संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने 3 फरवरी से 'मिशन यूपी' का अगला दौर शुरू करने का ऐलान किया है. जाहिर है इन खबरों के आने के बाद से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार हैरान और परेशान हो सकती है.
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जानकारी दी गई कि भाजपा सरकार (BJP government) ने वादाखिलाफी की है. दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से भी अधिक समय तक चले किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे किसान नेता राकेश टिकैत ( Rakesh Tikait) ने editorji से खास बातचीत में कहा है कि 31 जनवरी को देशभर के किसान सरकारी अधिकारी एसडीएम, डीएम और डीसी के कार्यालयों पर इकट्ठा होंगे और एक ज्ञापन सौपेंगे.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार ने एमएसपी (MSP) गारंटी कानून बनाने के लिए कमेटी बनाने की बात की थी, वह कमेटी अभी तक नहीं बनी, और ना ही आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे को वापस लिया गया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों को चिट्ठी लिखकर किसानों पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने के लिए कहे.
टिकैत ने आगे कहा कि किसान आंदोलन के कारण अब राजनीतिक पार्टियां अपने मेनिफेस्टो में किसानों के मुद्दे को शामिल कर रही है. उन्होंने कहा कि अब लोग धर्म-जाति के राजनीति से ऊपर उठकर अब विकास की बातें कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी की पुरानी आदते नहीं चलेंगी.
टिकैत ने राज्य से पलायन के मुद्दे पर कहा कि लोग सरकार की गलत नीतियों की वजह से पलायन कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि लोग डर से नहीं...रोजगार और शिक्षा के लिए शहरों की तरफ पलायन कर रहे है. टिकैत बोले कि अगर सरकार गांवों में अच्छी शिक्षा के लिए स्कूल खोलती और रोजगार की व्यवस्था करती तो लोग पलायन नहीं करते.
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