Sanjay Raut- राज्यसभा सांसद, सामना (Samna) अखबार के संपादक और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बेहद करीबी... वर्षा राऊत (Varsha Raut) - संजय राऊत की पत्नी, उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah)- पूर्व केंद्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री, सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain)- दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री... अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee)- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे, सांसद और टीएमसी (TMC) के भविष्य... नवाब मलिक (Nawab Malik)- महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विकास मंत्री और NCP के प्रवक्ता... भूपिंदर सिंह उर्फ हनी (Bhupinder Singh Honey)- पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे...
इन सभी दिग्गज नामों के साथ एक ही चीज जुड़ा रहा ED का छापा. इन सभी नामों में एक चीज कॉमन है ये सभी विपक्ष के नेता हैं... और सब पर ED की कार्रवाई पिछले कुछ महीने के दौरान ही हुई है. सबसे पहले जान लेतें हैं इन सब पर क्या आरोप है?
शिवसेना सांसद संजय राउत के फ्लैट और प्लॉट कुर्क कर लिए गए हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राउत के अलीबाग प्लॉट और दादर व मुंबई में एक-एक फ्लैट को कुर्क किया है. खबरों के मुताबिक, ED ने 11 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच की है. इसमें से 9 करोड़ की प्रॉपर्टी प्रवीण राउत की और 2 करोड़ की प्रॉपर्टी संजय राउत की पत्नी की है.
जांच एजेंसी को पता चला था कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने 2010 में शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा को 55 लाख रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था, जिसका इस्तेमाल मुंबई के दादर में एक फ्लैट खरीदने में किया गया था. ईडी इन रुपयों के सूत्र की जांच कर रही है.
12 साल पहले जम्मू-कश्मीर बैंक द्वारा इमारत खरीद मामले में पूछताछ की गई है. यह मामला 2010 में बांद्रा-कुर्ला में जम्मू-कश्मीर बैंक की इमारत की खरीद से संबंधित है. बैंक में 68 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार की है. आरोप है कि बैंक ने 109 करोड़ से 42 हजार वर्ग फीट में फैली इमारत की खरीद को मंजूरी दी थी. लेकिन समिति ने 172 करोड़ में 65 हजार वर्ग फीट में फैली इमारत की खरीद को मंजूरी दी. यानी कि नियम ताक पर रखकर यह खरीद हुई.
मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. कुर्क की गई 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां, वैभव जैन की पत्नी स्वाति जैन, अजीत प्रसाद जैन की पत्नी सुशीला जैन और सुनील जैन की पत्नी इंदु जैन की हैं.
ED के मुताबिक, 2015-16 में जब सत्येंद्र कुमार जैन एक लोक सेवक थे, तो उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला मार्ग के माध्यम से कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों (Shell Companies) से 4.81 करोड़ रुपये की स्थानीय एंट्री प्राप्त हुईं.
एक कथित कोयला घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में पूछताछ चल रही है. पश्चिम बंगाल के कथित कोयला घोटाले में PMLA के तहत केस दर्ज हुआ था. इसमें ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजीरा बनर्जी का भी नाम आया था. इसलिए ईडी ने दोनों को पूछताछ के लिए समन किया था. आरोप है कि कोयले खादान से तस्करी हुई और इसे ब्लैक मार्केट में बेचकर हजारों करोड़ की अवैध कमाई की गई.
नवाब मलिक पर हसीना पारकर की एक जमीन खरीदने का आरोप है. आरोप यह भी है कि उन्होंने 300 करोड़ की जमीन को महज 55 लाख रुपए में खरीदा. इस पूरे ट्रांजैक्शन में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप मलिक पर लगा है. साथ ही अंडरवर्ल्ड और 1993 बम धमाकों के आरोपियों से संबंध रखने और प्रॉपर्टी खरीदने का भी आरोप है. ईडी ने मलिक पर टेरर फंडिंग का आरोप लगाया है.
पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह उर्फ हनी के घर से करीब 7.9 करोड़ रुपये कैश मिला था. वहीं हनी के सहयोगी संदीप कुमार के ठिकाने से दो करोड़ रुपये मिले थे. इन्होंने फर्जी कंपनियां बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप था. इतना ही नहीं उन पर रेत के अवैध खनन का भी आरोप है. अपनी कार्रवाई के दौरान ईडी ने खुलासा किया था कि भूपिंदर सिंह हनी, कुदरतदीप सिंह और संदीप कुमार तीनों ने मिलकर एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई थी. इस कंपनी को 2018 में बनाया गया था.
हालांकि अब तक किसी मामले में ED को बहुत सफलता नहीं मिली है. आंकड़ों को देखें तो पिछले एक दशक में ED सबसे अधिक व्यस्त रही है. लेकिन बहुत कम ही ऐसे मामले आए हैं जो कोर्ट के रास्ते फैसले तक पहुंचा हो या किसी को सजा मिली हो. द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसी ने मार्च 2011 से जनवरी 2020 के बीच PMLA के तहत 1,700 मामलों में छापेमारी की. जबकि सिर्फ नौ मामलों में ही अपराध सिद्ध हो पाया है. इनमें से ज्यादातर मामले बेहद लो प्रोफाइल हैं.
ED पहले कम से कम 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी मामले में ही जांच करती थी. लेकिन अब इसमें PMLA, 2012 के तहत बड़े बदलाव किए गए हैं. नए नियम के मुताबिक किसी भी वित्तीय अपराध या टेरर फंडिग से जुड़े संवेदनशील और महत्वपूर्ण मामलों में ED जांच कर सकता है.
सरकारें कोई भी हों, केंद्रीय एजेंसियों पर हमेशा राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ टूल के तौर पर इस्तेमाल होने के आरोप लगते रहे हैं. ताजा मामलों को देखकर लगता है कि बीजेपी पहले की सरकार की विरासत को ही आगे बढ़ा रही है. इससे पहले सीबीआई और IT विभाग पर भी ऐसे ही आरोप लगते रहे हैं.
स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जून 2013 को एक ट्वीट में कहा था, "सीबीआई कांग्रेस ब्यूरो ऑफ़ इनवेस्टिगेशन बन गई है. राष्ट्र को इसमें भरोसा नहीं है. मैं केंद्र सरकार से कहता हूं कि हमें सीबीआई का डर न दिखाए."
दिवंगत नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फ़रवरी 2014 में बीते दशक के दौरान सीबीआई के दुरुपयोग पर एक लेख भी लिखा था. वहीं मुख़्तार अब्बास नक़वी ने जुलाई 2013 में कहा था कि 'कांग्रेस आतंकवादी की मौत पर मातम के लिए सीबीआई के कंधे का इस्तेमाल कर रही है.'
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मई 2013 में फ़ेसबुक पर की गई एक पोस्ट में सीबीआई के दुरुपयोग की बात की थी.
सिर्फ़ बीजेपी ही नहीं अन्य पार्टियां भी सीबीआई के केंद्र सरकार के प्रभाव में होने के आरोप लगाती रही हैं. शारदा चिटफंड मामले की सीबीआई जांच को पश्चिम बंगाल में सरकार चला रही ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने भी बदले की भावना की कार्रवाई कहा था.
आपको 'पिंजड़े का तोता' वाला बयान याद होगा. जब 2013 में न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा था, 'सीबीआई पिंजड़े में बंद तोते की तरह है, जो अपने मालिक के सुर में सुर मिलाता है.'
सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने भी सहमति जताते हुए जांच एजेंसी को अपने मालिकों की भाषा बोलने वाला 'तोता' बताया था.
मौजूदा दौर में विपक्ष एक बार फिर से केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का दावा कर रही है. NCP प्रमुख शरद पवार ने तो इस मामले को प्रधानमंत्री मोदी के सामने भी उठाया. बुधवार को पीएम मोदी से मुलाकात कर पवार ने कहा कि शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत की संपत्ति को कुर्क करना उनके साथ अन्याय है.