मधुबनी: NH-227L को लेकर सोशल साइट्स पर क्यों पूछे जा रहे सवाल, गड्ढे में सड़क या सड़क में गड्ढा?

Updated : Jun 30, 2022 19:11
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Deepak Singh Svaroci

Bihar national highway: रोजगार, महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था, पेट्रोल-डीजल, निजीकरण, सरकारी कंपनियों को बेचने, हिंदू-मुस्लिम और लिंचिंग जैसी घटनाओं को लेकर आप मोदी सरकार को चाहें जितना भी कोस लें, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग यानी कि नेशनल हाईवे को लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मन्त्रालय की हमेशा से तारीफ होती रही है. विरोधी भी सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कार्यों के फैन रहे हैं. लेकिन बिहार के मधुबनी जिले से गुजरने वाली नेशनल हाईवे  नेशनल हाईवे-227L का एक वीडियो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है.

लोग इस वीडियो को देख सोशल मीडिया पर सवाल कर रहे हैं कि गड्ढों के बीच में सड़क कहां है? इस वीडियो को देखिए और बताइए कि क्या यह सड़क ही है या फिर गड्ढों को जोड़ दिया गया है. इस सड़क पर सबसे बड़ा गड्ढा 100 फीट का बताया जा रहा है..

500 दुकानों के मालिक झेल रहे मंदी

यह सड़क, कलुआही-बासोपट्टी-हरलाखी से गुजरने वाला मुख्य मार्ग है. मानसी पट्‌टी से कलना तक सड़क की ऐसी ही हालत है. इस मार्ग से जुड़े 500 दुकानों के मालिक और उनसे जुड़े लगभग 15 हजार परिवार, बरसात से लेकर गर्मी तक सभी मौसम में बदहाली झेल रहे हैं. गर्मियों में सड़कों पर धूल इतनी कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है, वहीं बरसात के हालात, सड़क पर रेंगते ट्रक के रफ्तार से लगाई जा सकती है.  

ऐसा नहीं है कि सड़क की यह हालत कुछ दिनों पहले से है. 2015 के बाद से ही यह सड़क ऐसे ही जर्जर बनी हुई है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक इसे बनाने के लिए अब तक तीन बार टेंडर जारी किया गया है, लेकिन सभी ठेकेदारों ने कुछ दूर सड़क बनाने की खानापूर्ति के साथ काम छोड़ दिया और फरार हो गए. राजनेता, सरकार और विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता ऐसी है कि रोजाना आवाजाही के बावजूद सड़क नहीं बन पाई.

BJP विधायक ने कई बार उठाया मुद्दा

खबर के मुताबिक स्थानीय BJP विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने विधानसभा के अंदर भी तीन अलग-अलग सत्रों में इस मुद्दे को उठा चुके हैं. लेकिन NH अधिकारियों ने लोड ही नहीं लिया... 

सवाल उठता है कि आखिर इतने सालों के बाद भी यह सड़क क्यों नहीं बनी है. 

सड़क क्यों नहीं बनी?

  • पहले इस सड़क के मरम्मत का काम आरसीडी देखती थी
  • आरसीडी ने सड़क बनाने के लिए कई बार टेंडर भी निकाला
  • कुछ किलोमीटर तक का काम होने के बाद इसे बंद कर दिया
  • बाद में भी कई बार सड़क की मरम्मत करायी गई 
  • साल 2020 से इस सड़क की जिम्मेदारी एनएच जयनगर देखने लगी
  • 2020 में करीब 28 करोड़ रुपए की लागत से टेंडर निकला
    ठेकेदार धीमी रफ्तार से काम करता रहा, बाद में NHAI ने उसे हटा दिया
  • फिलहाल मामला कोर्ट में है और इलाके के लोग बेहाल हैं 

भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक सड़क निर्माण की जिम्मेदारी संभाल रहे ठेकेदार रवींद्र कुमार काम की देरी के लिए महंगाई को जिम्मेदार बता रहे हैं. ठेकेदार का कहना है कि जब टेंडर निकला था तब मेटेरियल का रेट कम था, आज रेट काफी ज्यादा बढ़ गया है. इसके साथ ही हमारा पेमेंट भी रोककर रखा गया है. भुगतान नहीं होने की वजह से निर्माण कार्य रुका रहा.

जानकारी के मुताबिक मौजूदा ठेकेदार को हटा दिया गया है, दोबारा टेंडर प्रकिया शुरू करने में कम से कम 3 महीने का समय लगेगा. 

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