Lok Sabha Elections 2024: दिल्ली की तिहाड़ जेल में 50 दिन बिताने के बाद अरविंद केजरीवाल बाहर आ गए हैं. ऐसे में सीधा सवाल ये कि चुनावी माहौल के बीच केजरीवाल की रिहाई से उनकी पार्टी और INDIA गठबंधन को कितना फायदा होगा ? इस सवाल का जवाब तो आने वाली 4 जून को ही पता चलेगा. लेकिन जेल से बाहर आते ही केजरीवाल ने अपने चुनावी अभियान का शंखनाद राजधानी दिल्ली से कर दिया है. शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अरविंद केजरीवाल बीजेपी और पीएम मोदी पर जमकर बरसे.
अमित शाह के वोट मांग रहे मोदी- केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा, 'इन्होंने आडवाणी जी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन की राजनीति खत्म कर दी. शिवराज सिंह चौहान जिन्होंने मध्य प्रदेश का चुनाव जिताया, उन्हें CM नहीं बनाया, उनकी राजनीति खत्म कर दी. वसुंधरा राजे, खट्टर साहब, रमन सिंह की राजनीति खत्म कर दी अब अगला नंबर योगी आदित्यनाथ का है. अगर ये चुनाव ये जीत गए तो दो महीने में उत्तर प्रदेश का CM बदल दिया जाएगा... यही तानाशाही है. अगला नंबर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का है. चुनाव जीतने पर पीएम मोदी, यूपी का सीएम बदल देंगे. योगी की राजनीति को खत्म करने की साजिश हो रही है. ये वन नेशन-वन लीडर बनाना चाहते हैं. बीजेपी बताए उनका पीएम कौन होगा? क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल 75 साल के हो रहे हैं. तो बीजेपी बताए कि उनका अगला पीएम कौन होगा. मोदी जी अमित शाह को पीएम बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं.'
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ ही इंडिया गठबंधन के नेताओं में भी जोश भर आया है, क्योंकि अभी चार चरणों के चुनाव बाकी हैं. बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए INDIA गठबंधन केजरीवाल को मिली राहत से खुद के लिए भी राहत महसूस कर रही रही है.
केजरीवाल की रिहाई से AAP और INDIA गठबंधन का कॉन्फिडेंस हाई है. लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात ये भी है कि केजरीवाल जेल से छूटे हैं, लेकिन शराब नीति घोटाला मामले से अभी भी उनका पीछा नहीं छूटा है. लिहाजा कोर्ट ने उन्हें 1 जून तक जमानत पर रहने के बाद 2 जून को वापस जेल में आने का आदेश दिया है. मतलब ये कि लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए केजरीवाल को 20 दिनों का वक्त मिल गया है. ऐसे में सवाल है कि केजरीवाल इतने कम दिनों में कहां-कहां और कैसे प्रचार करने वाले हैं ? सबसे पहले सीटों का गणित समझते हैं-
अब बची हैं लोकसभा की वो 18 सीटें...जहां आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मदीवार उतारे हैं. ऐसे में केजरीवाल इन सभी 18 सीटों पर अपनी पूरी ताकत लगा देंगे. लोकसभा चुनाव के अभी 4 चरण बाकी हैं. जिनमें पंजाब और दिल्ली में भी चुनाव होंगे. इन दोनों ही राज्यों में AAP की सरकार है ऐसे में AAP को भरोसा है कि अरविंद केजरीवाल के प्रचार से यहां पार्टी को काफी फायदा होगा. बता दें कि
दिल्ली-
हरियाणा
इसके अलावा हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट पर भी AAP चुनाव लड़ रही है
हरियाणा में 25 मई को वोटिंग होगी
हरियाणा में प्रचार के लिए भी केजरीवाल के पास 12-13 दिन का वक्त
पंजाब
वहीं, अरविंद केजरीवाल की जमानत के बाद कुछ ऐसे सवाल भी हैं जो राजनीतिक गलियारों में काफी तेजी से गूंज रहे हैं...
केजरीवाल की जमानत के बाद उठ रहे सवाल?
सवाल नंबर 1- क्या अगले 21 दिन में 24 के चुनाव में बड़ा गेम चेंज होगा?
सवाल नंबर 2- क्या केजरीवाल को राहत मिलने से BJP की चुनौती बढ़ेगी?
सवाल नंबर 3- अदालत के आदेश से भविष्य की राजनीति पर कैसे प्रभाव बढ़ेगा?
इन सवालों के बीच अहम बात ये कि अभी दिल्ली, पंजाब यानी जहां केजरीवाल की पार्टी की सरकार है और पार्टी मजबूत है, वहां प्रचार का पूरा मौका अरविंद केजरीवाल के पास है. यानी नतीजे अगर केजरीवाल के पक्ष में नहीं भी आए तो ये कहने का मौका नहीं होगा कि प्रचार करने ही नहीं दिया गया.
क्योंकि अगर 5 साल पहले 2019 के नतीजे देखें तो केजरीवाल की पूरी ताकत भी आम आदमी पार्टी को ज्यादा फायदा नहीं पहुंचा सकी थी.
2019 में आम आदमी पार्टी-
सीटों पर चुनाव लड़ी- 35 सीटों पर
सीटें जीतीं- 1 सीट जीती
जमानत जब्त- 30 सीटों पर
राज्यों में चुनाव लड़ी- 9 राज्यों में
पांच साल पहले आम आदमी पार्टी 35 में से सिर्फ 5 सीटों पर ही जमानत बचा पाई थी. अब पार्टी केजरीवाल के प्रचार से क्या 22 सीटों पर कुछ बदलाव ला सकती है? बीजेपी कहती है कि केजरीवाल के बाहर आने से चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. जबकि आम आमदी पार्टी और INDIA गठबंधन इसे गेमचेंजर के तौर पर देख रही है.
ब्यूरो रिपोर्ट. एडिटरजी.
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