हिमाचल चुनाव 2022: PM मोदी ने सबसे ज्यादा जनसभा का बनाया रिकॉर्ड, बदलेगा रिवाज़?

Updated : Nov 16, 2022 18:52
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Deepak Singh Svaroci

हिमाचल प्रदेश में चुनाव का शोर अब थम चुका है. 12 नवंबर को सभी 68 विधानसभा सीट के लिए वोट डाले जाएंगे और 8 दिसंबर को नतीजे घोषित होंगे. हिमाचल चुनाव की महत्ता बीजेपी के लिए कितनी है इसका अंदाज़ा पीएम मोदी के दौरे और जनसभाओं से लगाई जा सकती हैं. चुनाव की घोषणा से पहले ही पीएम मोदी हिमाचल में सक्रिय हो गए थे. अक्टूबर महीने में हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में देश की चौथी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Express Train) को हरी झंडी दिखाना हो या चुनावी घोषणा के बाद ताबड़तोड़ रैली को संबोधित करना.

इस बीच हिमाचल वासियों को पीएम मोदी का प्रधानसेवक वाला चेहरा भी देखने को मिला, जब देश के प्रधानमंत्री का काफ़िला रोककर पहले एम्बुलेंस को रास्ता दिया गया. यह अलग बात है कि विरोधी पीएम मोदी की अच्छी नीयत को भी ड्रामा बता देते हैं.

वायरल हो रहा है पीएम मोदी का बयान

पीएम मोदी का वह बयान भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है जिसमें वह जनसभा को संबोधित करते हुए कह रहे हैं- हिमाचल में कांग्रेस आई तो ये मुझे कुछ करने नहीं देंगे. यह वही कांग्रेस है जिसके लिए पीएम मोदी कभी लोकसभा में कहते हैं- 'कांग्रेस के रवैये से ऐसा लगता है कि वे अगले 100 सालों तक सत्ता में नहीं आना चाहती. आपने ही जब ऐसी तैयारी कर ली है तो फिर हमने भी कर रखी है.'

दोनों पीएम मोदी का ही बयान है, लेकिन आत्मविश्वास में ज़मीन और आसमान का फर्क़ है. संभव है 'बादल और रडार' जैसी थ्योरी देकर बालाकोट एयरस्ट्राइक की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पीएम मोदी ने 'कांग्रेस आई तो ये मुझे कुछ करने नहीं देंगे' वाला बयान भी कुछ सोच समझकर ही दिया होगा.

कृपाल परमार को पीएम ने चुनाव लड़ने से किया मना 

अगर नहीं तो बीजेपी से नाराज़ कृपाल परमार को पीएम मोदी ख़ुद फोन कर निर्दलीय चुनाव लड़ने से क्यों मना करते? हिमाचल चुनाव हो या गुजरात चुनाव, बीजेपी के लिए पीएम मोदी के चेहरे की अहमियत काफी बड़ी है. यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश या गुजरात में सीएम उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है.

बीजेपी को भी उम्मीद है कि दोनों राज्यों में अगर चुनाव पीएम मोदी के नाम पर लड़ा गया तो वापसी तय है. यानी सफलता का आसान फॉर्मूला. भला हो चुनाव आयोग का... कि हिमाचल चुनाव और गुजरात चुनाव के नतीजें भले ही टकराए, लेकिन वोटिंग की तारीख़ नहीं टकराई. बीजेपी के लिए इसमें अच्छी बात यह रही कि पीएम मोदी को हिमाचल प्रदेश पर फोकस करने के लिए पूरा समय मिल गया.

अब अगर हिमाचल की जनता वोट करेगी तो पीएम मोदी को ध्यान में रखकर, जो बीजेपी के लिए रणनीतिक लिहाज़ से अच्छा भी है. वहीं गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को मतदान होना है. यानी कि अब पीएम मोदी के लिए गुजरात विधानसभा चुनाव पर फोकस करने के लिए वक़्त ही वक़्त होगा.

अब गुजरात पर होगा फ़ोकस

तो क्या गुजरात में भी पीएम मोदी की धुआंधार रैलियां होने वाली है, ताकि वहां का चुनाव भी पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जा सके? देश के ज्यादातर राज्यों में बीजेपी की सरकार है. उनके पास सबसे मजबूत रानीतिक संगठन भी है. RSS जैसी मजबूत संस्था, पर्दे के पीछे से उनके लिए रास्ता तैयार कर रही है. मज़बूत प्रचार तंत्र भी है, लेकिन फिर भी राज्यों में बीजेपी किसी चेहरे पर चुनाव लड़ने से क्यों कतराती है? 

