Hindi Diwas : कैसे बनी हिन्दी? कैसे बना भाषा का इतिहास? हिन्दी दिवस पर History of Hindi | 14 Sep Jharokha

Updated : Sep 20, 2022 18:03
|
Mukesh Kumar Tiwari

History of Hindi language : 14 सितंबर भारत में हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है. हिंदी हिंदुस्तानी भाषा का नया रूप है. हिंदी, भारत में बोली जाने वाली उर्दू भाषा से काफी मेल खाती है. भारत में 50 करोड़ से ज्यादा लोगों की पहली भाषा हिंदी है. हिन्दी ने आज सरहदें लांघ दी हैं. दुनियाभर में कंपनियां हिंदी भाषा में इन्वेस्ट कर रही हैं. अब हिन्दी भाषा का कारोबार अरबों का हो चुका है. हिंदी दिवस पर हम जानेंगे हिंदी के सफरनामे (History and Evolution of Hindi) को और साथ ही, भाषा बनने के क्रम को भी.

हिन्दी के आने से पहले कैसा था भारत? (What was India before Hindi?)

हिन्दी के आने से पहले भारत कैसा था? और भाषा आने से पहले दुनिया कैसी थी? ऐसे कई सवाल आपके मन में भी उठते होंगे.... हमारे आसपास मौजूद जानवर शब्द नहीं बना सकते पर वे बात कर सकते हैं... चिड़िया गाने गाती है और संपर्क बनाती है... दूसरे जानवर आवाज और बॉडी मूवमेंट के जरिए बात करते हैं. मंकीज कम्युनिकेशन के लिए आवाज, हाथों की हरकत और बॉडी लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हैं... लेकिन इन सभी का एक दायरा है, इन सभी की एक सीमा है... हम मानवों के पास इन सबसे बढ़कर कुछ है, जो इन प्रजातियों के पास नहीं है... ये है भाषा... 

अनगिनत विचारों को शब्दों में बांधना वो प्रक्रिया है, जो हमें इन कम विकसित प्रजातियों से हजारों साल आगे कर देती है. इसे ही भाषा का नाम दिया जाता है... आज हम भाषा के विकास के इसी क्रम को समझेंगे झरोखा में.

ये भी देखें- Operation Polo : जब भारतीय सेना ने हैदराबाद निजाम का घमंड किया था चूर

भाषाएं कैसे पैदा हुईं? (How were languages born?)

भाषाएं कैसे पैदा हुईं? (How languages were born?) इस सवाल के जवाब में एक थ्योरी जो हर जगह सामने आती है, वो ह्युमन ने जिंदगी को बेहतर करने के लिए इसे बनाया और सदियों की यात्रा के बाद ये भाषा को सही रूप में ढाला... मनुष्यों ने इसे तब बनाया जब उसने शिकार करने, खेती करने और प्रकृति के कहर से खुद को बचाने की जरूरत को महसूस किया... सोशल इंटरैक्शन भी इसका एक पहलू था..

लैंग्नेज की वजह से हम अपने थॉट्स, आइडिया, इमोशंस और इंटेंशन को दूसरों से शेयर कर पा रहे हैं... हजारों साल की यात्रा के बाद मनुष्य ने एक ऐसा सिस्टम तैयार कर लिया है जिसमें आवाज के खास मायने तय हो चुके हैं, ग्रामर शब्दों का गढ़कर एक लैंग्वेज बना चुका है... कई लैंग्वेजेस ने जहां रिटन फॉर्म को डेवलप किया है, वहीं कुछ भाषाएं ऐसी हैं जो आज भी विजुअली काम करती हैं, जैसे अमेरिकन साइन लैंग्वेज.

दुनिया में 7 हजार भाषाएं

Ethnologue.com वेबसाइट की मानें तो आज दुनिया में लगभग 7,000 लैंग्वेज बोली जाती हैं. इन लैंग्वेज का सिर्फ एक हिस्सा यानी 359 ही ग्लोबल है. ये 359 भाषाएं दुनिया में लाखों लोग बोलते हैं. इनमें मैंडेरिन चाइनीज, अंग्रेजी, स्पेनिश और हिंदी शामिल हैं. बाकी 6,550 भाषाओं का दायरा सिमटा हुआ है, और कई तो पूरी तरह लुप्त होने की कगार पर हैं. दुनिया की 94% आबादी 6% भाषाएं बोलती है, जबकि दुनिया की 6% आबादी 94% भाषाएं बोलती है.

