Covid-19 situation in China : चीन, जिसने पूरी दुनिया को कोरोना का दर्द दिया... वह खुद अब इस दर्द से कराह रहा है... एक्सपर्ट्स की मानें तो चीन के अस्पताल में मरीजों की भीड़ है, सरकार संकट में है, जनता का गुस्सा चरम पर है... 2019 में जब वायरस ने पहली बार देश में असर दिखाया था, तब उसे लेकर किसी तरह की जानकारी नहीं थी लेकिन अब ऐसा नहीं है. दुनिया को इस बात का आभास तो है कि चीन में किस वायरस ने हड़कंप मचाया हुआ है लेकिन इसकी पूरी पिक्चर अभी भी धुंधली है.
कुछ अनुमानों के मुताबिक, कोविड-19 मामलों में हालिया बढ़ोतरी की वजह से चीन में लगभग 20 लाख लोगों की मौत की आशंका है. एक कोविड एक्सपर्ट ने अनुमान लगाया है कि देश की 60% आबादी अगले कुछ महीनों में संक्रमित हो सकती है.
ऐसी गंभीर खबरों के साथ हर कोई स्पष्टता को तलाश रहा है, इंटरनेट खंगाल रहा है. सवाल ये है कि आखिर चीन में कोविड-19 के मामले क्यों बढ़ रहे हैं? (why cases of covid-19 increasing in China?) क्या इसके लिए SARS-CoV-2 वायरस का नया वैरिएंट जिम्मेदार है? चीन देश में कोविड-19 बढ़ने से रोकने और दूसरे देशों में इसके फैलाव को रोकने के लिए क्या कर रहा है?
चीन कोविड वायरस के सबसे बुरे दौर से जूझ रहा है. देश से आ रही समाचार रिपोर्टों के अनुसार, प्रभावी वायरस स्ट्रेन BF.7 है, जो ओमिक्रॉन का एक सब-वैरिएंट (Omicron Subvariant) है. यह वायरस एक साल से सर्कुलेशन में है. लाइव साइंस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि BF.7, BA.5.2.1.7 का संक्षिप्त नाम है, जो ओमिक्रॉन वैरिएंट BA.5 का सबऑर्डिनेट है. BF.7 को BA.1 और BA.2 सहित सभी तरह के वैरिएंट में सबसे इन्फेक्शियस माना जाता है.
कोविड डेटा एनालिस्ट विजयानंद का दावा है कि चीन में मौजूदा वैरिएंट Omicron Sublineages BA.2.75, BA.5, BQ.1, XBB हैं, ये सभी वैरिएंट बाकी दुनिया में पाए गए हैं. इसलिए चीन में इस संकट का भारत या शेष विश्व पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इसलिए चिंता या घबराहट का कोई कारण नहीं है.
रिपोर्टों के अनुसार, भारत इन स्ट्रेन्स और डेटा का भारत के SARS CoV 2 जीनोमिक सर्विलांस प्रोग्राम, या INSACOG से पता लगा रहा है. BF.7 कई महीनों से यहां मौजूद हैं.
जीरो कोविड पॉलिसी हटने और लॉकडाउन हटने के बाद से चीन में स्थिति बिगड़ती जा रही है, 20 दिसंबर को मरने वालों की संख्या 5241 हो गई और विशेषज्ञों का अनुमान है कि स्थिति और भी खराब होगी. उलझी हुई अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए देश ने बड़े पैमाने पर किया गया लॉकडाउन हटा लिया है, ट्रेवल रिसट्रिक्शंस को हटा दिया है और यहां तक कि SARS-CoV-2 वाले लोगों को सेंट्रलाइज्ड फैसिलिटी के बजाय घर पर आइसोलेट रहने की अनुमति दे दी है. कोविड टेस्ट वॉलन्टरी कर दिए गए हैं.
वैक्सीन को लेकर झिझक चिंता का एक और कारण है. ब्रिटिश वैज्ञानिक सूचना और एनालिटिक्स कंपनी Airfinity ने नवंबर के अंत में कहा कि अगर चीन कम वैक्सिनेशन और बूस्टर दरों के साथ-साथ हाइब्रिड इम्युनिटी की कमी की वजह से अपनी जीरो-कोविड नीति को हटाता है तो 13-21 लाख लोगों की मौत हो सकती है.
एपिडेमियोलॉजिस्ट और हेल्थ इकोनॉमिस्ट डॉ. एरिक फीगल-डिंग ने इसके लिए चीन में बनी कोविड वैक्सीन की गुणवत्ता को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा- एक गहरी समस्या कमजोर कोरोनावैक (सिनोवैक की बनाई) और सिनोफार्म वैक्सीन की वजह से है. ध्यान दें कि मुख्य कोरोनावैक शॉट के 3 शॉट्स दिए जाने के बावजूद, नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ कारगर मुकाम हासिल नहीं किया जा सका है.
वाई चार्ट बताता है कि चीन की लगभग 90% आबादी को वैक्सीन लगाई जा चुकी है लेकिन अब सरकार नागरिकों से इम्युनिटी को और भी बेहतर करने के लिए इसकी चौथी खुराक लेने को कह रही है. हालांकि, Nature की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन में 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के 26 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन की तीसरी डोज दी गई है और इसमें से 70% की आयु 60 या उससे अधिक है, और 40% की आयु 80 और उससे अधिक है.
बात करें भारत की तो यहां केंद्र ने राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है. केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र भेजा है. भूषण ने पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस के सभी पॉजिटिव केस के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएं, ताकि नए वैरिएंट की जानकारी मिल सके.
देश में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 220 करोड़ की संख्या पार कर चुका है. यह संख्या कोविड की सभी उपलब्ध वैक्सीन की पहली, दूसरी और प्रिकॉशन डोज मिलाकर है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र भेजा. पत्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा गया है.
वहीं, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के संस्थापक और सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट कर कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है. चीन से कोविड के बढ़ते मामले सामने आना चिंताजनक है लेकिन हमें अपने बेहतरीन वैक्सीनेशन कवरेज और ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए घबराने की जरूरत नहीं है. हमें भारत सरकार और @MoHFW_INDIA की गाइडलाइन पर भरोसा करके उसका पालन करना चाहिए.
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