Temple Mosque Controversy: ज्ञानवापी मामले में वाराणसी जिला अदालत में सुनवाई चल रही है. वहीं मथुरा की एक अदालत ने शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Mosque Eidgah) को हटाने की एक याचिका पर सुनवाई की मंजूरी दे दी है. इसके अलावा कुतुब मीनार (Qutub Minar) मामले में मंगलवार को दिल्ली की साकेत कोर्ट (Saket Court) में सुनवाई होनी है. याचिकाकर्ता हरिशंकर जैन का दावा है कि कुतुब मीनार के अंदर करीब 27 मंदिरों के 100 से ज्यादा अवशेष बिखरे पड़े हैं.
कई वरिष्ठ इतिहासकार मानते हैं कि काशी और मथुरा का मंदिर औरंगज़ेब के हुक़्म से टूटा था. उसी औरंगज़ेब ने पता नहीं कितने मंदिरों और मठों को दान भी दिया. जहां वो एक तरफ़ मंदिरों को तोड़ रहा था, वहीं दूसरी तरफ़ वो मंदिरों और मठों को दान, ज़मीन और पैसे दे रहा था. ऐसे में इतिहास की जटिलता को समझना उतना आसान नहीं होगा जितना समझा जा रहा है.
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कुल मिलाकर देखें तो हर जगह चर्चा इसी बात को लेकर है कि कैसे मुग़लकालीन युग में मंदिरों को तोड़ कर मस्जिद बनाया गया. इतना ही नहीं दावे करने वाले अपने अपने तरीके से इतिहास को भी गढ़ रहे हैं. इन्हीं तमाम मुद्दे पर बाचतीत करने के लिए हमारे साथ दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अभय कुमार मिश्रा जुड़े हैं. जो बताएंगे कि इतिहास की सुई को कितना पीछे ले जाना है और इससे क्या हासिल होगा?