पीएम मोदी ने बनाया रिकॉर्ड

हिमाचल चुनाव के लिए प्रचार ख़त्म होते ही पीएम मोदी ने एक और कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने हिमाचल प्रदेश में इतनी ज़्यादा जनसभाएं की हैं. पिछले दो महीनों में पीएम मोदी ने हिमाचल के कुल 12 ज़िलों मे से 9 ज़िले कवर कर लिए हैं. एक बार उनकी चुनावी रैलियों पर नज़र डाल लेते हैं. 5 अक्टूबर को पीएम मोदी ने बिलासपुर में AIIMS के उद्घाटन के बाद बड़ी जनसभा को संबोधित किया था. उसके बाद उसी दिन अंतर्राष्ट्रीय​ कुल्लू दशहरा उत्सव में भी शामिल हुए.

एक सप्ताह बाद यानी कि 13 अक्टूबर को पीएम मोदी ने वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत के बाद ऊना में जनसभा की. इसके बाद चंबा में भी जनसभा की. इसके बाद 5 नवंबर को पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी के सुंदरनगर में जनसभा किया. फिर सोलन के ठोडो ग्राउंड में. इसके बाद 28 सितंबर को मंडी के पड्डल में एक लाख युवाओं के लिए रैली रखी गई थी, लेकिन भारी बारिश की वजह से पीएम मंडी नहीं पहुंच पाए. जिसके बाद दिल्ली से ही वर्चुअली रैली को संबोधित किया था.

इसके बाद 9 नवंबर को पीएम मोदी ने कांगड़ा के शाहपुर में चंबी मैदान में विशाल रैली को संबोधित किया. फिर हमीरपुर के सुजानपुर में.

हिमाचल प्रचार में फूंकी जान

इन आंकड़ों को देखकर यह तो कहा ही जा सकता है कि PM मोदी ने हिमाचल जीतने के लिए प्रचार में पूरी जान फूंक दी है. जीत की ललक ऐसी कि 31 मई को केंद्र सरकार के आठ साल पूरा करने का जश्न भी शिमला में ही मनाया गया. ताकि बीजेपी के फेवर में माहौल बना रहे. लेकिन क्या वजह है कि बीजेपी ने प्रदेश में ना ही मौज़ूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को चेहरा बनाया और ना ही किसी नए उम्मीदवार को? फ़िलहाल हिमाचल प्रदेश चुनाव में बीजेपी का चेहरा पीएम मोदी हैं और मुद्दा मोदी सरकार का कार्यकाल है ना कि हिमाचल सरकार का.

यही वजह है कि प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी ने रैलियों के दौरान प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का ज़िक्र भी नहीं किया. इस दौरान बीजेपी से नाराज़ कृपाल परमार का वह वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हुआ, जिसमें कथित तौर पर पीएम मोदी बाग़ी उम्मीदवार को निर्दलीय चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं. एक बार वह वीडियो देख लेते हैं. 

कृपाल परमार लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव

हालांकि ख़बर यह है कि पीएम मोदी की मनाही के बावजूद बीजेपी के पूर्व सांसद कृपाल परमार ने हिमाचल प्रदेश की फतेहपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है. कृपाल परमार राज्य के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं. पीएम मोदी और कृपाल परमार का रिश्ता ढाई दशक पुराना है. तब से जब मोदी पीएम नहीं बने थे. फिर क्या वजह रही कि पीएम मोदी के मना करने के बावजूद वह चुनाव मैदान में कूद गए.

मोदी जी देवतुल्य हैं, क्यों बोले कृपाल परमार?

NDTV से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मोदी जी देवतुल्य हैं, और उनका कॉल आना भगवान के आदेश समान है... लेकिन नामांकन वापसी की तारीख निकल जाने की वजह से मेरा नाम बैलट में आ चुका है, और अब अगर मुझे 10-20 वोट भी मिल गए, तो हमेशा के लिए कलंक लग जाएगा, इसलिए चुनाव लड़ने के अलावा अब मेरे पास कोई विकल्प नहीं रहा है...मोदी जी का फोन 30 अक्टूबर को आया था, और नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 29 थी... अगर उनका फोन एक दिन पहले भी आ गया होता, तो मैं एक सेकंड भी नहीं लगाता, उनका आदेश मान जाने में..."

