : Jun 16, 2022 21:31
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Deepak Singh Svaroci

Agnipath Scheme Protest: अग्निपथ स्कीम ने अब पूरे देश में आग लगा दी है. बिहार के बक्सर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय इलाकों से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में फैल चुका है. हरियाणा के रोहतक में एक छात्र ने पीजी हॉस्टल रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. छात्र जींद जिले के लिजवाना गांव का रहने वाला बताया जा रहा है. परिजनों के मुताबिक सेना की भर्ती कैंसिल होने और चार साल की स्कीम वाली अग्निपथ योजना से परेशान होकर सचिन ने यह कदम उठाया.  

वहीं पलवल में छात्रों ने पुलिस की तीन गाड़ियों को फूंक दिया है. बिहार के नवादा जिले में उग्र प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय को ही आग लगा दी. वहीं दिल्ली के नांगलोई रेलवे स्टेशन पर छात्रों ने ट्रेन यातायात को बाधित कर अपने गुस्से का इजहार किया.

ट्रेन में लगाई आग

बिहार के कई जिलों में युवाओं ने प्रदर्शन किया है. आरा स्टेशन पर आक्रोशित युवाओं ने पहले हाथ में झंडा लेकर प्रदर्शन किया, फिर रेलवे के ऑफिस में तोड़फोड़ की, उसके बाद प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर आग लगा दी. इतना ही नहीं उग्र छात्रों ने स्टेशन परिसर में खड़े मोटरसाइकिल को भी आग के हवाले कर दिया.

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कैमूर जिले के भभुआ रोड रेलवे स्टेशन पर हजारों की संख्या में सेना की तैयारी करने वाले छात्रों ने बवाल काटा. उग्र भीड़ ने पहले पुलिस पर पथराव किया, बाद में भभुआ पटना इंटरसिटी ट्रेन के अंदर आग लगा दी.

प्रदर्शकारी छात्रों पर लाठी चार्ज

वहीं गुरुग्राम में नाराज छात्रों ने दिल्ली-जयपुर हाइवे को जाम कर दिया. युवाओं का कहना है कि पिछले 3 साल से फौज में भर्ती नहीं की गई है और अब सिर्फ 4 साल की भर्ती की जाएगी. हरियाणा के रेवाड़ी में प्रदर्शकारी छात्रों के ऊपर पुलिस ने लाठी चार्ज किया...

जहानाबाद में प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा कि हम चार साल के बाद काम करने कहां जाएंगे? चार साल की सर्विस के बाद हम लोग बेघर हो जाएंगे. इसलिए हम लोग सड़कों पर उतरे हैं. देश के नेताओं को समझना होगा कि जनता जागरूक है.

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कृषि कानून जैसी गलती तो नहीं कर रहे?

सवाल उठता है कि क्या सरकार छात्रों के मुद्दे को लेकर भी किसानों जैसी ही गलती कर रही है. क्या इस योजना को शुरू करने से पहले सरकार ने सेना के लोगों से कोई राय-मशविरा किया था? अग्निपथ स्कीम की हालत कृषि कानून जैसा ही है. ना ही सैन्य अधिकारियों को समझ आ रहा है और ना ही लाभार्थी छात्रों को. लगता है मोदी सरकार की तपस्या में फिर से कोई कमी रह गई. 

आश्चर्य है... भारत प्रत्येक दिन चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर युद्ध के संशय में जीता है. सैन्य बजट में कई गुना पीछे होने के बावजूद अपने साहस और हिम्मत के दम पर भारत की आर्मी दुनिया की चौथी सबसे मजबूत आर्मी है. लेकिन सरकार इस बजट को भी कम कर देश का बजट सुधारना चाहती है. 

सैन्य बजट से राजकोषीय घाटा भरना ठीक कैसे?

क्या राजकोषीय घाटा को कम करने के लिए सेना के जवानों का पेंशन काटना ठीक होगा? अगर हां तो फिर सांसदों और विधायकों पर खर्च होने वाले बजट में कटौती क्यों नहीं होनी चाहिए?

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आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि अमेरिका, रूस, चीन के बाद भारत की आर्मी दुनिया में चौथी सबसे ताक़तवर आर्मी है. वर्तमान में भारत का सैन्य बजट 6 लाख़ करोड़ है. जो विश्व का तीसरा सबसे बड़ा सैन्य बजट है. आपको जानकर हैरानी होगी, पड़ोसी देश चीन का सैन्य बजट 122.79 लाख करोड़ रुपये हैं. यानी कि भारत से 20 गुना ज्यादा... अमेरिका का बजट हमलोगों से 10 गुना ज्यादा है.

मोदी सरकार की फ्लैगशिप योजना फ्लॉप रही

मोदी सरकार ने भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए पहले भी कई फैसले लिए हैं, जैसे- नोटबंदी, जीएसटी, धारा 370 हटाना.... याद कीजिए जब इस तरह की घोषणा सरकार ने की थी तो क्या तर्क गढ़े गए थे. लेकिन क्या वजह है कि सरकार जिस दावे के साथ कोई घोषणा करती है वह दावा ही पूरा नहीं होता. क्या नोटबंदी से देश का कालाधन वापस आ गया? क्या जीएसटी लागू करने से देश की अर्थव्यवस्था ने बुलंदी की नई ऊंचाइयों को छू लिया.

अगर हां तो कई सालों से पेट्रोल-डीजल के नाम पर लोगों के जेब पर डाका क्यों डाला जा रहा है? क्या जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद घाटी में अमन चैन कायम हो गया है और विकास की धारा बहने लगी है? आपके जानने में कोई हिंदू परिवार वहां है तो हाल-चाल ले लीजिए.    

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घोषणा से पहले सलाह क्यों नहीं लेती सरकार?

क्या वजह है कि केंद्र सरकार की प्रत्येक योजना एक-एक कर फ्लॉप साबित हो रही है. क्या वाकई सरकार किसी भी स्कीम या कानून को लाने से पहले विशेषज्ञों से कोई राय नहीं लेती... पिछले आठ सालों में बीजेपी सरकार के जो भी फ्लैगशिप प्रोजेक्ट रहे, उसका क्या हश्र हुआ है देख लीजिए. अगर अच्छा हुआ होता तो क्या सरकार इसका श्रेय लेने से चूकती.

याद कीजिए वैक्सीन फ़ॉर ऑल, फ्री फॉर ऑल... धन्यवाद मोदी जी वाला विज्ञापन.. आपके देश की सरकार कोरोना महामारी के दौरान भी अपने कर्तव्यों को आपके लिए उपकारों के तौर पर गिनाना नहीं भूलती, फिर क्या वजह रही कि वह फ्लैगशिप प्रोजेक्ट का महिमामंडन करना भूल गई.  

वरुण गांधी ने राजनाथ सिंह को लिखा पत्र

बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखा है और कहा है कि 'अग्निपथ' योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं. सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रखे, जिससे कि युवा असमंजस की स्थिति से बाहर निकल सकें.

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तो क्या मोदी सरकार छात्रों से बात करेगी, उनके लिए कोई संदेश भेजेगी, जिससे कि रोजगार को लेकर उनके मन में जो असुरक्षा की भावना जगी है उसका स्थायी समाधान निकाला जा सके. या इस नेतृत्वहीन प्रदर्शन को किसी और तरफ भटका दिया जाएगा... 

Agnipath Scheme Protest

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