History 10 June: 10 जून, साल था 1986, ऐतिहासिक लॉर्ड्स का मैदान और टेस्ट क्रिकेट में भारत के सामने थी इंग्लैंड की चुनौती, तभी आखिरी गेंद पर भारतीय कप्तान कपिल देव ने ऐसा शॉट मारा की बॉल सीधे बाउंड्री के बाहर. इधर अम्पायर ने दोनों हाथ उठा सिक्स का इशारा किया और उधर पूरा स्टेडियम झूम उठा. ये वो मौक़ा था जब भारत ने पहली बार लॉर्ड्स के मैदान पर टेस्ट क्रिकेट में जीत हासिल की थी. इससे पहले लॉर्ड्स पर खेले गए 10 मैचों में से भारत को 8 में हार मिली और 2 ड्रॉ हुए थे. भारत ने इस सीरीज से पहले विदेशी धरती पर कुल 105 टेस्ट मैच खेले थे जिनमें से 51 मैच टीम हार चुकी थी, 44 ड्रॉ हुए थे और केवल 10 मैचों में ही भारतीय टीम को जीत मिली थी. भारतीय टीम ने बैटिंग और बॉलिंग का बढ़िया कॉम्बिनेशन मैदान में उतारा था. कपिल देव की कप्तानी में रोजर बिन्नी, चेतन शर्मा, मोहिंदर अमरनाथ, रवि शास्त्री, मनिंदर सिंह, सुनील गावस्कर, कृष्णामचारी श्रीकांत, दिलीप वेंगसरकर, मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे खिलाड़ी मैदान में थे.
इतिहास के दूसरे अंश में बात 'संडे' की होगी. संडे यानी छुट्टी का दिन. बैंक, स्कूल, ऑफिस सब बंद और दिनभर की फुर्सत. लेकिन क्या आपको पता है संडे के दिन सब कुछ बंद रखने की शुरुआत कब हुई थी? इस सवाल का जवाब है आज से 134 साल पहले. 10 जून 1890 ये वो दिन था जब ब्रिटिशर्स ने संडे को छुट्टी की घोषणा की थी. इससे पहले तक हफ्ते के सातों दिन काम करना पड़ता था. आइये जानते हैं ब्रिटिशर्स ने संडे के दिन को ही छुट्टी का दिन क्यों चुना? ईसाई लोगों के लिए संडे का दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था. इस दिन ईसाई लोग चर्च में जाकर प्रार्थना करते हैं. इसी वजह से ब्रिटिश लोग संडे के दिन कामकाज नहीं करते थे, लेकिन भारतीयों को काम करना पड़ता था. धीरे-धीरे कपड़ा मिल में काम करने वाले भारतीय मजदूरों में भी ये मांग उठने लगी कि उन्हें भी हफ्ते में एक दिन काम से छुट्टी दी जाए. मजदूरों की इस मांग को ब्रिटिशर्स तक पहुंचाने की जिम्मेदारी नारायण मेघाजी लोखंडे को मिली थी. 7 सालों तक मजदूरों की मांग को लेकर लोखंडे और अंग्रेजों की बीच बातचीत चलती रही. तब जाकर 10 जून 1890 आधिकारिक तौर पर सभी के लिए संडे की छुट्टी का ऐलान हुआ.
इतिहास के तीसरे अंश मे बात मशहूर अभिनेता, लेखक और फ़िल्मकार गिरीश कर्नाड की करेंगे. आज उनकी पुण्यतिथि है. 10 जून 2019 को लम्बी बिमारी के बाद एक्टर गिरीश कर्नाड का बेंगलुरु में निधन हो गया था. उनकी उम्र 81 साल थी और उनके मौत की वजह उनके मल्टीपल ऑर्गेन खराब होने की बताई गई थी. भारतीय सिनेमा के इतिहास में गिरीश कर्नाड की पहचान के मोहताज नहीं थे. उन्होंने फिल्मों में एक्टिंग के अलावा नाटक, स्क्रिप्ट लिखना और निर्देशन में अपना ज्यादातर जीवन लगा दिया. गिरीश कर्नाड को 1978 में फिल्म भूमिका के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था. उन्हें 1998 में साहित्य के प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ के लिए भी अवॉर्ड दिया गया.
1977: एपल ने एपल-2 नाम से कंप्यूटर लॉन्च किया। यह आम लोगों के लिए एपल का बनाया हुआ पहला प्रोडक्ट था.
1971: अमेरिका ने चीन पर लगे 21 साल पुराने व्यापार प्रतिबंध को खत्म कर दिया.
1967: इजराइल और अरब देशों के बीच 6 दिन के युद्ध का अंत हुआ.
1946: राजशाही खत्म होने के बाद इटली गणतांत्रिक राष्ट्र बना.
1935: दो दोस्त बिल बिलस्न और रॉबर्ट स्मिथ ने मिलकर Alcoholics Anonymous नाम से एक ग्रुप बनाया था.
1752: बेंजामिन फ्रैंकलिन ने आकाशीय बिजली और विद्युत में संबंध पता करने के लिए पतंग को लोहे के तार से बांधकर उड़ाया.