हालांकि बीजेपी के बाग़ी बनने को लेकर कृपाल परमार ने कहा कि BJP के मौज़ूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उन्हें सालों तक ज़लील करते रहे हैं. वह कैसे मर-मरकर जी रहे थे, यह वही जानते हैं. उन्हें कई साल से बेइज़्ज़त किया जा रहा था. इसलिए मजबूरन उन्होंने निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने का फ़ैसला किया.  

पीएम मोदी ने जब तोड़ दिया प्रोटोकॉल

बुधवार को तमाम टीवी चैनलों पर वह दृश्य देखने को भी मिला जब हिमाचल प्रदेश में रैलियां करने जा रहे पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए अपना काफ़िला रोककर एंबुलेंस को आगे जाने दिया. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा- पहले एम्बुलेंस, फिर प्रधानसेवक! प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा चंबी, हिमाचल प्रदेश में अपने काफिले को रोककर पहले एम्बुलेंस को रास्ता देना, जनता के प्रति उनके संवेदनशीलता को दर्शाता है और यही संवेदनशीलता ही माननीय प्रधानमंत्री जी को आमजन से जोड़कर रखती है. 

पीएम मोदी को ट्रोल कर रहे लोग 

हालांकि सोशल मीडिया पर लोग इसे ड्रामा बता रहे हैं. धर्मेंद्र कुमार शर्मा नाम के एक ट्विटर यूजर लिखते हैं- देश की जनता को पूरा मूर्ख समझ रखा है. जहां से पीएम का क़ाफ़िला गुजरने का प्लान होता हैं वहां 2 घंटे पहले से ही रोड बंद कर दी जाती है. चुनाव जीतने के लिए निम्नस्तर तक कैसे उतरें इसका उदाहरण रोज़ बनाये जा रहे हैं. थोड़ी शर्म कर लो,जनता ... खड़ी है भाजपा नेताओं के लिए. 

वहीं पंडित शैलेंद्र जोशी नाम के एक अन्य ट्विटर यूजर लिखते हैं- जिस रोड पर एंबुलेंस जा रही है वह रूट ही नहीं था. जिस तरफ गाड़ी का मुंह है पुलिस बैरिकेड्स लगाकर जनता को पहले ही रोक दिया गया था. छोटी-छोटी बातों पर जनता को गुमराह करना यही भाजपा का चाल चरित्र चेहरा है. गरीब को महंगाई नौकरी बेरोजगारी के बारे में नहीं कहेंगे. 

'कांग्रेस वाले बैठ गए तो मुझे काम नहीं करने देंगे'

वैसे सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का एक और बयान वायरल हो रहा है. जब कांगड़ा में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा- "अगर कांग्रेस वाले यहां बैठ गए, तो वे दिल्ली से मुझे हिमाचल के लिए काम नहीं करने देंगे" इस वीडियो को दिखाऊं, उससे पहले आपको बता दूं कि 7 फरवरी 2022 को पीएम मोदी ने कांग्रेस के लिए कहा था- 'कांग्रेस के रवैये से ऐसा लगता है कि वे अगले 100 सालों तक सत्ता में नहीं आना चाहती. आपने ही जब ऐसी तैयारी कर ली है तो फिर हमने भी कर रखी है.' एक बार दोनों वीडियो भी बारी-बारी से देख लीजिए...

सोचिए जिस कांग्रेस को संसद के अंदर पीएम मोदी ठीक से भाव देने को तैयार नहीं है, क्या वह कांग्रेस वाकई इतनी मज़बूत है कि उसके हिमाचल प्रदेश की सत्ता में आ जाने से पीएम मोदी को काम करने में परेशानी होगी. यानी कि पीएम मोदी काम करते रहे और निकम्मी कांग्रेस पार्टी परेशान करती रही. कुछ याद आया. 

सोशल मीडिया पर भी पीएम मोदी के इस बयान को लेकर ख़ूब मज़ाक बनाया जा रहा है. सुमित नाम के एक ट्विटर यूजर लिखते हैं- जब ये गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब भी ये आरोप लगाया करते थे की कांग्रेस ने इनको काम नहीं करने दे रहे हैं, अब जब प्रधानमंत्री बन गए तब भी आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस इनको काम करने नहीं देंगे. 

वहीं धर्मेंद्र कुमार शर्मा नाम के एक ट्विटर यूजर लिखते हैं- यह कहने को पीएम हैं देश के. इनको देश की सबसे पुरानी पार्टी काम नहीं करने देगी,वैसे इनके कहने से रुस बमबारी रोक देता है. ये कौन इनका सलाहकार है जो ऐसे बकवास भाषण देने को कहता है. ख़ुद फिर ट्रोल होते हैं साहेब. अरे आपकी सरकार रही है अभी तक, कौन से झंडे गाड़ दिये? कोरी बकवास.

