Chandigarh University Girls Hostel video leak : देश की सरकार बदल चुकी है. विचाराधारा भी बदल रही है. लेकिन क्या वजह है कि लड़कियों को लेकर लोगों की मानसिकता आज भी दशकों पुरानी है. प्रधानमंत्री मोदी सत्ता बदलने के एक साल बाद ही 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देते हैं. हालांकि उनका संदर्भ भ्रूण हत्या को लेकर था. लेकिन लड़कियों की वह चुनौती जो मां के गर्भ से शुरू होकर मां बनने तक की है, उससे उनकी रक्षा कौन करेगा? क्या तेज़ी से बदल रहे समाज को इस बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है? आने वाला वक्त डिजिटल दुनिया का है. ऐसे में लड़कियों के लिए चुनौतियां और भी बढ़ने वाली है. पंजाब के मोहाली स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में जो कुछ हुआ, वह भविष्य के ख़तरे की एक बानगी भर है. इसलिए लड़कियों के लिए भविष्य की चुनौती और उसके कारण पर बात करना बेहद ज़रूरी है. ताकि आप दर्शक भी समझ सकें कि असल मसला क्या है?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की एक छात्रा, अपने साथ रहने वाली लड़कियों की नहाने के दौरान वाली 50-60 वीडियो क्लिप बनाती है. वह लड़की इन सभी क्लिप को शिमला के रहने वाले एक लड़के को भेजती है. आरोप है कि लड़के ने सभी क्लिप्स सोशल मीडिया पर वायरल कर दी. आरोपी लड़के को वीडियो बनाने वाली लड़की का मित्र बताया जा रहा है.
ख़बर यह भी मिली है कि जैसे ही यह बात सार्वजनिक हुई, यूनिवर्सिटी की कई छात्राओं ने आत्महत्या करने का भी प्रयास किया है. हालांकि बाद में प्रबंधन की तरफ से 50-60 वीडियो क्लिप सार्वजनिक करने की बात ख़ारिज़ की गई है. इसके साथ ही आत्महत्या के प्रयास वाली ख़बर को भी अफ़वाह बताया जा रहा है. हालांकि एक सच यह भी है कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है.
एक छोटा सा क्लिप दिख रहा है जिसमें एक छात्रा बेसुध दिखाई दे रही है. उसकी अन्य छात्राएं मित्र उन्हें गोद में उठाकर एंबुलेंस में बिठा रही है. वहीं एक अन्य वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें प्रबंधन ने गेट के बाहर ताला लगा दिया है. जिससे कि छात्राएं आंदोलन में हिस्सा ना ले सकें. लेकिन आक्रोशित छात्राएं, गेट और दीवारें कूद-कूद कर आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए बाहर निकल रही हैं. दरअसल 60 छात्राओं की आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने से खफा छात्रों ने शनिवार और रविवार को यूनिवर्सिटी के भीतर प्रदर्शन किया था. छात्रों का आरोप है कि यूनिवार्सिटी, छात्रों की मांग नहीं मान रही है. इसके साथ ही प्रशासन छात्राओं के आत्महत्या करने के प्रयास वाली बात को छिपाने का प्रयास कर रही है. मोहाली के SSP विवेकशील सोनी ने यहां तक दावा कर दिया कि लड़की ने सिर्फ अपना वीडियो ही भेजा था.
हालांकि छात्रों के प्रदर्शन के बीच पंजाब पुलिस ने आरोपी लड़की और उसके पुरुष मित्र सन्नी मेहता और 1 अन्य को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक आरोपी लड़की ने सन्नी मेहता को एमएमएस भेजा था. इसके साथ ही पंजाब पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए सीनियर आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है.
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अगर छात्राओं ने इस मामले में पहल नहीं की होती तो यह बात फ़िलहाल सामने नहीं आती. शुक्रवार दोपहर 3 बजे 5 लड़कियों ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी हॉस्टल वार्डन से MMS बनाए जाने की शिकायत की थी. दूसरी छात्राओं और वार्डन से पूछताछ के दौरान आरोपी छात्रा ने कबूला कि उसने वीडियो बनाई और अपने एक मित्र सन्नी को भेजी, जो शिमला का है. शनिवार को हंगामा चलता रहा लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर रविवार तड़के सुबह 3 बजे लड़कियों ने हंगामा किया. बाद में यूनिवर्सिटी ने पुलिस को बुला लिया. लेकिन लड़कियों ने अपनी मांग नहीं छोड़ी और उनसे भिड़ गईं.
बाद में आरोपी लड़की ने अपने दोस्त सन्नी की फोटो दिखाकर कहा कि उसके दबाव में उसने यह सब किया. पुलिस और प्रबंधन के रवैये से छात्र निराश हैं. हालांकि यूनिवर्सिटी प्रबंधन और प्रशासन ने रात 1.30 बजे छात्राओं की सभी मांगे मानने का भरोसा दिया है. उनके आश्वासन के बाद फिलहाल धरना खत्म हो गया है. इस पूरे मामले में छात्राओं ने गज़ब का साहस दिखाया है और इन सब में वहां के छात्रों ने भी पूरा साथ दिया है.
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने इस मामले की पूरी गंभीरता के साथ जांच कराने का आश्वासन दिया है लेकिन चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी पूरे मामले को ही फर्ज़ी और निराधार बनाने पर जुटी है. सोचिए कुछ लड़कियां दिन-रात मेहनत कर अच्छे स्कूल या कॉलेज में दाखिला लेती हैं. हॉस्टल में बच्चियों की सुरक्षा के लिए मां-बाप लाखों रुपये पानी की तरह बहा देते हैं. ताकी उनकी बच्चियों को किसी तरह की असुविधा नहीं झेलनी पड़े, लेकिन अगर हॉस्टल में रह रही उन्हीं बच्चियों में से कोई एक, दोस्त बनकर ही आपकी बहन-बेटी की आबरू को तार-तार कर दे, तो फिर आप क्या करेंगे और किसे दोष देंगे?
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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की 'भारत में अपराध- 2021' की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में देश में दर्ज रेप केसों की संख्या 28,046 थी, जबकि 2019 में 32,033 रेप केस दर्ज हुए.
वहीं 2021 में रेप के 31,677 केस दर्ज किए गए है. यानी रोजाना औसतन 86 रेप केस दर्ज हुए हैं. इसके साथ ही देश में हर घंटे में महिलाओं के खिलाफ अपराध के करीब 49 मामले दर्ज हुए. आपकी जानकारी के लिए बता दूं, NCRB केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है.
क्या इस तरह की बढ़ रही 'परंपरा' के लिए वो मामले ज़िम्मेदार नहीं हैं जिसमें अपराधी रेप कर, लड़की की नृशंस हत्या कर देते हैं? क्या वह मामले ज़िम्मेदार नहीं है, जिसमें लड़की अगर अपनी छेड़खानी का विरोध करती है, तो उसे पीट-पीट कर मार दिया जाता है. इतना ही नहीं प्रशासन भी मामले को रफ़-दफ़ा करने के लिए आनन-फ़ानन में लड़की की लाश को दफ़ना देते हैं, जिससे कि मामला ज़्यादा ना बढ़े?
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