कई भाषाएं खत्म हो चुकी हैं और कुछ खत्म होने वाली हैं. जिस देश से ज्यादातर भाषाएं लुप्त होने वाली हैं, वह अमेरिका है. देश में कई अमेरिकन-इंडियन ट्राइब्स की जातियां अपनी पहचान छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो रही हैं, ये अंग्रेजी बोल रही हैं और अपनी भाषाओं को छोड़ रही हैं.

ये भी देखें- Noor Inayat Khan : Adolf Hitler की सेना से लड़ने वाली भारत की बेटी नूर इनायत खान

इंडो-यूरोपीय फैमिली की लैंग्वेज (Indo-European languages) जैसे अंग्रेजी, स्पेनिश और पुर्तगाली उपनिवेशवाद के दौर में दुनिया भर में फैलीं.

क्या कहता है Linguistic Diversity Index

Linguistic Diversity Index किसी देश के मल्टीकल्चर नेचर को दिखाता है. किसी देश में हाई लिंग्विस्टिक डाइवर्सिटी है. ऐसा वहां की जियोग्राफिक पोजिशन और ट्रेड रूट की वजह से है. सिल्क रूट का हिस्सा रहे कजाखस्तान में ये डाइवर्सिटी ज्यादा दिखाई देती है. और भी कई देशों में ये डाइवर्सिटी हाई है, इसमें बोलिविया, भारत भी हैं. ऐसे देश जहां ये डाइवर्सिटी लो है, वे हैं जापान और नॉर्वे.

Linguistic Diversity Index का पैमाना 0 से 1 तक होता है. 0 इंडैक्स ऐसे देशों को दिखाता है जहां कोई भी लैंग्वेज डाइवर्सिटी नहीं है. मतलब कि पूरी आबादी एक ही भाषा को बोलती है और 1 का इंडैक्स पूरी तरह डाइवर्सिफाई देशों की लिस्ट दिखाता है. इसका मतलब है कि आबादी में लोग एक जैसी भाषा नहीं बोलते हैं. किसी भी देश की इंडैक्स वैल्यू न तो एक्जैक्टली 0 है और न ही एक्जैक्टली 1.

इंडैक्स भले कुछ कहे लेकिन कुछ ऐसे देश हैं जहां पूरी आबादी एक ही भाषा बोलती है. Falkland Islands एक ऐसा देश है जहां लगभग पूरी आबादी अंग्रेजी बोलती है. ये भाषा 18वीं सदी में यहां ब्रिटिशर्स के आने के साथ आई थी. वैटिकन सिटी एक दूसरी होमोजीनियस जगह है. इस देश में लगभग सभी लोग इटैलियन ही बोलते हैं.

इंडो-यूरोपीय भाषाएं और द्रविड़ियन भाषाएं

भारत में बोली जाने वाली भाषाएं कई भाषा परिवारों से जुड़ी हुई हैं. इसमें सबसे बड़ी संख्या है इंडो-यूरोपीय भाषाओं और द्रविड़ियन भाषाओं की, जिसे 78.05% और 19.64% भारतीय बोलते हैं. बाकी 2.31% आबादी जिस भाषा को बोलती है वह ऑस्ट्रोएशियाटिक, चीन-तिब्बती, ताई-कडाई और कुछ दूसरे छोटे भाषा परिवारों की हैं और अलग-थलग हैं. भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा भाषाएं बोली जाती हैं, इनकी संख्या अभी 447 है... भारत से पहले Papua New Guinea (840), Indonesia (710), और Nigeria (524) का नंबर है.

ये भी देखें- Verghese Kurien Journey With AMUL : वर्गीज कुरियन की लीडरशिप में AMUL ने किया 'चमत्कार'

भारत की जनगणना (Census of India) में सामने आ चुका है कि देश में 122 प्रमुख भाषाएं हैं और 1599 दूसरी भाषाएं हैं. हालांकि ये आंकड़े दूसरे सोर्सेज पर अलग रूप में भी दिखाए गए हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि भाषा और बोली का फर्क भी बदलता रहता है. 2001 की जनगणना में 30 भाषाओं को दर्ज किया गया था. ये वह भाषाएं थीं जिन्हें 10 लाख से ज्यादा लोग बोलते थे. तब 122 भाषाएं ऐसी थी जो 10,000 से ज्यादा लोग बोलते थे. देश में 57 फीसदी से ज्यादा आबादी हिंदी बोलती है.

मुगल काल में हुआ हिन्दी और उर्दू का विकास

आइए अब हिन्दी की बात करते हैं... इस भाषा की बात करने पर दो भाषाएं सामने आती हैं, हिन्दी और उर्दू... इन दोनों का विकास देश में मुगल काल में हुआ जब पारसी भाषा का भारतीय बोलियों पर और खासतौर से सेंट्रल इंडिया पर खासा प्रभाव था. इसी दौर में भाषा को हिंदुस्तानी भाषा का नाम दिया गया. 

