Fire Accidents in Summer: दिल्ली के विवेक विहार (Vivek Vihar) का बेबी केयर सेंटर...चांदनी चौक इलाका...मधु विहार का पार्किंग एरिया...आई मंत्रा अस्पताल...ये लिस्ट बहुत लंबी है. ये वो जगहें हैं, जहां पर बीते दिनों आग लगने के हादसे हुए. पर क्या आपने आपने गौर किया, ये आग लगने के मामले गर्मियों में इतने ज्यादा क्यों आते हैं. फिर चाहे वो खुले-खुले से ग्रामीण इलाके हों या फिर कन्जस्टेड शहरी इलाके. आइये जानते हैं कि गर्मी के मौसम में आग लगने के इतने हादसे आखिर क्यों होते हैं और इससे निपटने के क्या उपाय हैं.
दिल्ली फायर सर्विसेज के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया, 'अभी जितनी भी आग लगी हैं, वे सब बिजली के कारण लग रही हैं. अगर आपके बिजली के उपकरण और वायरिंग की हालत ठीक है तो आग लगने की संभावना कम है. जागरूकता की जरूरत है.'
दरअसल, गर्मी के मौसम में एसी, पंखे, कूलर आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग होता है. ऐसे में सर्किट पर लोड बढ़ जाता है. जिससे शॉर्ट सर्किट होने की घटनाएं होती हैं.
दूसरी तरफ वातावरण का तापमान भी काफी ज्यादा होता है. एक छोटी सी चिंगारी को आग पकड़ने में बिल्कुल भी देरी नहीं लगती. किसी भी तरह के शॉर्ट सर्किट, ओवरहीटिंग, गैस लीक और लोगों की लापरवाही की वजह से इस मौसम में आग की सर्वाधिक घटनाएं होती हैं.
अतुल गर्ग ने बताया, 'अगर आग लगती है, तो आप सबसे पहले अपने परिजनों को लेकर बाहर निकल जाएं. आपको फायर फाइटिंग नहीं करनी है. आपको सिर्फ फायर सर्विस को फोन करके इन्फॉम करना है. इसके बाद दमकल की टीम पहुंचती है तो उसे सही तरीके से गाइड करना है.'
आखिर में हम बता देते हैं कि आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए अपने इलेक्ट्रिक उपकरणों की लगातार सर्विसिंग कराते रहें. साथ ही हो सके तो फायर एक्सटिंग्विशर (Fire Extinguisher) को अपनी गाड़ी, बिल्डिंग, कीचन एरिया, घर ऑफिस में जरूर रखें और जितना हो सके उस समय खुद के साथ-साथ लोगों की मदद जरूर करें.
इसे भी पढ़ें- General Election: अमित शाह ने चुनाव नतीजों को लेकर दिया अहम बयान, बोले- पीएम मोदी 310 सीट पार कर गए