राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और लौहपुरुष सरदार पटेल (Sardar Patel) की कर्मभूमि गुजरात में 15 वीं बार विधानसभा चुनाव (gujarat assembly elections) होने जा रहे हैं...14 विधानसभा चुनाव देख चुके इस राज्य की साबरमति नदी में अब काफी पानी बह चुका है...अब ये राज्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के होम स्टेट के तौर पर भी जाना जाता है...लिहाजा यहां होने वाले चुनाव पर पूरे देश की निगाह है...हम भी इसी पर बात करेंगे...लेकिन पहले नजर डाल लेते हैं इसके राजनीतिक इतिहास पर...
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आज़ादी से पहले गुजरात अंग्रेज़ों की हुकूमत वाले बंबई प्रेसीडेंसी (Bombay Presidency) का हिस्सा था. 1947 के बाद इसे बंबई राज्य में शामिल किया गया था. 1953 में पहला राज्य पुनर्गठन आयोग बनाया गया तब भी गुजरात बंबई राज्य का ही हिस्सा था...लेकिन महागुजरात आंदोलन की वजह से 1960 में बंबई राज्य का विभाजन हुआ और जन्म हुआ गुजरात का...
कब-कब किसकी रही सत्ता ?
राज्य में पहला विधानसभा चुनाव 1960 में हुआ
राज्य में तब 132 सीटें ही थी, 121 कांग्रेस ने जीती
1960 से लेकर 1975 तक राज्य में कांग्रेस काबिज रही
जीवराज नारायण मेहता राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे
बाद में साल 1965 तक बलवंतराय मेहता CM बने
इसके बाद हितेंद्र देसाई और चिमन भाई पटेल CM बने
1975 के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ा. तब बाबूभाई पटेल (Babubhai Patel) के नेतृत्व में भारतीय जनसंघ, भारतीय लोकदल, समता पार्टी और कांग्रेस से अलग हुई पार्टी कांग्रेस (ओ) की 211 दिनों की सरकार बनी. इसके बाद साल 1980 में राज्य की सियासत में कांग्रेस के माधव सिंह सोलंकी (Madhav Singh Solanki) की एंट्री हुई...
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सोलंकी के बाद केशुभाई का युग
साल 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीती
माधव सिंह सोलंकी ने 182 में 149 सीटों पर जीत दिलाई
1990 के चुनाव में जनता दल और BJP का गठबंधन
केशुभाई CM बने पर राम मंदिर के मुद्दे पर गठबंधन टूटा
1995 में हुए चुनाव में केशुभाई ने बीजेपी को बंपर जीत दिलाई
यही वो साल था जब राज्य की सियासत में बीजेपी ने धमाकेदार एंट्री मारी और राज्य में भगवा रंग का जलवा कायम हो गया...अब जरा एक नजर 1995 के बाद हुए अब तक के चुनाव पर भी डाल लेते हैं.
27 साल से 'भगवा' है गुजरात
BJP सीट
1995 121
1998 117
2002 127
2007 117
2012 115
2017 99
हालांकि साल 2017 के चुनाव में बीजेपी अब तक की अपनी सबसे खराब स्थिति में दिखी...उनका वोट प्रतिशत और सीटें दोनों गिरीं
2017 में क्या हुआ था?
कुल सीटें- 182 बहुमत- 91
पार्टी सीटें
BJP 99
Cong 77
Other 06
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पार्टी वोट प्रतिशत
BJP 50%
Cong 42.2%
Other 06%
हालांकि पिछले चुनाव में बीजेपी की कमजोर स्थिति की एक बड़ी वजह नरेन्द्र मोदी का राज्य से बाहर होना भी माना जा रहा है...मोदी ने राज्य में लगातार तीन बार न सिर्फ पार्टी को बंपर जीत दिलाई बल्कि गुजरात मॉडल को भी पूरे देश में चर्चा में ला दिया...
पिछले चुनाव में भी अंतिम चरण की वोटिंग से पहले मोदी ने ही कमान संभाल कर पार्टी की नैया पार लगाई थी...इस बार भी चुनाव मोदी के ही नाम पर होगा लेकिन साल 2022 का मुकाबला त्रिकोणीय है...लिहाजा ये देखना दिलचस्प रहेगा का बीजेपी अपना किला बचा पाती है या फिर उसमें सेंध लगेगी.