किसी भी भाषा की औसत उम्र 1 हजार साल होती है. संस्कृत ने मगधी प्राकृत, सौरासेनी प्राकृत, पेशाची प्राकृत, पाश्चात्य प्राकृत, सेंधावी प्राकृत, मालावी प्राकृत और महर्षत्री प्राकृत को जन्म दिया. मगधी प्राकृत ने उड़िया, बंगाली, असमी, अंगिका और मैथली को जन्म दिया. इन भाषाओं में 'का' को पास्ट टैंस में इस्तेमाल किया जाता था और फ्यूचर टैंस में 'बा' को.

भारत में क्षेत्रीय भाषाओं का जन्म कैसे हुआ?

मगधी प्राकृत की दूसरी शाखा से मगही, भोजपुरी, छत्तीसगढ़ी और नागपुरिया भाषा निकली. इसमें 'का' को प्रेजेंट टैंस में इस्तेमाल नहीं किया जाता था. महर्षत्री प्राकृत की शाखा से दांगी भाषा निकली जो गुजराती और मराठी का मिश्रण थी. दांगी की साथी कई दूसरी भाषाएं भी थी जिसमें नेवाड़ी, बराड़ी आदि भाषाएं थीं.

यही भाषाएं दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं के पैदा होने की वजह बनी. हालांकि ओल्ड तमिल भाषा भारत की सबसे पुरानी भाषा है और इसका इतिहास 5 हजार साल से भी ज्यादा पुराना है. उत्तर भारत की सभी भाषाएं संस्कृत से ही निकली जिसमें उड़िया, मराठी और कोंकणी भी है. लेकिन दक्षिण भारत की 5 द्रविड़ियन भाषाएं इससे अलग थी जिसमें कन्नड़, तमिल, मलयालम और तेलुगु शामिल है. तमिल में संस्कृत के शब्द 7 फीसदी हैं जबकि मलयालम में 74 फीसदी. 

इस्लामिक शासन की शुरुआत में पारसी थी भारत की आधिकारिक भाषा

इस्लामिक शासन (Islamic Rule in India) के पहले हिस्से में पारसी भारत की आधिकारिक भाषा थी. ये भाषा आधिकारिक तो थी लेकिन भारत से निकली हुई नहीं थी. लेकिन आम लोग और दिल्ली के आसपास के लोगों ने एक बोलचाल की भाषा का विकास कर लिया था जिसे मिलिट्री कैंप्स और बाजार में इस्तेमाल किया जाता था. ये हरियाणवी, पारसी और तुर्की का मिला जुला रूप था. इसमें पारसी और तुर्की शब्दकोष थे जबकि उच्चारण और बात खत्म करने का लहजा हरियाणवी था. 

Academia.edu की मानें तो मुगल बादशाह शाहजहां के दौर में इस भाषा को हिंदुस्तानी या उर्दू बोली कहा जाने लगा था. उर्दू इसलिए क्योंकि मिलिट्री कैंप में वर्दी पहनने वाले सैनिक इसे बोलते थे. वर्दी से ही उर्दू बन गया. बड़े शहरों में मिलिट्री कैंट थे और इनके एरिया को उर्दू बाजार कहा जाने लगा. गोरखपुर जैसे शहरों में हम आज भी उर्दू बाजार देख सकते हैं. उर्दू बाजार का उर्दू भाषा से कुछ भी रिश्ता नहीं था, बल्कि ये तो मिलिट्री मार्केट था.

अब एक दौर ऐसा आया जब शाहजहां को लगा कि पारसी भारत से निकली हुई भाषा नहीं है और आम लोग इसे अपना नहीं पा रहे हैं, तब उसने उर्दू को आधिकारिक भाषा बना दिया. ऐसा करने के लिए ग्रामर को भी बदला गया. हालांकि, ये ऐसा वक्त था जब बंगाल में कोर्ट लैंग्वेस बंगाली थी, बिहार में आधिकारिक भाषा मैथली, मगही और भोजपुरी थी. उर्दू और हिंदी के रिश्ते की बात करें तो पारसी और अरबी स्क्रिप्ट में लिखी भाषा उर्दू हुई और संस्कृति के साथ देवनागरी में लिखी गई भाषा हिंदी हुई. 

