लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की हाई वोल्टेज नगीना सीट पर समाज पार्टी (कांशी राम) के उम्मीदवार चंद्रशेखर आजाद ने भाजपा के ओमकार को 1.50 लाख वोटों से हराकर सभी को चौंका दिया है. UP की सबसे चर्चित सीट पर मिली इस रिकॉर्ड जीत के बाद चंद्रशेखर आजाद के समर्थक जश्न में डूबे हैं. चंद्रशेखर आजाद की जीत ने यूपी की पूर्व सीएम मायावती की टेंशन बढ़ा दी है क्योंकि मायावती की पूरी राजनीतिक विरासत जिन कांशीराम के नाम पर टिकी थी, चंद्रशेखर आजाद ने उन्हीं कांशीराम को अपना आदर्श बनाकर पार्टी का नाम आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) रखा और अब रिकॉर्ड जीत के बाद उनके हौसले सातवें आसमान पर हैं. राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा है कि क्या उत्तर प्रदेश में दलितों को नया चेहरा मिल गया है?
किसके लिए खतरे की घंटी है चंद्रशेखर आजाद की जीत?
चंद्रशेखर आजाद की जीत और उनका उदय जाहिर तौर पर मायावती के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है. चंद्रशेखर आजाद ने मायावती के दलित वोट बैंक, जिस पर वह यूपी में अपना अधिकार रखने का दावा करती थीं, सेंध लगाने का काम किया है.
कौन है चंद्रशेखर आजाद?
चंद्रशेखर आजाद, रावण के नाम से भी जाने जाते हैं जिन्होंने 15 मार्च 2020 में आजाद समाज पार्टी (आसपा) का गठन किया. तीन दिसंबर 1986 को सहारनपुर के छुटमलपुर में जन्मे चन्द्रशेखर आजाद भारतीय राजनीतिज्ञ , सामाजिक कार्यकर्ता, अम्बेडकरवादी कार्यकर्ता और वकील हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में आजाद समाज पार्टी सिर्फ एक ही सीट नगीना पर चुनाव लड़ी और खुद चंद्रशेखर ने मैदान में उतरकर मोर्चा संभाला.
कहां से चंद्रशेखर ने की पढ़ाई?
चंद्रशेखर ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी से एलएलबी और लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.ए की पढ़ाई की. चंद्रशेखर आजाद टाइम पत्रिका में भी शामिल हुए थे और उन्हें टाइम पत्रिका में 100 उभरते नेताओं की एनुअल लिस्ट में जगह मिली.
जो भी हो, नगीना से चुनाव जीतकर चंद्रशेखर ने राजनीतिक पिच पर अपनी मजबूती के संकेत दे दिए हैं. हालांकि, ये देखना दिलचस्प होगा कि वो कैसे इस जनादेश को भविष्य में अपने पक्ष में भुनाने में कामयाब होंगे.