What is Qatar going to do with stadiums? : FIFA वर्ल्ड कप 2022 बीते 18 दिसंबर को कतर में अंतिम मैच के साथ खत्म हो गया. अर्जेंटीना ने इस खिताब को जीत लिया. कतर ने चैंपियनशिप की मेजबानी के लिए खुद को तैयार करने में 12 वर्ष जीतोड़ मेहनत की... 220 बिलियन डॉलर खर्च किए... कतर ने 7 शानदार स्टेडियम तैयार करने में ही 6.5 बिलियन डॉलर खर्च किए...
इन स्टेडियम में काम करने के लिए लाए गए हजारों मजदूरों ने अपनी जान भी कतर की गर्मी में गंवा दी... और फुटबॉल प्लेयर्स और फैंस को ये गर्मी न लगे इसलिए टूर्नामेंट गर्मियों से पहले ही कराए गए... सवाल ये है कि गरीब मजदूरों की अनकही कहानी पर बने बुलंद स्टेडियमों का क्या होगा... क्या ये तोड़ दिए जाएंगे? क्या इनमें आगे भी फुटबॉल या दूसरे खेल टूर्नामेंट आयोजित किए जाएंगे? या ये बन जाएंगे सफेद हाथी... जिन्हें हर साल लाखों रुपये खर्च करके सजाया संवारा जाता रहेगा... आइए आज जानते हैं कतर के स्टेडियमों के भविष्य को...
अगर हम दूसरे देशों को देखें को 2010 FIFA विश्व कप के दौरान केप टाउन में तैयार किया गया स्टेडियम एक पसंदीदा स्पॉट जरूर बना लेकिन म्यूजिक कॉन्सर्ट और $ 4-की टिकट लेकर इसे घूमने की पहल भी इसकी मरम्मत के लिए रकम नहीं जुटा पाई. रूस में 2018 के FIFA विश्व कप के लिए बनाए गए 12 स्टेडियमों में से 8 देश के 11 अलग अलग टाइम ज़ोन में फैले हुए हैं... ये स्थानीय फ़ुटबॉल टीमों और खेल आयोजनों की मेजबानी करके थोड़ा बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनमें से कोई भी अपनी लागत नहीं निकाल सका...
स्विट्जरलैंड ऐसा सबसे छोटा देश है जिसने 1954 में विश्व कप की मेजबानी की थी... कतर भी छोटा है लेकिन उसके स्टेडियम महंगे और बेशकीमती मालूम होते हैं... देश का छोटा साइज है... यहां दो स्टेडियमों के बीच की सबसे ज्यादा दूरी भी 55 किमी की है. फैंस को आखिर और क्या चाहिए... वह एक के बाद एक होने वाले मुकाबले झटपट देख सकते हैं...
इन स्टेडियमों में दर्शकों के बैठने की कुल क्षमता 4,26,031 है, जो कतर की मूल आबादी से लगभग 1,00,000 सीटें ज्यादा है. अगर देश में बाहर से आए 20 लाख प्रवासियों को भी जोड़ें तो भी 7 में से एक को सीट मिल ही जाएगी. लेकिन इन आंकड़ों से कतर की कहानी नहीं चलने वाली...
कतर ठहरा तेल और गैस की अर्थव्यवस्था पर आधारित देश... फुटबॉल का जुनून यहां न के बराबर है...
कतर की डिलीवरी एंड लिगेसी कमिटी ही वर्ल्ड कप आयोजन की इंचार्ज थी.... इस कमिटी ने कहा है कि कुछ स्टेडियमों को तोड़ा और रीसाइकिल किया जाएगा. कुछ का साइज घटाया जाएगा, और कुछ को रेजिडेंशियल और शॉपिंग डेस्टिनेशन में बदला जाएगा...
लेकिन इससे पहले कि आगे बढ़ें ये भी बता दें कि कतर 2030 एशियाई खेलों की मेजबानी भी करेगा और 2036 ओलंपिक खेलों के लिए भी दावेदारी पेश कर रहा है...
रास अबू अबाउड का स्टेडियम 974, रिसाइकिल किए गए 974 शिपिंग कंटेनर्स से तैयार किया गया है... इसे पूरी तरह से हटा दिया जाएगा...
कुछ स्टेडियमों की क्षमता आधी तक घटा दी जाएगी. अतिरिक्त सीटों को कम विकसित देशों को खेल के बुनियादी ढांचे बनाने के लिए दान किया जाएगा...
आयोजक उम्मीद कर रहे हैं कि विश्व कप कतर में भी फुटबॉल कल्चर को बढ़ावा देगा... फिलहाल कतर पेरिस सेंट-जर्मेन फ़ुटबॉल क्लब का मालिक है. इस क्लब से किलियन एम्बाप्पे और लियोनेल मेसी भी खेलते हैं... हां तभी जब वो अपने देश के लिए नहीं खेल रहे होते हैं... लेकिन ये सब होता है कतर से दूर...
बात करें कतर की जमीन की तो क़तर स्टार्स लीग के लिए लोग कम ही जुनूनी दिखाई देते हैं... इसके टूर्नामेंट बमुश्किल 1500 लोगों की भीड़ भी नहीं जुटा पाते हैं... कतर के स्थानीय फुटबॉल क्लब अल रेयान और अल वकराह, अहमद बिन अली स्टेडियम और अल जनौब स्टेडियम में शिफ्ट हो जाएंगे...
एजुकेशन सिटी स्टेडियम के नजदीक कतर की ज्यादातर यूनिवर्सिटी और रिसर्च फैसिलिटी हैं... यह स्टेडियम नौ अलग-अलग यूनिवर्सिटी और 11 स्कूलों के स्टूडेंट्स और टीचर्स के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा...
20 नवंबर को ओपनिंग मैच और 25 नवंबर को यूएस-इंग्लैंड मैच की मेजबानी करने वाले टेंट जैसे अल बयात स्टेडियम के टॉप टियर को हटा दिया जाएगा और इसे 5 स्टार होटल और शॉपिंग सेंटर में बदल दिया जाएगा. पिच-साइड के लोअर लेवर पर एक स्पोर्ट्स मेडिसिन हॉस्पिटल की योजना बनाई गई है. अल थुमामा स्टेडियम को भी इसी तरह ट्रीट किया जाएगा...
लुसैल सिटी का स्टेडियम पूरी तरह से एक कम्युनिटी सेंटर और रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में बदल दिया जाएगा... और यहां बना दी जाएंगी शॉप, स्कूल, कैफे और मेडिकल क्लीनिक....
खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम को कतर के पूर्व अमीर, शेख खलीफा इब्न हमद अल थानी ने 1976 में आजादी के उपहार के तौर पर देशवासियों के लिए बनाया गया था... ये एकमात्र ऐसा स्टेडियम है जिसे, जैसा है, वैसा ही छोड़ दिया जाएगा...
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