कांग्रेस-बीजेपी के घोषणापत्र

ख़ैर ये तो हुई बयानों और दृश्यों की बात. अब चुनावी घोषणाओं की बात कर लेते हैं. मुख्य रुप से हिमाचल में यह चुनाव बीजेपी और कांग्रेस के बीच मानी जा रही है. हालांकि आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में है. ऐसे में एक नज़र दोनों प्रमुख पार्टियों की चुनावी घोषणा पत्र पर कर लेते हैं. दोनों पार्टियों के घोषणा पत्र की तुलना रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे पर रखेंगे.

रोजगार

बीजेपी
8 लाख से ज्यादा लोगों को मिलेंगे रोजगार के अवसर
900 करोड़ रुपये की लागत से शुरू होगी हिम स्टार्ट अप योजना 

कांग्रेस
देश में सरकार बनी तो देंगे एक लाख नौकरी
हिमाचल में युवा आयोग का होगा गठन
शहरों में भी मनरेगा के तहत रोजगार
पूरे प्रदेश में 680 करोड़ रुपयों के युवा स्टार्ट-अप फंड 
कारोबार शुरु करने वालों को बिना ब्याज़ मिलेगा धन
तैयार किया जाएगा एक ‘भर्ती विधान’ 
विज्ञापन जारी होने के छह महीनों के भीतर नौकरी अनिवार्य


स्वास्थ्य

बीजेपी
राज्य में खोले जाएंगे 5 नए मेडिकल कॉलेज 
सभी विधानसभा क्षेत्र में दोगुना होंगे मोबाइल क्लीनिक वैन

कांग्रेस
शहरी इलाकों में बनेंगे पार्क
जगह-जगह होंगे जॉगिंग ट्रैक और ओपन जिम
शुरू होगी मोबाइल क्लीनिक सुविधा
गांव में ही किए जा सकेंगे छोटे-मोटे इलाज
एचएससी, पीएचसी, सीएचसी में स्टाफ की होगी भर्ती
अन्य बड़े जिलों में बनेंगे मेडिकल कॉलेज 
MCI के माध्यम से बढ़ेंगी मेडिकल कॉलेज की सीट


शिक्षा

बीजेपी
सभी शिक्षण संस्थानों में स्मार्ट क्लासरूम.
5 वर्षों में सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज में कर्मचारियों की भर्ती
सरकारी शिक्षकों के लिए बनेगी स्थानांतरण नीति
सभी स्कूल में लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे 
उच्च शिक्षा गारंटी योजना का प्रदेशवासियों को मिलेगा लाभ

कांग्रेस
सभी शिक्षण संस्थानों में स्मार्ट क्लासरूम.
5 वर्षों में सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज में कर्मचारियों की भर्ती
सरकारी शिक्षकों के लिए बनेगी स्थानांतरण नीति
सभी स्कूल में लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे 
उच्च शिक्षा गारंटी योजना का प्रदेशवासियों को मिलेगा लाभ

किसान

बीजेपी
किसानों को प्रति वर्ष दिए जाएंगे 3,000 रुपये 
सीएम अन्नदाता सम्मान निधि के तहत मिलेगा लाभ
सेब पैकेजिंग के लिए 12 प्रतिशत होगा जीएसटी भुगतान 
अतिरिक्त जीएसटी का भुगतान सरकार करेगी

कांग्रेस
कृषि और बागवानी के लिए बनेंगे आयोग
आयोग, फसलों-फलों की तय करेगा कीमत
किसानों-बागवानों की सलाह पर काम करेगा आयोग 
10 लीटर प्रति पशुपालक होगी दूध की खरीद
दो रुपये किलो के हिसाब से खरीदे जाएंगे गोबर
लगाए जाएंगे वर्मिंग कंपोस्ट प्लांट
एक घर में चार गाय खरीदने पर मिलेगी सरकारी सब्सिडी

महिला

बीजेपी
महिलाओं के लिए होगा 33 प्रतिशत आरक्षण
छात्राओं को मिलेगी साइकिल और स्कूटी
गर्भवती महिलाओं को दिए जाएंगे 25 हजार रुपये
देवी अन्नपूर्णा योजना से मिलेगी 3 मुफ्त रसोई गैस सिलिंडर
राज्य के गरीब परिवारों की महिलाओं को मिलेगा लाभ 
अटल पेंशन योजना के तहत 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को मिलेगा लाभ

