On This Day in History 12 June: 12 जून का दिन भारतीय राजनीति के इतिहास में किसी भूचाल से कम नहीं था. साल था 1975 सुबह के करीब 10 बजे थे. इलाहाबाद कोर्ट के परिषर में पैर रखने भर की भी जगह नहीं थी. इन सब अफरा-तफरी के बीच जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा (Justice Jagmohan Lal Sinha) अपने चैंबर से कोर्ट रूम में आए. रूम में मौजूद सभी लोग अपनी-अपनी जगह पर खड़े हो गए. इसके बाद जस्टिस सिन्हा ने फैसला पढ़ना शुरू किया. फैसले में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Prime Minister Indira Gandhi) को चुनाव में धांधली करने का दोषी पाते हुए उनका चुनाव रद्द कर दिया. साथ ही ये भी कहा कि आने वाले 6 साल तक वे चुनाव नहीं लड़ सकेंगी. इंदिरा गांधी उस वक्त देश की प्रधानमंत्री थीं और किसी भी हालत में सत्ता छोड़ने को तैयार नहीं थीं. इस फैसले के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट भी गईं, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली. आखिरकार इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगा दी. इस पूरे मामले की शुरुआत होती है साल 1971 से जब देश में लोकसभा चुनाव हुए और कांग्रेस को जबरदस्त जीत मिली. कुल 518 में से कांग्रेस ने 352 सीटें जीतीं और प्रधानमंत्री बनीं इंदिरा गांधी. उन्होंने अपनी पारंपरिक सीट उत्तर प्रदेश के रायबरेली से जीत दर्ज की. इंदिरा ने एक लाख से भी ज्यादा वोट से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के राजनारायण को हराया था. राजनारायण अपनी जीत को लेकर इतना आश्वस्त थे इधर इंदिरा चुनाव जीतकर संसद चली गईं, उधर राजनारायण चुनाव हारकर कोर्ट चले गए. 18 मार्च साल 1975 में इंदिरा गांधी को कोर्ट में पेश किया गया. तमाम गवाहों और सबूतों को ध्यान में रखकर आज ही के दिन उन्हें ये सजा सुनाई गई थी.
इतिहास के दूसरे अंश में बात अफ़्रीकी गांधी नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) की करेंगे. 12 जून साल 1964 ये वो दिन था जब नेल्सन मंडेला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. बाद में अगस्त 1962 में उन्हें गिरफ्तार किया गया. उन पर आरोप था कि वे गैरकानूनी ढंग से देश से बाहर जाकर देश में तख्तापलट करने की साजिश रच रहे हैं. इसके बाद अगले 27 साल तक मंडेला जेल में ही रहे. कारावास के दौरान ही मंडेला दुनियाभर में लोकप्रिय हो गए और पूरे अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ लड़ने वाले सबसे बड़े नेता बन गए. साल 1990 में उनकी रिहाई हुई. रंगभेद की लड़ाई लड़ते हुए वे साल 1994 में अफ्रीका के राष्ट्रपति बने. लोग प्यार से उन्हें मदीबा कह कर पुकारते थे. 5 दिसंबर साल 2013 में उनका निधन हुआ था.
इतिहास के तीसरे अंश में बात लुईस हैस्लेट (Lewis Haslett) की होगी. 12 जून साल 1849 को लुईस हैस्लेट ने 'गैस मास्क' के लिए पेटेंट अपने नाम किया था. गैस मास्क एक क्रांतिकारी आविष्कार था जिसने अनगिनत लोगों की जान बचाई और औद्योगिक सुरक्षा के भविष्य को आकार दिया. लुईस हैसलेट के गैस मास्क को हानिकारक गैसों और धुएं के खिलाफ एक अवरोध प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जो खतरनाक वातावरण के संपर्क में आने वालों को श्वसन सुरक्षा प्रदान करता था. मास्क में एक रबर फेसपीस शामिल था जो नाक और मुंह को ढकता था, जो विषाक्त पदार्थों को सांस में जाने से रोकने के लिए एक वायुरोधी सील प्रदान करता था.
2013: भारत में 163 साल से चली आ रही टेलीग्राम सेवा को बंद करने की घोषणा की गई.
1994: बोइंग-777 ने अपनी पहली उड़ान भरी। उस समय इस विमान में दुनिया का सबसे बड़ा ट्विन जेट इंजन लगाया गया था.
1990: इंडियन नेशनल सैटेलाइट (INSAT-1D) को लॉन्च किया गया.
1990: रूस ने खुद को संप्रभु राष्ट्र घोषित किया। 1992 से हर साल 12 जून को रूस दिवस मनाया जाता है.
1924: अमेरिका के 41वें राष्ट्रपति जॉर्ज हर्बर्ट वॉकर बुश का जन्म हुआ.
1897: असम में भूकंप से करीब 1500 लोगों की मौत हुई.
1849: गैस मास्क के लिए लुई हैस्लेटो को पेटेंट मिला.