भाजपा के अंतर्कलह की परतें अब खुलती जा रही हैं जिसकी तस्दीक बीजेपी के नेताजी कर रहे हैं. ये Video सपा के अमित यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट X पर शेयर किया है जिसमें भाजपा कार्यकर्ता 2024 के चुनाव परिणाम के बाद अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
खैर, ये तो हुई एक बात लेकिन सवाल दर सवाल हैं कि यूपी हाथ से कैसे फिसला?
इस कड़ी में मशहूर शायर फिराक़ जलालपुरी का वो शेर याद आता है-
तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि क़ाफ़िला क्यूँ लुटा
मुझे रहज़नों से गिला नहीं तिरी रहबरी का सवाल है
बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन है लेकिन उससे एक दिन पहले आए नतीजे उनके लिए मंगल साबित नहीं हुए और गिफ्ट की सीटों के गिफ्ट की उम्मीद कर रहे योगी को ऐसा झटका लगा, जिसे वो शायद ही कभी भूल पाएं.
वहीं यूपी जिसने पीएम नरेंद्र मोदी को 2014 और 2019 में सत्ता की चाबी सौंप दी लेकिन 2024 के नतीजे ऐसे आएंगे इसे तो भाजपा ने सपने में भी नहीं सोचा होगा. इस चुनाव में यूपी में बीजेपी ने 33 सीटें हासिल कीं तो वहीं सपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी जिसके खाते में 37 सीटें आईं.
400 पार का नारा फुस्स हुआ तो राजनीति की हवा को दूर से भांपने वाले अमित शाह पर भी सवाल उठे. यूं तो उन्हें चाणक्य कहा जाता है तो क्या चाणक्य की ये नीति इस बार उत्तर प्रदेश पर फिट नहीं बैठी. सवालों के घेरे में सीएम योगी आदित्यनाथ भी हैं क्योंकि 2017 में बीजेपी ने योगी को UP में पेश किया सरप्राइज बनाया था और उन्होंने बीजेपी को इसका प्राइज भी दिया लेकिन सपा का राइज़ योगी की रणनीतियों को कठघरे में खड़ा कर रहा है और ऐसा हो भी क्यों न...भई, भाजपा सीएम योगी के गढ़ में नौ से छह पर जो आ गई है.
यूपी के लड़कों को भले ही 'फ्लॉप जोड़ी' बताया गया हो लेकिन यूपी में उनका शो पूर्वांचल की नौ सीटों पर 10 साल से अजेय भाजपा का किले को भी ध्वस्त कर गया. सपा की आंधी में राजनीतिक दिग्गजों के दावे भी जड़ से उखड़ गए. जो भी हो नजर अब इस पर रहेंगी कि बीजेपी अपनी रणनीति में कितना चेंज करती है और शाह-योगी UP के जमीनी मुद्दों पर रणनीति बनाने में कितना कामयाब होते हैं.
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