कांग्रेस
18 से 60 वर्ष तक की महिलाओं को प्रति माह दिए जाएंगे 1500 रुपए 
महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय में बनेगा ‘शक्ति विभाग’ 
महिला स्व-सहायता समूहों के साथ काम करेगा यह विभाग
BPL और विधवाओं की बेटियों के लिए बढ़ाई जाएगी अनुदान राशि

पुरानी पेंशन

बीजेपी
पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर बनेगी समिति 
समीक्षा के बाद ही समिति लेगी निर्णय

कांग्रेस
सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में लागू करेंगे पूरानी पेंशन योजना (OPS) 


पर्यटन

बीजेपी
धार्मिक स्थलों और मंदिरों के आसपास शुरु होगा 'शक्ति' कार्यक्रम 
बुनियादी ढांचे और परिवहन के विकास के लिए खर्च होंगे फंड 
10 साल की अवधि में 12,000 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च 
इस कार्यक्रम को 'हिमतीर्थ' सर्किट से जोड़ा जाएगा

कांग्रेस
प्रदेश में तैयार की जाएगी नई पर्यटन नीति 
क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए तैयार होंगे ‘स्मार्ट विलेज’ 
विधायकों को देव भूमि विकास निधि के तहत मिलेगा बजट
धार्मिक स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर होगा फोकस

अन्य वादे

बीजेपी
हिमाचल में समान नागरिक संहिता होगी लागू.
वक्फ की संपत्ति का होगा सर्वे, न्यायिक आयोग के तहत होगी जांच
वक्फ की संपत्तियों के अवैध इस्तेमाल पर लगेगी रोक

कांग्रेस
पांच साल में पक्का मकान बनाने के लिए मिलेगी आवास सब्सिडी
कच्चे मकान वाले सभी लोगों को मिलेगी यह सब्सिडी 
सेवानिवृत पत्रकारों के लिए लागू की जाएगी पेंशन योजना 
सभी उपमंडल में स्थापित किए जाएंगे नशा मुक्ति केंद्र 
प्रदेश वासियों को मिलेगी 300 यूनिट बिजली फ्री

हिमाचल में सत्ता का समीकरण

ये तो हुई चुनावी घोषणाओं की बात, जिसे ध्यान में रखकर जनता वोट करने जाएगी. अब आखिर में हिमाचल के सत्ता समीकरण पर बात कर लेते हैं. माना जा रहा है कि इस बार शिमला,किन्नौर,सिरमौर और सोलन जिले की 19 सीटों पर सभी राजनीतिक दलों का फोकस है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इन 19 सीटों में जिस दल के खाते में ज्यादा सीटें जाएंगी, सरकार उसी दल की बनेगी. हालांकि मौज़ूदा समय में इन चार जिलों की 19 सीटों में से 11सीटें कांग्रेस के पास है जबकि भाजपा के पास 7 और एक सीट वामपंथी के कब्जे में हैं. 

शनिवार को मतदान के लिए चुनाव आयोग की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. चुनाव आयोग ने प्रदेश में 7881 पोलिंग बूथ बनाए हैं. इस बार कुल 412 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इनमें 24 महिला उम्मीदवार हैं, जबकि 388 पुरुष उम्मीदवार. कुल मतदाताओं में 28,54,945 पुरुष, 27,37,845 महिला तथा 38 थर्ड जेंडर हैं. वहीं 1,93,106 नए मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार वोट करेंगे. जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 1,21,409 वरिष्ठ मतदाता हैं, जबकि 56,501 दिव्यांग मतदाता हैं.

हिमाचल प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच में सत्ता परिवर्तन का दौर हमेशा से चलता रहा है. लेकिन बीजेपी ने इस बार पुराने रिवाज को ख़त्म करने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया है. वहीं कांग्रेस चाहेगी की पुराने रिवाज़ ज़िंदा रहें और सत्ता में उनकी वापसी हो. ओपिनियन पोल के दावे कुछ भी हों लेकिन असली कहानी तो हिमाचल की जनता ही बताएगी, 12 नवंबर को वोट डालकर. पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़कर क्या हिमाचल का रिवाज बदला जा सकेगा, या होगा वही जो हमेशा से प्रदेश में होता रहा है. 8 दिसंबर तक कीजिए, चुनावी नतीजों का इंतज़ार... तब तक देखते रहिए मसला क्या है. नमस्कार... 

Himachal ElectionBJPPM ModiMasla kya haiCongress

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