Britain : ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth) का 8 सितंबर 2022 को निधन हुआ था. लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए घंटों लाइन में खड़े रहे. लेकिन इसी बीच हजारों लोग ऐसे भी हैं, जो न तो एलिजाबेथ की मौत से दुखी हैं, न चार्ल्स के राजा बनने से खुश. दरअसल इनका कहना है कि राजशाही (monarchy) को पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए. उन्होंने प्रदर्शन के दौरान कहा कि ब्रिटेन में सबसे पुराना लोकतंत्र (democracy) है और हम राजशाही को ढो रहे हैं. 2021 के सर्वे में 18 से 24 साल की उम्र के 41 फीसदी लोग राजशाही खत्म करने के पक्ष में हैं. ब्रिटेन में राजशाही को खत्म करने की मांग के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं.
- 2021-22 में शाही परिवार पर 10.24 करोड़ पाउंड खर्च
- राजपरिवार की यात्राओं पर लगभग 41 करोड़ रु खर्च
- परिवार पर खर्च होने वाले पैसे को कहा जाता है 'सोवरेन ग्रांट'
- राजपरिवार के घर की मरम्मत का खर्च भी इसी फंड से
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- ब्रिटिश सरकार के पैसे से एलिजाबेथ का अंतिम संस्कार
- ब्रिटिश सरकार ने अभी तक इसका खुलासा नहीं किया
- एलिजाबेथ-II की मां के अंतिम संस्कार में खर्च हुआ था 40 करोड़ रु
- 2002 में हुआ था महारानी एलिजाबेथ-II की मां का निधन
- ब्रिटेन में इनहेरिटेंस टैक्स यानी उत्तराधिकार टैक्स का विरोध
- खानदानी संपत्ति पर देना होता है 40% का उत्तराधिकार टैक्स
- हालांकि किंग चार्ल्स को नहीं देना पड़ा विरासत टैक्स
- राजपरिवार को मिली इस छूट को कुछ लोगों ने बताया 'भेदभाव'
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- अब ब्रिटेन को राजशाही की जरूरत ही नहीं
- ब्रिटेन को चलाने के लिए जनता के चुने हुए प्रतिनिधि
- ब्रिटेन में प्रधानमंत्री ही होता है 'हेड ऑफ गवर्नमेंट'
- राजशाही पर अरबों रु खर्च करके हासिल क्या?
- राजशाही के पक्ष में ब्रिटेन में एक तबका
- राजा और रानी तक ही राजशाही की प्रथा हो
- दर्जनभर राजकुमार और राजकुमारियों की जरूरत नहीं
- ब्रिटेन राजपरिवार की लिस्ट में 23 लोग शामिल
- सभी का खर्च ब्रिटेन के टैक्स पेयर्स के पैसे किया जाता है.