उर्दू मुस्लिमों की भाषा बनी, हिन्दी हिंदुओं की

राजनीतिक, सोशल और व्यवहार के मुताबिक उर्दू मुस्लिमों की भाषा कही जाने लगी और हिंदी हिंदुओं की... ये तो बात हुई मुगलों के दौर की...

आज हिंदी की दो तरह से चलन में है  - पश्चिमी हिंदी, जो दिल्ली और आसपास के इलाके में जन्मी. इसमें हिंदी और उर्दू शामिल हैं; और पूर्वी हिंदी, जो मुख्य रूप से मध्य उत्तर प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश में बोली जाती है. इसका सबसे उन्नत साहित्य अवधी बोली (या हिंदुस्तानी) में मिलता है. हिंदी की दूसरी बोलियां ब्रजभाषा, बुंदेली, अवधी, मारवाड़ी, मैथिली और भोजपुरी हैं.

बिहारी सही मायने में 3 भाषाओं के ग्रुप का नाम है, ये हैं भोजपुरी, मैथिली और मगधी. ये भाषा मुख्य रूप से बिहार में बोली जाती है. इस भाषा को बड़ी संख्या में लोग बोलते हैं लेकिन यह संवैधानिक भाषा नहीं है. बंगाली भाषा पश्चिम बंगाल में और बांग्लादेश की लगभग पूरी आबादी बोलती है. हिंदी की तरह, यह संस्कृत से निकली है, और इसका साहित्य किसी भी आधुनिक भारतीय भाषा में सबसे व्यापक है. उड़िया, बंगाली और असमिया सभी एक ही पूर्वी मगधी अपभ्रंश से आते हैं और इन्हें सिस्टर लैंग्वेज माना जाता है.

ये भी देखें- Feroze Gandhi : फिरोज ने कर दिया था नेहरू की नाक में दम, जानें इंदिरा से रिश्ते का सच

पंजाब में बोली जाने वाली पंजाबी, पाकिस्तान और भारत के हिस्से में बोली जाती है. सिख धर्म की पवित्र शिक्षाओं को पंजाबी में गुरुमुखी लिपि में लिखा गया है. भारत में पंजाबी हिंदी भाषा के बेहद नजदीक है. पाकिस्तान में बोली जाने वाली पंजाबी से भारत की पंजाबी कुछ अलग है.  सिंधी वास्तव में वैदिक संस्कृत की कुछ बोलियों की एक शाखा है. अविभाजित भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, कभी न खत्म होने वाले आक्रमणकारियों के हमले को झेलने वाली पहली जमीन था और इसने हिंदी, फारसी, अरबी, तुर्की, अंग्रेजी और यहां तक ​​कि पुर्तगाली भाषा को भी अपना लिया. सिंध वह जगह है जहां फारसी और भारतीय संस्कृतियां मिलती थीं.

हिन्दी को भारत में राजभाषा का दर्जा 

हिन्दी को भारत की राजभाषा का दर्जा मिला हुआ है. 9 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों में ये आधिकारिक भाषा है. भारत के पड़ोस में नेपाल में 80 हजार लोग हिंदी बोलते हैं वहीं दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका में भी हिंदी का दबदबा है. अमेरिका में 6 लाख से ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं. मॉरीशस की भाषा पर नजर डालें तो एक तिहाई लोग यहां हिंदी भाषा बोलते हैं. मॉरिशस में बड़ी आबादी भोजपुरी भाषा भी बोलती है. हिन्दी ने आज सरहदें लांघ दी हैं. फिजी में भी हिंदी को आधिकारिक दर्जा मिला हुआ है,  Trinidad and Tobago, Guyana और Suriname में भी कैरेबियन हिंदुस्तानी बोली जाती है. हिंदी आज दुनिया की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है.

Hindi diwasHistory of Hindi

Recommended For You

editorji | भारत

History 05th July: दुनिया के सामने आई पहली 'Bikini', BBC ने शुरू किया था पहला News Bulletin; जानें इतिहास

editorji | एडिटरजी स्पेशल

History 4 July: भारत और अमेरिका की आजादी से जुड़ा है आज का महत्वपूर्ण दिन, विवेकानंद से भी है कनेक्शन

editorji | एडिटरजी स्पेशल

Hathras Stampede: हाथरस के सत्संग की तरह भगदड़ मचे तो कैसे बचाएं जान? ये टिप्स आएंगे काम

editorji | एडिटरजी स्पेशल

History 3 July: 'गरीबों के बैंक' से जुड़ा है आज का बेहद रोचक इतिहास

editorji | एडिटरजी स्पेशल

History: आज धरती के भगवान 'डॉक्टर्स' को सम्मानित करने का दिन, देखें इतिहास