भारत और तुर्की, Royal Malaysian Air Force को हल्के लड़ाकू बेचने की होड़ में हैं. हाल ही में हुए मलेशिया में डिफेंस एक्सपो में तुर्की के TAI ने Hurjet को डिस्प्ले किया. 28 से 31 मार्च के बीच 17वां डिफेंस सर्विस एशिया एग्जिबिशन और कॉन्फ्रेंस क्वालालम्पुर में आयोजित हुआ. तुर्की का दावा है कि उसके पवेलियन ने डिफेंस एक्स्पो में हलचल मचाई...
Tejas Vs Hurjet
तो, Hurjet की खासियत है क्या, और क्यों इसकी तुलना Tejas से हो रही है? तुर्की के इस एयरक्राफ्ट की मैक्सिमम स्पीड 1.4 Mach है. तेजस 1.6 Mach तक की स्पीड के साथ उड़ान भर सकता है. Mach 1 ध्वनि की रफ्तार का नाम है. जहां Hurjet की पेलोड कपैसिटी 2,700 किलो से ज्यादा है, वहीं तेजस 5,300 किलो के साथ यहां भी बाजी मारता है. Hurjet की मारक क्षमता 2,200 किमी से ज्यादा है, जबकि HAL ने यह आंकड़ा नहीं दिया है. तेजस के ऐक्शन का रेडियस 300 किमी है.
पिछले साल नवंबर में दुबई एयरशो में तेजस ने शानदार परफॉर्मेंस दिखाई. कथित तौर पर HAL ने भी घोषणा की कि वह तेजस को मलेशिया की जरूरत के हिसाब से ढालने के लिए तैयार है. अगर भारत के हाथ यह सौदा लगता है, तो यह तेजस से जुड़ा पहला एक्सपोर्ट होगा. यह अर्जेंटीना और मिस्र के रक्षा खरीद को लेकर भी भारत के लिए शुभ संकेत हो सकता है.
Tejas के मुकाबले में कौन कौन?
भारत और तुर्की के अलावा, मलेशिया में वहां की कंपनी ATS, MIG-35 के साथ, चीन की कैटिक L-15 के साथ, Korea Aerospace Industries FA-50 और इटली की लियोनार्डो M-346 भी रेस में हैं लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो Tejas और Hurjet इस मामले में सबसे आगे हैं.
यदि भारत कॉन्ट्रेक्ट जीतता है, तो यह और भी अच्छा होगा. क्योंकि मलेशिया की जरूरत उसके हवाई क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के बाद बढ़ी है. भारत की भी चीन के साथ बॉर्डर से जुड़ा विवाद है.