Ebrahim Raisi Special: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत की खबर पर पूरी दुनिया की नजर है. आइए जानते हैं कि इब्राहिम रईसी धार्मिक स्कॉलर से ईरान के राष्ट्रपति पद तक कैसे पहुंचे ? और ईरान के नजरिए से उनकी अहमियत क्या थी ?
- इब्राहिम रईसी हमेशा काली पगड़ी पहनते थे.
- जो इस बात का संकेत है कि वो इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद की विरासत से सीधे जुड़े थे.
- उन्हें ‘हुज्जातुलइस्लाम’ यानी ‘इस्लाम का सबूत’ की धार्मिक पदवी भी दी गई थी.
- शिया धर्म गुरुओं में वे अयातुल्ला खुमैनी के बाद दूसरे नंबर के सबसे प्रमुख धर्म गुरु थे.
- रईसी जब सिर्फ़ 25 साल के थे तब वो ईरान के डिप्टी प्रोसिक्यूटर यानी (सरकार के दूसरे नंबर के वकील) बन गए.
- बाद में वो जज बने और साल 1988 में बने उन ख़ुफ़िया ट्रिब्यूनल्स में शामिल हो गए जिन्हें 'डेथ कमेटी' के नाम से जाना जाता है.
- इन ट्रिब्यूनल्स ने उन हज़ारों राजनीतिक क़ैदियों पर 'दोबारा मुक़दमा' चलाया जो अपनी राजनीतिक गतिविधियों के कारण पहले ही जेल की सज़ा काट रहे थे.
- इन राजनीतिक क़ैदियों में से ज़्यादातर लोग ईरान में वामपंथी और विपक्षी समूह मुजाहिदीन-ए-ख़ल्क़ा (MEK) या पीपुल्स मुजाहिदीन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ ईरान (PMOI) के सदस्य थे.
- इन ट्रिब्यूनल्स ने कुल कितने राजनीतिक क़ैदियों को मौत की सज़ा दी, इस संख्या के बारे में ठीक-ठीक मालूम नहीं है लेकिन मानवाधिकार समूहों का कहना है कि इनमें लगभग 5,000 पुरुष और महिलाएं शामिल थीं.
- फाँसी के बाद इन सभी को अज्ञात सामूहिक क़ब्रों में दफ़ना दिया गया था. मानवाधिकार कार्यकर्ता इस घटना को मानवता के विरुद्ध अपराध बताते हैं.
साल 1960 में उत्तर पूर्वी ईरान के पवित्र शहर मशहद में जन्मे इब्राहिम रईसी के सामने कई चुनौतियां थी. रईसी जब सिर्फ़ 5 साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया था.
- साल 2017 में इब्राहिम रईसी राष्ट्रपति चुनाव हार गए थे
- 2021 में इब्राहिम रईसी ने फिर से चुनाव लड़ा
- इस चुनाव में प्रमुख विरोधियों को ईरान की जांच प्रणाली के तहत चुनाव लड़ने से रोक दिया गया
- इब्राहिम रईसी ने जब जून 2021 में ईरान की सत्ता संभाली तब उनके सामने घरेलू स्तर पर कई चुनौतियां थीं.
- एक तरफ़ देश के सामाजिक हालात मुश्किल थे तो दूसरी तरफ अपने परमाणु कार्यक्रम की वजह से अमेरिकी प्रतिबंध झेल रहा ईरान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था.
- रईसी इस दिशा में कुछ ख़ास कर पाते, इससे पहले ही हिजाब को लेकर हुए प्रदर्शनों ने उनके सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दीं.
- हिजाब विवाद के बाद महीनों तक चली सुरक्षा कार्रवाई में 500 से ज्यादा लोग मारे गए
इजराइल पर हमास के हमले और उसके बाद इसराइल की सख़्त सैन्य प्रतिक्रिया ने ईरान के लिए और मुश्किल हालात पैदा कर दिए.
बता दें कि रविवार यानी 19 मई को हेलीकॉप्टर क्रैश में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का निधन हो गया है. वे पूर्वी अज़रबैजान प्रांत में बांध का उद्घाटन करके लौट रहे थे. इस दौरान उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस दर्दनाक हादसे में राष्ट्रपति, विदेश मंत्री समेत 9 लोग मारे गए.
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